गुरुदेव चरण कमलो में, मुझे आप लगाए रखना जी। इन चरणों में शीतल छाया, पास बिठाए रखना जी॥ दिन दिन दूनी होवे भावना, सुरती लगाए रखना जी॥ पूजा करूँ तेरे मंदिर में, ज्योति जलाए रखना जी॥ मैं सेवक तू स्वामी मेरा, दास बनाए रखना जी॥ परम गुरु जय जय राम परम गुरु जय जय राम
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श्रीराधिका जी का उद्धव को उपदेश
गोपियों के अद्भुत प्रेम – प्रवाह में ज्ञानशिरोमणि उद्धव का संपूर्ण ज्ञानभिमान बह गया । विवेक, वैराग्य, विचार, धर्म, नीति, योग, जप और ध्यान आदि संपूर्ण संबल के सहित उसकी ज्ञान नौका गोपियों के प्रेम समुद्र में डूब गयी । उद्धव गोपियों का मोह दूर करने आया था किंतु वह स्वयं ही उनके (दिव्य) मोह में मग्न हो गया …
Read More »इटा ना तो करना स्वामी, जब प्राण ताना से निकले
इटा ना तो करना स्वामी, जब प्राण ताना से निकले गोविंद नाम लेकर, तब प्राण ताना से निकले ||1|| श्री गंगा जी का तट हो, यमुना का वंशीी वात हो मेरा सांवरा निकट हो, जब प्राण ताना से निकले पीताम्बरी कसी हो, चाबी मान में भी बेसिन हो होतून पे कुछ हा.नस हो, जब प्राण ताना से निकले ||2|| उस …
Read More »लक्ष्य पर ध्यान: स्वामी विवेकानन्द
स्वामी विवेकानन्द अमेरिका में भ्रमण कर रहे थे। एक जगह से गुजरते हुए उन्होंने पुल पर खड़े कुछ लड़कों को नदी में तैर रहे अंडे के छिलकों पर बन्दूक से निशाना लगाते देखा। किसी भी लड़के का एक भी निशाना सही नहीं लग रहा था। तब उन्होंने ने एक लड़के से बन्दूक ली और खुद निशाना लगाने लगे। उन्होंने पहला …
Read More »जगदीश जी की आरती
जगदीश जी की आरती
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