हमारे गुरु मिले ब्रम्हज्ञानी, पाई अमर निशानी । गुरु मिले ब्रम्हज्ञानी हमारे गुरु मिले ब्रम्हज्ञानी काग पलट गुरु हंसा किन्हे, दीन्हि नाम निशानी । हंसा पहुंचे सुख-सागर पर, मुक्ति भरे जहाँ पानी ॥ गुरु मिले ब्रम्हज्ञानी, हमारे गुरु मिले ब्रम्हज्ञानी ॥ जल विच कुम्भ,कुम्भ विच जल है, बाहर भीतर पानी । विकस्यो कुम्भ जल जल ही समाना, यह गति विरले …
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वन्दे सन्तं हनुमन्तं
वन्दे सन्तं हनुमन्तं। राम भक्तं बलवन्तं॥ ज्ञान पण्डित, अन्जनतन्यं। पावना पुत्र, भकरतेजं॥ वायुदेवं वानरवीरं। सचिदनदं प्रानदेवं॥ रामभक्तं बलवन्तं। वन्दे सन्तं हनुमन्तं॥ वायुदेवं वानरवीरं। त्रिनिदादें प्रानदेवं, सचिदनदं प्रानदेवं॥ जै पवनसुत्त रामदूत की जै॥ wish4me to English vande santan hanumantan. raam bhaktan balavantan. gyaan pandit, anjanatanyan. paavana putr, bhakaratejan. vaayudevan vaanaraveeran. sachidanadan praanadevan. raamabhaktan balavantan. vande santan hanumantan. vaayudevan vaanaraveeran. trinidaaden praanadevan, …
Read More »लोकनायक श्रीकृष्ण
कहा जाता है कि जिसे किसी का आसरा नहीं उसे महादेव के यहां आश्रय मिलता है । अंधे, पंगु, अपंग और पागल ही नहीं बल्कि भूत – प्रेत, विषधर सर्प वगैरह भी महदेव के पास आश्रय पा सकते हैं । विष्णु की कीर्ति इस रूप में नहीं गायी गयी, फिर भी वह दीनानाथ हैं । श्रीकृष्णावतार तो दीन दुखी और …
Read More »अक्षय तृतीया का महात्म्य
वैशाख शुक्ल तृतीया को अक्षय तृतीया कहते हैं। यह सनातन धर्मियों का प्रधान त्यौहार है। इस दिन दिए हुए दान और किए हुए स्नान, होम, जप आदि सभी कर्मों का फल अनंत होता है – सभी अक्षय हो जाते हैं; इसी से इसका नाम अक्षया हुआ है। इसी तिथि को नर-नारायण, परशुराम और हयग्रीव-अवतार हुए थे; इसलिए इस दिन उनकी …
Read More »नवधा भक्ति
प्रथम भगति संतन कर संगा | दूसरि रति मम कथा प्रसंगा || गुर पद पंकज सेवा तीसरि भगति अमान | चौथि भगति मम गुन गन करइ कपट तज गान || मंत्र जाप मम दृढ़ बिस्वासा | पंचम भजन सो बेद प्रकासा || छठ दम सील बिरति बहु करमा | निरत निरंतर सज्जन धर्मा || सातव सम मोहि मय जग देखा …
Read More »मेरे पिता (Effect of a drunken father on his sons)
किसी शहर में दो भाई रहते थे . उनमे से एक शहर का सबसे बड़ा बिजनेसमैन था तो दूसरा एक ड्रग -एडिक्ट था जो अक्सर नशे की हालत में लोगों से मार -पीट किया करता था . जब लोग इनके बारे में जानते तो बहुत आश्चर्य करते कि आखिर दोनों में इतना अंतर क्यों है जबकि दोनों एक ही माता-पिता की …
Read More »Ahoi ashtami (Ahoi Ashtami)
अहोई अष्टमी का व्रत सन्तान की उन्नति, प्रगति और दीर्घायु के लिए होता है| यह व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी को किया जाता है| दीपावली के ठीक एक हफ्ते पहले पड़ती है l विधि– व्रत करने वाली स्त्री को इस दिन उपवास रखना चाहिए| सायं काल दीवार पर अष्ट कोष्ठक की अहोई की पुतली रंग भरकर बनाएँ| चाहें तो …
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