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Tag Archives: Friendship

जियेंगे तो साथ में – मरेंगे तो साथ में

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यह story एक ऐसे लड़के-लड़की की है जिनका प्यार एक मिशाल है. आज के दुनिया के लिए. ऐसी lover के लिए जो रोज ही अपना प्यार बदलते है. जो आज किसी के साथ तो कल किसी और के साथ. मैं यही कहुगी प्यार हो तो उनके जैसा. सभी को प्यार चाहिए मगर प्यार देना कोई नहीं जानता.

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सुदामा और श्रीकृष्ण

सुदामा और श्री कृष्ण

सुदामा ने एक बार श्रीकृष्ण से पूछा कान्हा, मैं आपकी माया के दर्शन करना चाहता हूं… कैसी होती है?”**********श्री कृष्ण ने टालना चाहा, लेकिन सुदामा की जिद पर श्री कृष्ण ने कहा, “अच्छा, कभी वक्त आएगा तो बताऊंगा। और फिर एक दिन कृष्ण कहने लगे… सुदामा, आओ, गोमती में स्नान करने चलें| दोनों गोमती के तट पर गए। वस्त्र उतारे| …

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ये कथा रात को सोने से पहले घर मे सबको सुनायें

सेवाराम और मोतीलाल दो घनिष्ठ मित्र थे ।.दोनों ही गली-गली जाकर पीठ पर पोटली लादकर कपड़े बेचने का काम करते थे ।.सर्दियों के दिन थे वह गांव-गांव जाकर कपड़े बेच रहे थे तभी एक झोपड़ी के बाहर एक बुढ़िया जो कि ठंड से कांप रही थी तो...सेवाराम ने अपनी पोटली से एक कंबल निकालकर उस माई को दिया और कहां …

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मित्रता हमेशा सज्जन औऱ विद्वानों के साथ ही करनी चाहिए

विश्व विख्यात वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के ड्राइवर ने एक बार उनसे से कहा–“सर,मैं इतने वर्षों से आपके साथ हूँ…मैंने हर सेमिनार औऱ मीटिंग में आपके द्वारा दिए गए प्रत्येक भाषण को बहुत ग़ौर से सुना और याद किया है।”आइंस्टीन ये सुनकर बहुत हैरान हुए…कुछ देर तक बहुत गम्भीरता से सोंचने के बाद उन्होंने ड्राइवर से कहा- “ठीक है,अगले आयोजक मुझे …

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सुदामा का सत्कार

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सुदामा नाम के एक ब्राह्मण श्रीकृष्ण के परम मित्र थे। उन्होंने श्री कृष्ण के साथ गुरुकुल में शिक्षा पायी थी। वे ग्रहस्थ होने पर भी संग्रह- परिग्रह से दूर रहते हुए प्रारब्ध के अनुसार जो कुछ भी मिल जाता उसी में संतुष्ट रहते थे। भगवान की उपसना और भिक्षाटन यही उनकी दिनचर्या थी। उनकी पत्नी परम पतिव्रता और अपने पति के साथ हर अवस्था में सतुष्ट रहने वाली थी। एक दिन दु:खिनी पतिव्रता भूख से कांपते हुए अपने पति के पास गयी और बोली

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कृष्ण और सुदामा का प्रेम बहुत गहरा था।

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कृष्ण और सुदामा का प्रेम बहुत गहरा था। प्रेम भी इतना कि कृष्ण, सुदामा को रात दिन अपने साथ ही रखते थे। कोई भी काम होता, दोनों साथ-साथ ही करते। एक दिन दोनों वनसंचार के लिए गए और रास्ता भटक गए। भूखे-प्यासे एक पेड़ के नीचे पहुंचे। पेड़ पर एक ही फल लगा था। कृष्ण ने घोड़े पर चढ़कर फल …

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सच्ची दोस्ती

True Friendship Story

वह शाम को ऑफिस से घर लौटा, तो पत्नी ने कहा कि आज तुम्हारे बचपन के दोस्त आए थे, उन्हें दस हजार रुपए की तुरंत आवश्यकता थी, मैंने तुम्हारी आलमारी से रुपए निकालकर उन्हें दे दिए। कहीं लिखना हो, तो लिख लेना। इस बात को मुझे दु:ख इस बात का नहीं है कि तुमने मेरे दोस्त को रुपए दे दिए। …

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अरे द्वारपालो कन्हैया से कह दो,

अरे द्वारपालो कन्हैया से कह दो, के द्वार पे सुदामा ग़रीब आगेया है. के द्वार पे सुदामा ग़रीब आगेया है. भटकते भटकते ना जाने कहा से, भटकते भटकते ना जाने कहा से, तुम्हारे महल के करीब आगेया है. तुम्हारे महल के करीब आगेया है. ऊओ…अरे द्वारपालो कन्हैया से कह दो, के द्वार पे सुदामा ग़रीब आगेया है. के द्वार पे …

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