होके परेशां ऐसे क्यों आंसू बहा रहा,कब तू अकेला था तेरे संग मैं खड़ा रहा,होके परेशां ऐसे क्यों आंसू बहा रहा। माना की मुझको आने में कुछ देर हो गई,पर ना समझ तू ये कभी अंधेर हो गई,साया मेरा है तेरे संग तू जहाँ जहाँ चला,कब तू अकेला था तेरे संग मैं खड़ा रहा,होके परेशां ऐसे क्यों……. विश्वास का है …
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