अब कैसे छूटै राम नाम रट लागी। प्रभु जी, तुम चंदन हम पानी, जाकी अँग-अँग बास समानी। प्रभु जी, तुम घन बन हम मोरा, जैसे चितवत चंद चकोरा। प्रभु जी, तुम दीपक हम बाती, जाकी जोति बरै दिन राती। प्रभु जी, तुम मोती हम धागा, जैसे सोनहिं मिलत सुहागा। प्रभु जी, तुम स्वामी हम दासा, ऐसी भक्ति करै रैदासा।। ( …
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सिर्फ ‘राम राम’ कह देने से ही पूरी माला का जाप हो जाता है
क्या कभी सोचा है कि बहुत से लोग जब एक दूसरे से मिलते हैं तो आपस में एक दूसरे को दो बार ही “राम राम” क्यों बोलते हैं ? एक बार या तीन बार क्यों नही बोलते ? दो बार “राम राम” बोलने के पीछे बड़ा गूढ़ रहस्य है क्योंकि यह आदि काल से ही चला आ रहा है.हिन्दी की …
Read More »राम राम क्यों कहा जाता है
क्या कभी सोचा है कि बहुत से लोग जब एक दूसरे से मिलते हैं तो आपस में एक दूसरे को दो बार ही “राम राम” क्यों बोलते हैं ? एक बार या तीन बार क्यों नही बोलते ? दो बार “राम राम” बोलने के पीछे बड़ा गूढ़ रहस्य है क्योंकि यह आदि काल से ही चला आ रहा है… हिन्दी …
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