एक समय की बात थी लीलाधारी परमेश्वर शिव एकान्त में बैठे हुए थे। वहीं सती भी विराजमान थीं। आपस में वार्तालाप के प्रसंग में भगवान् शिव के मुख से सती के श्यामवर्ण को देखकर ‘काली’ यह शब्द निकल गया। ‘काली’ यब शब्द सुनकर सती को महान् दुःख हुआ और कहा—‘महाराज! आपने मेरे कृष्ण वर्ण को देखकर मार्मिक वचन कहा है। …
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शिव और शक्ति
शिव’ और ‘शक्ति’- ये परम शिव अर्थात् परम तत्त्व के दो रुप हैं। शिव कूटस्थ तत्त्व है और शक्ति परिणामिनी है। विविध वैचित्र्यपूर्ण संसार के रुप में अभिव्यक्त शक्ति का आधार एवं अधिष्ठान शिव है। शिव अव्यक्त, अदृश्य, सर्वगत एवं अचल आत्मा है। शक्ति दृश्य, चल एवं नाम-रुप के द्वारा व्यक्त सत्ता है। शक्ति-नटी शिव के अनन्त, शान्त एवं गम्भीर …
Read More »परम शैव भगवान विष्णु की शिवोपासना
समय के परिवर्तन से कभी तो देवता बलवान हो जाते हैं और कभी दानव। एक बार दानवों की शक्ति बहुत अधिक हो गयी और वे देवों को बहुत अधिक कष्ट पहुंचाने लगे। देवता बहुत संत्रस्त और संतप्त हुए। इसलिए अपने दु:खों की निवृत्ति के लिए भगवान विष्णु के समीप गए और उनकी स्तुति करने लगे। स्तुति से प्रसन्न होकर विष्णु …
Read More »आखिर क्यों दिया था माता पार्वती ने भगवान शिव, विष्णु, नारद, कार्तिकेय और रावण को श्राप!!
एक बार भगवान शंकर ने माता पार्वती के साथ जुआ खेलने की अभिलाषा प्रकट की। खेल में भगवान शंकर अपना सब कुछ हार गए। हारने के बाद भोलेनाथ अपनी लीला को रचते हुए पत्तों के वस्त्र पहनकर गंगा के तट पर चले गए। कार्तिकेय जी को जब सारी बात पता चली, तो वह माता पार्वती से समस्त वस्तुएँ वापस लेने …
Read More »समुद्र मंथन से प्राप्त दूसरा रत्न – कामधेनु
भगवान शंकर के विष ग्रहण करने के बाद देवताओं और दैत्यो ने मंथन आरम्भ किया। समुद्र के चारों ओर बड़े जोर की आवाज उत्पन्न हुई। देव और असुरों ने जब सिर उठाकर देखा तो पता चला कि यह साक्षात सुरभिकामधेनु गाय थी। इस गाय को काले, श्वेत, पीले, हरे तथा लाल रंग की सैकड़ों गौएं घेरे हुई थीं। उस समय …
Read More »चिकित्सकों के चिकित्सक भगवान शिव
भगवान रुद्र ने ओषधियों का निर्माण करके जगत का इतना कल्याण किया है कि वेद ने भी भगवान शंकर सम्पूर्ण शरीर को ही भेषज मान लिया है । कहा है कि – या ते रुद्र शिवा तनू शिवा विश्वस्य भेषजी । शिवा रुद्रस्य भेषजी तया नो मृड जीवसे ।। सचमुच आयुर्वेद भगवान शिव के रूप में ही अभिव्यक्त हुआ था, …
Read More »शिवराजा महेश्वरा
जया शंकर शिवा शम्भो शम्भो शम्भो जया शंकर शिवा शम्भो [To English wish4me] Jaya Shankar Shiva Shambho Shambho Shambho Jaya Shankar Shiva Shambho
Read More »बम बम भोले
शिव शिव शिव शिव शिव शिवा शिवा शिवा शिवा बम बम भोला, हर हर हर हर हर हर हर हर हर बम बम भोला, भोलेनात उमापति शांबो शंकर पशुपति (3) शिव शिव शिवा; हर हर हरा हर हर हरा; शिव शिव शिवा [To English wish4me] Shiv Shiv Shiv Shiv Shiv Shiva Shiva Shiva Shiva Bam Bam Bhola, Har Har Har …
Read More »भोला शंकर भोला
हर भोला शंकर भोला शैलेश्वरा हर विषम्भरा हर सूर्या चंद्रा प्रलयगञी नेत्रा धारा शक्ति सहित शिवा नतन मनोहर शक्ति, सहित शिवा नतन मनोहर भोला हर भोला हर हर भोला शंकर भोला [To English wish4me] Har Bhola shankar Bhola Shaileshwara har Vishambhara har Surya chandra pralayagni netra dhara Shakti sahit shiva natan manohar Shakti, sahit shiva natan manohar Bhola har bhola …
Read More »भगवान शिव के लिए माता पार्वती ने किया था घोर तप
शिवपुराण में कथा है कि ब्रह्माजी के आदेशानुसार भगवान शंकर को वरण करने के लिए पार्वती ने कठोर तप किया था। ब्रह्मा के आदेशोपरांत महर्षि नारद ने पार्वती को पंचाक्षर मंत्र ‘शिवाय नमः’ की दीक्षा दी। दीक्षा लेकर पार्वती सखियों के साथ तपोवन में जाकर कठोर तपस्या करने लगीं। उनके कठोर तप का वर्णन शिवपुराण में आया है। माता-पिता की …
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