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Yearly Archives: 2017

एक बॉस की कहानी लेकिन उसने क्यों कहा, ‘कल उत्तर दूंगा’

एक कंपनी का बॉस यात्रा के दौरान गांव से गुजरा । कुछ लोगों ने उन्हें अपशब्द कहने के साथ अभद्र व्यवहार करना शुरु कर दिया। इस पर बॉस ने कहा, मैं कल आकर उत्तर दूंगा। लोग बहुत हैरान हुए। फकीर से उन्‍होंने कहा, ‘हमने तुम्हारा अपमान किया है, तुम्हारे बारे में अभद्र बातें कहीं । तुम हमसे झगड़ने की बजाए …

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बापू ने बताया दान और व्यापार का महत्व

Mahatma Gandhi's

एक दिन एक व्यक्ति महात्मा गांधी के पास आकर अपना दुःख सुनाने लगा। उसने गांधी जी से कहा कि बापू, यह दुनिया बड़ी बेईमान है। आप तो यह अच्छी तरह से जानते हैं कि मैनें पचास हजार रुपए दान देकर धर्मशाला बनवाई थी। पर अब उन लोगों ने मुझे ही उसकी प्रबंध समिति से हटा दिया है। धर्मशाला नहीं थी …

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ऐसे पाएं प्रपंचों से मुक्ति

महान संत गोरखनाथ ने घोर तपस्या के बल पर अनेक सिद्धियां प्राप्त की थीं। वह चाहते थे कि यह सिद्धियां किसी सुयोग्य संत को ही दी जाएं।  एक दिन गोरखनाथ जी काशी में गंगा नदी के किनारे बैठे हुए थे। उन्होंने वहां एक दंडी संन्यासी को गंगा में अपना दंड प्रवाहित करते हुए देखा। गोरखनाथ जी उनके पास पहुंचे। और …

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ऐसे बनाएं जिंदगी को ओर बेहतर

सदानंद स्वामी श्रद्धानंद के शिष्य थे। उन्होंने काफी मेहनत से ज्ञान प्राप्त किया था। लेकिन उन्हें अपने ज्ञान पर अहंकार हो गया। यह उनके व्यवहार में भी दिखाई देने लगा। वह हर किसी को नीचा दिखाने की कोशिश करते। यहां तक कि वह अपने साथ शिक्षा ग्रहण कर रहे अपने मित्रों से भी दूरी बनाकर रहने लगे। यह बात स्वामी …

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चाणक्य कहते हैं, इन चीज़ों को करने के बाद जरुर स्नान करें

Chanakya-quotes

चाणक्य कहते हैं कि संभोग के बाद बिना स्नान किये घर से बहार नहीं निकलना चाहिए। यह साफ-सफाई और अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरुरी है। चाणक्य कहते हैं, इन चीज़ों को करने के बाद जरुर स्नान करें हमारे प्राचीन शास्त्रों में बताया गया है कि रोज़ स्नान करने से शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है साथ ही मांसपेशियों पर …

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ऐसे कीजिए अच्छे और बुरे की पहचान

गुरु द्रोणाचार्य ने शिक्षा पूरी होने पर कौरव और पांडव वंश के राजकुमारों दुर्योधन और युधिष्ठिर को परीक्षा के लिए बुलाया। गुरु द्रोण ने सबसे पहले युधिष्ठिर और दुर्योधन को एक अच्छा व्यक्ति ढूंढकर लाने को कहा। दोनों राजुकमार चल दिए।  सारा दिन खाली हाथ भटकने के बाद शाम को वापिस गुरुकुल आए। दुर्योधन बोला, गुरुजी मुझे तो कोई भी …

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जानिए जीतने का रहस्य

जानिए जीतने का रहस्य

एक बार देवों और असुरों में घोर युद्ध हो रहा था। राक्षसों के शस्त्र, बल, और युद्ध कौशल के सामने देवता नहीं टिक पाए। वे हार कर जान बचाने के लिए भागे। सभी देवता महर्षि दत्तात्रेय के पास पहुंचे और उन्हें अपनी विपत्ति सुनाई। महर्षि ने उनको धैर्य बांधते हुए कहा ‘आप सभी पुनः युद्ध की तैयारी करें, देवताओं ने …

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ऐसे मिलेगी मानसिक शांति

बहुत समय पहले की बात है। धार्मिक विचारों वाले एक राजा के पास कोई संत मिलने आए राजा प्रसन्न हो गया। भाव विभोर और आंखों में खुशी के आंसू के साथ राजा बोले, ‘मेरी इच्छा है कि आज आपके मन की कोई भी मुराद मैं पूरी करूं। बताइए आपको क्या उपहार चाहिए।’ संत असमंजस में पढ़ गए। उन्होंने कहा, ‘आप …

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मन की शक्ति से बड़ी कोई शक्ति नहीं

मन की शक्ति से बड़ी कोई शक्ति नहीं

एक दिन स्वामी विवेकानंद एक अंग्रेज मि.मूलर के साथ टहल रहे थे। उसी समय एक पागल सांड तेजी से उनकी ओर बढ़ने लगा। अंग्रेज सज्जन भाग कर पहाड़ी के दूसरी छोर पर जा खड़े हुए। स्वामीजी ने उन्हें सहायता पहुंचाने का कोई और उपाय न देख खुद सांड के सामने खड़े हो गए। तब मिस्ट मूल देखकर दंग रह गए। …

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इंसान वही जो दूसरों के दुःख दर्द को समझे

एक ज्ञानी संत थे। दूसरों के दुख दूर करने में उन्हें परम आनंद प्राप्त होता था। एक बार वे सरोवर के किनारे ध्यान में बैठे हुए थे। तभी उन्होंने देखा एक बिच्छु पानी में डूब रहा है। वे तुरंत ही उसे बचाने के लिए दौड़ पड़े। उन्होंने जैसे ही बिच्छु को पानी से निकालने के लिए उठाया उसने स्वामीजी को …

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