एक बार की बात है दो व्यक्ति थे, जिनका नाम था मामा और फूफा। मामा और फूफा दोनों व्यापार करते थे और दोनों व्यापार में सहभागी थे। मामा ने फूफा से कहा,” फूफा क्यों ना हम कोई ऐसी वस्तु खरीद लें जो जल्दी खराब ना हो और उसकी कीमत भी बढती रहे; फिर हम उसे कुछ वर्षो बाद बेचें जिससे …
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“आपसी तालमेल…..
सुधा जी अपने कमरे में बड़बड़ाती हुए घुसी….सब अपने मन की करते रहते है….मेरी तो कोई सुनता ही नहीं है….पत्नी का चेहरा गुस्से से तमतमाए देखते हुए मोहनबाबू ने पूछा….क्या हो गया सुधा….किस पर बड़बड़ा रही हो…हूं….. पूछ तो ऐसे रहे हो जैसे कुछ जानते ही नहीं…..वही तुम्हारी लाडली बहू…..आज उसका मन हो गया कि एयर कंडीशन खरीदना है तो …
Read More »सिंहासन बत्तीसी की 22वीं कहानी – अनुरोधवती पुतली की कथा!!
राजाभोज एक बार फिर सिंहासन की ओर बढ़े और तभी 22वीं पुतली अनुरोधवती वहां पर आ गई। उसने राजाभोज से कहा कि मैं तुम्हें राजा विक्रमादित्य की एक कहानी सुनाऊंगी उसके बाद यह फैसला करना कि आप सिंहासन पर बैठने लायक हो या नहीं। इसके बाद 22वीं पुतली ने कहानी सुनाना शुरू किया। राजा विक्रमादित्य कला प्रेमी थी और अच्छे …
Read More »तेनालीराम और नीलकेतु की कहानी!!
एक बार राजा कृष्णदेव राय के दरबार में नीलकेतु नाम का एक व्यक्ति आया। नीलकेतु काफी दुबला-पतला व्यक्ति था। वो दरबार में पहुंचा और राजा कृष्णदेव राय को बताया कि वो नीलदेश से आया है और अभी वो विश्व देखने के लिए यात्रा पर निकला है। उसने राजा को यह भी बताया कि सभी जगह घूमने के बाद वो राजा …
Read More »रामायण की कहानी: लक्ष्मण जी नहीं सोए 14 साल!!
रामचंद्र जी को जब उनके पिता दशरथ राजपाट सौंपने वाले थे, तभी उनकी दूसरी पत्नी कैकेयी को उनकी दासी मथंरा ने खूब भड़काया। मंथरा ने कहा कि राजा तो आपके बेटे भरत को बनना चाहिए। इसके बाद कैकेयी ने राजा दशरथ से दो वर मांगे, पहला भरत को गद्दी मिलनी चाहिए और दूसरा राम को 14 वर्ष तक वन में …
Read More »रामायण की कहानी: कुंभकरण की नींद!!
रामायण में रावण के भाई कुम्भकरण की भूमिका भी अद्भुत है। वो अपने विशाल शरीर और अपनी भूख से ज्यादा अपनी गहरी नींद के लिए जाना जाता था। माना जाता है कि राक्षस वंश का होने के बावजूद कुम्भकरण बुद्धिमान और बहादुर था। उसकी ताकत से देवराज इंद्र भी ईर्ष्या करते थे। एक बार रावण, कुम्भकरण और विभीषण एक साथ …
Read More »रामायण की कहानी: भगवान राम ने दिया हनुमान को मृत्यु दंड!!
हनुमान जी को भगवान राम का सबसे प्रिय भक्त माना जाता है। हनुमान जी भगवान राम से बहुत प्रेम करते थे। जब श्री राम अयोध्या के राजा बने तब हनुमान जी दिन रात उनकी सेवा में लगे रहते। एक दिन की बात है श्री राम जी के दरबार में एक सभा चल रही थी। उस सभा में सभी वरिष्ठ गुरु …
Read More »संगीतमय गधा!!
एक धोबी का गधा था। वह दिन भर कपडों के गट्ठर इधर से उधर ढोने में लगा रहता। धोबी स्वयं कंजूस और निर्दयी था। अपने गधे के लिए चारे का प्रबंध नहीं करता था। बस रात को चरने के लिए खुला छोड देता। निकट में कोई चरागाह भी नहीं थी। शरीर से गधा बहुत दुर्बल हो गया था। एक रात उस …
Read More »लालची नागदेव और मेढकों का राजा!!
एक कुएं में बहुत से मेंढक रहते थे। उनके राजा का नाम था गंगदत्त। गंगदत्त बहुत झगडालू स्वभाव का था। आसपास दो तीन और भी कुएं थे। उनमें भी मेंढक रहते थे। हर कुएं के मेंढकों का अपना राजा था। हर राजा से किसी न किसी बात पर गंगदत्त का झगडा चलता ही रहता था। वह अपनी मूर्खता से कोई …
Read More »यही है सही बंटवारा
“पापा जी ! पंचायत इकठ्ठी हो गई , अब बँटवारा कर दो।” कृपाशंकर जी के बड़े लड़के गिरीश ने रूखे लहजे में कहा। “हाँ पापा जी ! कर दो बँटवारा अब इकठ्ठे नहीं रहा जाता” छोटे लड़के कुनाल ने भी उसी लहजे में कहा। पंचायत बैठ चुकी थी, सब इकट्ठा थे। कृपाशंकर जी भी पहुँचे। “जब साथ में निर्वाह न …
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