कालिंदी के महापंडित कौत्स यमुना नदी में स्नान करके ईश्वर की आराधना कर रहे थे। एक मगर (घड़ियाल) उन्हें काफी देर से देख रहा था। लेकिन कौत्स ऊंची शिला पर बैठे हुए थे। जहां तक मगर का जाना संभव नहीं था। तब मगर ने यमुना की तलहटी से सोने-चांदी के रत्नों को लाकर यमुना किनारे पर बिखेर दिया। कौत्स जब …
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