राजा कुंवरसिंह जी बड़े अमीर थे। उन्हें किसी चीज की कमी नहीं थी। उनका स्वास्थ्य अच्छा नहीं था। बीमारी के मारे वे सदा परेशान रहते थे। कई वैद्यों ने उनका इलाज किया, लेकिन उनको कुछ फायदा नहीं हुआ। राजा की बीमारी बढ़ती गई। सारे नगर में यह बात फैल गई। तब एक बूढ़े ने राजा के पास आकर कहा, ‘महाराज, …
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इन्होंने ऐसा क्यों कहा कि ऐसी शिक्षा किस काम की
एक बार खलीफा हारून-अल-रशीद बगदाद शहर का मुआएना करने निकले। रास्ते में उन्हें एक आलीशान इमारत दिखाई दी, जिस पर ‘मदरसा अब्बासिया’ की तख्ती लगी हुई थी। बादशाह ने मंत्री से पूछा, ‘हमारे शहजादे अमीन और मामून इसी मदरसे में तालीम पाते हैं ‘न’ ?’ मंत्री ने कहा, ‘जी हां’। खलीफा घोड़े से उतरे और मदरसे में प्रवेश किया। तब …
Read More »चालाकी का फल
एक थी बुढ़िया, बेहद बूढ़ी पूरे नब्बे साल की। एक तो बेचारी को ठीक से दिखाई नहीं पड़ता था ऊपर से उसकी मुर्गियाँ चराने वाली लड़की नौकरी छोड़ कर भाग गयी। बेचारी बुढ़िया! सुबह मुर्गियों को चराने के लिये खोलती तो वे पंख फड़फड़ाती हुई सारी की सारी बुढिया के घर की चारदीवारी फाँद कर अड़ोस पड़ोस के घरों में …
Read More »गोस्वामी तुलसीदासजी के जीवन के कुछ अनछुए पहलू
गोस्वामी तुलसीदास(1497-1623) एक महान कवि थे। उनका जन्म राजापुर गांव (वर्तमान बांदा जिला) उत्तर प्रदेश में हुआ था। अपने जीवनकाल में तुलसीदास जी ने 12 ग्रन्थ लिखे और उन्हें विद्वान होने के साथ ही अवधी और हिन्दी भाषा के प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ कवियों में से एक माना जाता है। कहते हैं कि तुलसीदासजी महर्षि वाल्मीकि का अवतार थे जो मूल …
Read More »सचमुच! भक्त भी भगवान को देते हैं सीख
यह बात त्रेतायुग में उस समय की है जब केवट भगवान के चरण धो रहा हैं, वह भगवान राम का एक पैर धोते और उसे निकालकर कठौती से बाहर रख देते हैं। और जब दूसरा धोने लगता है तो पहला वाला पैर गीला होने से जमीन पर रखने से धूल भरा हो जाता है। केवट दूसरा पैर बाहर रखता है। …
Read More »भक्त यदि सच्चा हो तो उसके बुलाने पर आते हैं कृष्ण
एक बार एक गरीब किसान था। उसने अपनी बेटी की शादी के लिए सेठ से पांच सौ रुपए उधार लिए। गरीब किसान ने अपनी बेटी की शादी के बाद धीरे-धीरे सब पैसा ब्याज समेत चुकता कर दिया। लेकिन उस सेठ के मन में पाप आ गया। उसने सोचा ये किसान अनपढ़ है। इसे लूटा जाए। गरीब किसान ने कहा की …
Read More »यहां मौजूद है मन की हलचल को दूर करने का अचूक उपाय
महात्मा बुद्ध अपने शिष्यों के संग जंगल से गुजर रहे थे। दोपहर को एक वृक्ष के नीचे विश्राम करने रुके। उन्होंने शिष्य से कहा, ‘प्यास लग रही है, कहीं पानी मिले, तो लेकर आओ।’ शिष्य एक पहाड़ी झरने से लगी झील से पानी लेने गया। झील से कुछ पशु दौड़कर निकले थे, जिससे उसका पानी गंदा हो गया था। उसमें …
Read More »लोहा खा गया घुन!
एक बार की बात है दो व्यक्ति थे, जिनका नाम था मामा और फूफा। मामा और फूफा दोनों व्यापार करते थे और दोनों व्यापार में सहभागी थे। मामा ने फूफा से कहा,” फूफा क्यों ना हम कोई ऐसी वस्तु खरीद लें जो जल्दी खराब ना हो और उसकी कीमत भी बढती रहे; फिर हम उसे कुछ वर्षो बाद बेचें जिससे …
Read More »राजा के कुत्ते को नदी में फेंककर सिखाया सबक
एक बादशाह अपने कुत्ते के साथ नाव में यात्रा कर रहा था। नाव में अन्य यात्रियों के साथ एक दार्शनिक भी था।कुत्ते ने कभी नौका में सफर नहीं किया था, इसलिए वह असहज महसूस कर रहा था। वह उछल-कूद कर रहा था और किसी को चैन से नहीं बैठने दे रहा था। मल्लाह उसकी उछल-कूद से परेशान था कि ऐसी …
Read More »किसी ने सही कहा है, सम्मान चाहिए तो पहले सम्मान देना सीखें
बहुत पुरानी बात है। एक व्यक्ति अक्सर धर्मग्रंथों का मजाक उड़ाया करता था। वह नास्तिक था। वह ईश्वर में विश्वास करने वालों का सम्मान नहीं करता था। वह उनसे वैचारिक बहस न करके, कुतर्कों के जरिए उनका मनोबल तोड़ने की कोशिश करता था। एक दिन वह एक पादरी के पास पहुंचा। उसका मकसद पादरी को नीचा दिखाना था। उसने पादरी …
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