लस्सी का ऑर्डर देकर हम सब आराम से बैठकर एक दूसरे की खिंचाई मे लगे ही थे कि एक लगभग 70-75 साल की माताजी कुछ पैसे मांगते हुए मेरे सामने हाथ फैलाकर खड़ी हो गईं उनकी कमर झुकी हुई थी चेहरे की झुर्रियों मे भूख तैर रही थी आंखें भीतर को धंसी हुई किन्तु सजल थीं उनको देखकर मन मे …
Read More »Yearly Archives: 2017
छोटी छोटी कहानियाँ
जब एक शख्स लगभग पैंतालीस वर्ष के थे तब उनकी पत्नी का स्वर्गवास हो गया था। लोगों ने दूसरी शादी की सलाह दी परन्तु उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि पुत्र के रूप में पत्नी की दी हुई भेंट मेरे पास हैं, इसी के साथ पूरी जिन्दगी अच्छे से कट जाएगी। पुत्र जब वयस्क हुआ तो पूरा कारोबार पुत्र …
Read More »एसडीएम की कहानी
आज स्कूल में शहर की LADY SDM आने वाली थी क्लास की सारी लड़कियां ख़ुशी के मारे फूले नहीं समां रही थी सबकी बातों में सिर्फ एक ही बात थी SDM और हो भी क्यों न आखिर वो भी एक लड़की थी पर एक ओर जब सब लड़कियां व्यस्त थी SDM की चर्चाओं में एक लड़की सीट की लास्ट बेंच …
Read More »ट्रैन में सफर कर रहे लोगो के साथ
टिकट कहाँ है टी सी ने बर्थ के नीचे छिपी लगभग तेरह – चौदह साल की लडकी से पूछा टिकिट नहीं है साहब काँपती हुई हाथ जोड़े लडकी बोली, तो गाड़ी से उतरो टीसी ने कहा, इसका टिकट मैं दे रहीं हूँ, पीछे से ऊषा भट्टाचार्य की आवाज आई जो पेशे से प्रोफेसर थी । तुम्हें कहाँ जाना है लड़की …
Read More »राम राम क्यों कहा जाता है
क्या कभी सोचा है कि बहुत से लोग जब एक दूसरे से मिलते हैं तो आपस में एक दूसरे को दो बार ही “राम राम” क्यों बोलते हैं ? एक बार या तीन बार क्यों नही बोलते ? दो बार “राम राम” बोलने के पीछे बड़ा गूढ़ रहस्य है क्योंकि यह आदि काल से ही चला आ रहा है… हिन्दी …
Read More »चापलूस से अच्छा होता है आलोचक
अमेरिका के राष्ट्रपति ने अपने कार्यकाल में रक्षा मंत्रालय का कार्यभार एक ऐसे व्यक्ति को सौंपा जो उनका कटु आलोचक था। वह व्यक्ति लिंकन के विरूद्ध कुछ न कुछ गलत बोला करता था। जब यह बात लिंकन के दोस्त को पता चली तो उन्होंने कहा, ‘क्या आप नहीं जानते कि जिसे आपने रक्षा मंत्रालय का कार्यभार सौंपा है, वह कौन …
Read More »जब गलती नहीं तो गलती की सजा क्यों
‘स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम इसे लेकर ही रहेंगे’ यह ओजपूर्ण नारा देने वाले बालगंगाधर तिलक का जीवन भी इन्ही वाक्यों की तरह रहा है। बात उस समय की है जब बाल गंगाधर तिलक उम्र में छोटे थे। वह अपने विद्यालय में थे। उस समय सारे विद्यार्थी कक्षा में मूंगफली खा रहे थे। बच्चों ने मूंगफली के …
Read More »ज्ञान प्राप्ति के लिए मन में श्रद्धा होना जरूरी
एक बार बालक नचिकेता ने अपने पिता से कहा, आप ब्राह्मणों को कृषि कार्य के लिए अनुपयोगी गाय दान में दे रहे हैं। पिता ने यह नहीं कहा कि हां, यह ठीक नहीं है परंतु वे समझ गए कि यह मेरी निंदा कर रहा है, मेरा अनादर कर रहा है, मेरे कृत्य की भर्त्सना कर रहा है। नचिकेता ने पिता …
Read More »विक्रम-बेताल के रहस्यमयी कहानियां
प्राचीन काल में विक्रमादित्य नाम के एक आदर्श राजा हुआ करते थे। अपने साहस, पराक्रम और शौर्य के लिए राजा विक्रम मशहूर थे। ऐसा भी कहा जाता है कि राजा विक्रम अपनी प्राजा के जीवन के दुख दर्द जानने के लिए रात्री के पहर में भेष बदल कर नगर में घूमते थे। और दुखियों का दुख भी दूर करते थे। राजा …
Read More »नागाओं ने अलग देश की मांग की तो सांसत में आ गया था पूरा देश
भारत के सामने एक देश के रूप में जो चुनौतियां हैं, उनमें आतंकवाद सबसे ज्यादा हिंसक और खूंखार है। आजादी के बाद से ही कश्मीर पर कब्जे की लड़ाई में पाकिस्तान इस कार्ड को छद्म ढंग से खेलकर भारत को परेशान करता रहा है। मगर एक समय ऐसा भी था जब आतंकवाद कहीं पीछे छूट गया था और नईदिल्ली का …
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