जब सिकंदर भारत आया तब उसकी मुलाकात एक फकीर से हुई। सिकंदर को देख फकीर हंसने लगा। इस पर सिकंदर ने सोचा, ‘ये तो मेरा अपमान है’ और फकीर से कहा, ‘या तो तुम मुझे जानते नहीं हो या फिर तुम्हारी मौत आई है’ जानते नहीं में सिकंदर महान हूं। इस पर फकीर और भी जोर जोर से हंसने लगा। …
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होवे फुल्लां दी वरखा मन्दिर ते
फुल्लां दे नाल सजिया देखो रानी माँ दा मंदिर खिड़ खिड़ कर के हस्दी दाती सज्ज के बैठी अंदर चरना दे विच्च झुक गए आके अकबर जहे सिकंदर भंगड़े पाउँदै भगत मैया दे सब बन गए मस्त कलंदर माँ खुश है मस्त कलंदरां ते, होवे फुल्लां दी वरखा मन्दिर ते साजिया फुल्लां दे नाल माँ दा दरबार है शेर ते …
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