सखी री मैं हु प्रेम दीवानीकोई समजे न कोई जाने न,तू भी रही अनजानीसखी री मैं हु प्रेम दीवानी…. सुरत उसकी इतनी मोहनीरंगत श्याम सलोनीबिन देखे अखियाँ ना मानी मंद मंद मुस्कानीसखी री मैं हु प्रेम दीवानी…… ऐसा कर दिया मुझ पे जादू,हो गई मैं मस्तानीप्रेम रंग में लता रंग गई सुध बुध भी न जानीसखी री मैं हु प्रेम …
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