रंग रसिया म्हारो साजनाआयो रे आयो रे म्हारे देस कान्हा आयो रे आयो रे कान्हा आयो रेकान्हा आयो आयो आयो कान्हा आयो रे गोकुल की गलियों में रंग बरसाने आयो रेकान्हा आयो रे ……………… मैं साँची कहूं साँची मैं साँची कहूं रेसबको लुभाने सबको रिझाने छैल छबीलो आयो रेकान्हा आयो रे ……………… राधा संग विराजे वन ढोल मृदंग भी बाजेमुरली …
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