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Tag Archives: village

बहाने नहीं, अवसर खोजिए

एक गांव था। उस गांव में लोग श्रमदान से चौपाल बना रहे थे। गांव के सभी लोग काम में लगे हुए थे। लेकिन वहां एक व्यक्ति उदास खड़ा हुआ था। गांव के सरपंच ने जब यह देखा तो वो उस व्यक्ति के पास गए। सरपंच ने उस व्यक्ति से कहा, ‘आपको काम में हाथ बंटाना चाहिए।’ उस व्यक्ति ने कहा,’सरपंच …

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मेहनत के आगे भविष्यवाणी भी हैं विफल, यह है प्रमाण-

एक गांव में ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी की, कि आने वाले 12 साल तक उनके गांव में पानी नहीं बरसेगा। यह सुनकर दुःखी हो गए और घर छोड़कर जाने लगे। लेकिन एक किसान गांव को छोड़कर नहीं गया। वह अपने गांव से बेहद प्रेम करता था। उसने सोचा कि 12 साल तक बारिश तो होने वाली नहीं है तो फिर हल …

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दुनिया के सात आश्चर्य

गाँव के स्कूल में पढने वाली छुटकी आज बहुत खुश थी, उसका दाखिला शहर के एक अच्छे  स्कूल में क्लास 6 में हो गया था। आज स्कूल का पहला दिन था और वो समय से पहले ही तैयार हो कर बस का इंतज़ार कर रही थी। बस आई और छुटकी बड़े उत्साह के साथ उसमे सवार हो गयी। करीब 1 घंटे …

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अपने हर काम में कुछ इस तरह ढूंढें आनंद

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एक गांव में कुछ मजदूर पत्थर के खंभे बना रहे थे। उधर से एक संत गुजरे। उन्होंने एक मजदूर से पूछा- यहां क्या बन रहा है? उसने कहा- देखते नहीं पत्थर काट रहा हूं? संत ने कहा- हां, देख तो रहा हूं। लेकिन यहां बनेगा क्या? मजदूर झुंझला कर बोला- मालूम नहीं। यहां पत्थर तोड़ते-तोड़ते जान निकल रही है और …

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काम का नजरिया बदलें, खुशियां रहेंगी हमेशा साथ

Change the view of work, happiness will always be with

बात पुरानी है लेकिन है रोचक। एक बार एक मुनि तीर्थ यात्रा पर निकले, रास्ते में एक गांव आया। मुनि बहुत थक चुके थे। उन्होंने गांव में ही एक खेत के नजदीक बरगद के पेड़ के नीचे शरण ली। वहीं कुछ मजदूर पत्थर से खंभे बना रहे थे। मुनि ने पूछा, ‘यह क्या बन रहा है?’ एक मजदूर ने कहा, …

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भिखारी की कहानी

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एक राजधानी में एक भिखारी सड़क के किनारे बैठ कर बीस-पच्चीस वर्षों तक भीख मांगता रहा। फिर मौत आ गई, फिर मर गया। जीवन भर यही कामना की कि मैं भी सम्राट हो जाऊं। कौन भिखारी ऐसा है जो सम्राट होने की कामना नहीं करता? जीवन भर हाथ फैलाए खड़ा रहा रास्तों पर। लेकिन हाथ फैला कर, एक-एक पैसा मांग कर …

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परिश्रम के साथ रखें धैर्य सफलता जरूर मिलेगी

परिश्रम के साथ रखें धैर्य सफलता जरूर मिलेगी

एक बार गौतम बुद्ध अपने अनुयायियों के साथ किसी गांव में उपदेश देने जा रहे थे। गर्मी का मौसम था। गांव पहुंचने से पहले ही बुद्ध के साथ जा रहे लोगों को जगह-जगह बहुत सारे गड्ढे खुदे हुए मिले। तब उनके एक शिष्य ने गड्डे देखकर जिज्ञासा प्रकट की, आखिर इस तरह गढे का खुदे होने का तात्पर्य कया है? …

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एक बॉस की कहानी लेकिन उसने क्यों कहा, ‘कल उत्तर दूंगा’

एक कंपनी का बॉस यात्रा के दौरान गांव से गुजरा । कुछ लोगों ने उन्हें अपशब्द कहने के साथ अभद्र व्यवहार करना शुरु कर दिया। इस पर बॉस ने कहा, मैं कल आकर उत्तर दूंगा। लोग बहुत हैरान हुए। फकीर से उन्‍होंने कहा, ‘हमने तुम्हारा अपमान किया है, तुम्हारे बारे में अभद्र बातें कहीं । तुम हमसे झगड़ने की बजाए …

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स्वयं की अलग पहचान बनाना है तो कीजिए यह उपाय

एक गांव में एक किसान रहता था। वह रोज सुबह झरनों से साफ पानी लाने के लिए दो बड़े घड़े ले जाता था, जिन्हें वह डंडे में बांधकर अपने कंधे पर दोनों ओर लटका लेता था। उनमें से एक घड़ाकहीं से फूटा हुआ था, और दूसरा एकदम सही था। इस तरह रोज घर पहुंचते-पहुंचते किसान के पास डेढ़ घड़ा पानी …

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asha ram bapu life

asharam1

 Achivments    Work    Media     Publication Asaram was born on 17 April 1941, in the Berani village of the Nawabshah District in British India (Present-day Berani Town is located in Jam Nawaz Ali Tehsil of District Sanghar Sindh Pakistan), to Menhgiba and Thaumal Sirumalani. His birthname was Asumal Thaumal Harpalan or Asumal Sirumalani. Following the partition of India in 1947, he and his …

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