एक व्यक्ति दुनिया घूमकर आया और बड़ी-बड़ी बातें करने लगा। जो भी उसके पास जाता तो वह उससे कई प्रश्न किया करता। जब यह बात गौतम बुद्ध को पता चली तो वह वेश बदलकर उस व्यक्ति के पास पहुंचे। उस व्यक्ति ने उनसे प्रश्न किया। ‘कौन हो तुम? कहीं ब्राह्मण तो नहीं।’ बुद्ध ने उत्तर दिया, ‘अपने शरीर और मन …
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खुश रहने वाले अच्छाई खोजते हैं बुराई नहीं :
Human beings की natural tendency होती है कि वो negativity को जल्दी catch करते हैं. Psychologists इस tendency को “Negativity bias” कहते हैं. अधिकतर लोग दूसरों में जो कमी होती है उसे जल्दी देख लेते हैं और अच्छाई की तरफ उतना ध्यान नहीं देते पर खुश रहने वाले तो हर एक चीज में, हर एक situation में अच्छाई खोजते हैं, …
Read More »भगवान विष्णु के अवतार:- (Incarnations of Lord Vishnu)
श्रीहरि के जय-विजय नाम के दो द्वारपाल थे। वे सनकादि ब्रह्मर्षियों के शाप से घोर निशाचर कुल में पैदा हुए। उनके नाम रावण और कुम्भकर्ण थे। उनके अत्याचारों से पृथ्वी कांप उठी। वह पाप के भार को सह न सकी। अन्त में वह ब्रह्मादि देवताओं के साथ भगवान की शरण में गयी। देवताओं की प्रार्थना से परब्रह्म परमात्मा ने अयोध्या …
Read More »किस्सा आईने का, वो समझ नहीं पाया
एक साहुकार को धन इकट्ठा करने का बड़ा ही शौक था। उसे अपनी योग्यता का भी बहुत अहंकार था। जब कोई उसके घर, भीख मांगने आता तो वो उन्हें भला-बुरा कहता। एक दिन उस साहुकार ने एक महात्मा को भोजन करवाया। फिर उन्हें एक आईना दिया, उस साहूकार ने कहा आपको जो भी व्यक्ति सबसे बड़ा मूर्ख दिखाई दे उसे …
Read More »भगवान भी बिकते हैं बस, खरीदने वाला चाहिए
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एक बार ओडिशा दौरे पर थे। इस दौरान प्रार्थना सभा में कुछ लोग कुछ-न-कुछ भेंट जरूर करते थे। जिन्हें बापू सभा समाप्ति के बाद नीलाम कर देते थे। कटक महासभा के दौरान एक कुम्हार ने बापू को श्रीकृष्ण की दो मूर्तियां भेंट कीं। सभा के अंत में जब बापू उन्हें नीलाम करने के लिए खड़े हुए तो …
Read More »सही बात की गूंज, देर से सुनाई देती है
बात उस समय की है जब भारत में स्वाधीनता संग्राम चल रहा था। उन दिनों काशी नरेश ने हिंदू समाज की समस्याओं पर एक सम्मेलन बुलाया। उसमें काला कांकर के राजा रामपाल सिंह भी आए। वे एक समाचार पत्र निकालते थे। राजा साहब ने उपस्थित श्रोताओं का मजाक उड़ाते हुए अपना भाषण शुरु किया। एक युवक को यह बात अच्छी …
Read More »इसीलिए ‘क्रोध’ बुद्धि को खा जाता है
एक राजा था। उसे पक्षी पालने का बड़ा शौक था। उसने एक सुंदर चकोर पक्षी को पाला। एक बार की बात है, राजा वन में शिकार के लिए गया। वहां राजा रास्ता भटक गया। उसे बहुत प्यास लगी। राजा को दूर चट्टान से पानी रिसता दिखाई दिया। राजा ने उस रिसते हुए पानी के नीचे एक प्याला रख दिया। चकोर …
Read More »यदि ऐसा हो जाता तो महादेवी वर्मा को कोई नहीं जानता
महादेवी वर्मा हिन्दी की प्रसिद्ध कवयित्री थीं। आधुनिक हिन्दी की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक होने के कारण उन्हें आधुनिक मीरा के नाम से भी जाना जाता है। बात उन दिनों की है जब महादेवी छात्रा थीं। अचनाक उनके मन में भिक्षुणी बनने का विचार आया। उन्होंने लंका के बौद्ध विहार में महास्थविर को पत्र लिखा…‘मैं बौद्धभिक्षुणी बनना चाहती …
Read More »श्रीकृष्ण जी की के सात विशेष विग्रह (Seven special enunciations of Sri Krishna ji)
जय श्री कृष्णा जैसे की हम सब जानते हैं की वृंदावन वह स्थान है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने अनेकों ही बाललीलाएं की और अनेकों ही राक्षसों का वध भी किया। यहां पर श्रीकृष्ण जी के विश्वप्रसिद्ध मंदिर भी हैं। आज हम आपको ऐसी ही श्रीकृष्ण जी की 7 चमत्कारी प्रतिमाओं के बारे में बताएँगे , जिनका संबंध वृंदावन से है। …
Read More »नेवला या मेंढक (‘Bead or frog’)
समीर बहुत परेशान था। पिछले कुछ दिनों से एक के बाद एक उसे किसी न किसी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। कभी ऑफिस में बॉस के साथ बहस हो जाती तो कभी घर पर वाइफ से तो कभी उसे किसी कलीग की बात ठेस पहुंचा दे रही थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे …
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