तेरी ऐसी दया मनमोहन हो जहाँ देखू वही वृदावन हो,तेरी प्यारी छवि मेरे नैनन हो जहाँ देखू वहीं वृदावन हो,,,,,, नैनन एक हो छवि तुम्हारी दूजे नैनन राधे प्यारी,बाँकी ये है झाँकी निराली जो देखे जावे बलहारी,रूप दोनों का, रुप दोनों का अति मनभावन हो,जहाँ देखू वहीं वृदावन हो,,,,,, सुंदर सा यमुना का तट हो बंसी अधर और राधे बगल …
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