जानिए रामायण का एक अनजान सत्य…केवल लक्ष्मण ही मेघनाद का वध कर सकते थे..क्या कारण था ?..पढ़िये पूरी कथाहनुमानजी की रामभक्ति की गाथा संसार में भर में गाई जाती है। लक्ष्मणजी की भक्ति भी अद्भुत थी। लक्ष्मणजी की कथा के बिना श्री रामकथा पूर्ण नहीं है। अगस्त्य मुनि अयोध्या आए और लंका युद्ध का प्रसंग छिड़ गया ।भगवान श्रीराम ने …
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लड़की अपने बॉयफ्रेंड से पूछती है
लड़की अपने बॉयफ्रेंड से पूछती है – अच्छा किसी दूसरे लड़के से मेरी शादी हो जाए तो तुम क्या करोगेलड़का – तुम्हें भूल जाऊंगा (लड़के ने बहुत छोटा सा जवाब दिया )ये सुनकर लड़की गुस्से में दूसरी तरफ घूम कर बैठ गई फिर लड़के ने कहा – सबसे बड़ी बात कि तुम मुझे भूल जाओगी जितना जल्दी मैं तुम्हें भुला …
Read More »सुदामा और श्रीकृष्ण
सुदामा ने एक बार श्रीकृष्ण से पूछा कान्हा, मैं आपकी माया के दर्शन करना चाहता हूं… कैसी होती है?”**********श्री कृष्ण ने टालना चाहा, लेकिन सुदामा की जिद पर श्री कृष्ण ने कहा, “अच्छा, कभी वक्त आएगा तो बताऊंगा। और फिर एक दिन कृष्ण कहने लगे… सुदामा, आओ, गोमती में स्नान करने चलें| दोनों गोमती के तट पर गए। वस्त्र उतारे| …
Read More »समय का सदुपयोग ( Essay on Time)
समय, सफलता की कुंजी है। समय का चक्र अपनी गति से चल रहा है या यूं कहें कि भाग रहा है। अक्सर इधर-उधर कहीं न कहीं, किसी न किसी से ये सुनने को मिलता है कि क्या करें समय ही नही मिलता। वास्तव में हम निरंतर गतिमान समय के साथ …
Read More »शिव और नारायण के वर्चस्ववाद
‘परशु’ प्रतीक है पराक्रम का, ‘राम’ पर्याय है सत्य सनातन का। इस प्रकार परशुराम का अर्थ हुआ पराक्रम के कारक और सत्य के धारक। नारायण के छठे अवतार भगवान परशुराम को कभी सही परिप्रेक्ष्य में समझा ही नहीं गया। नारायण ने एक साथ दो अवतार क्यों लिए?? ऐसा हिंस्र अवतार!! नारायण को मनुष्य रूप में लेने की क्या अवश्यकता पड़ी? परशुराम …
Read More »राजा भोज और सत्य (Raja Bhoj and truth)
एक दिन राजा भोज गहरी निद्रा में सोये हुए थे। उन्हें उनके स्वप्न में एक अत्यंत तेजस्वी वृद्ध पुरुष के दर्शन हुए। राजन ने उनसे पुछा- “महात्मन! आप कौन हैं?” वृद्ध ने कहा- “राजन मैं सत्य हूँ और तुझे तेरे कार्यों का वास्तविक रूप दिखाने आया हूँ। मेरे पीछे-पीछे चल आ और अपने कार्यों की वास्तविकता को देख!” राजा भोज …
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