महाकश्यप भगवान बुद्ध के प्रिय शिष्य थे। बुद्ध उनकी त्याग भावना तथा ज्ञान से संतुष्ट होकर बोले- ‘वत्स, तुम आत्मज्ञान से पूरी तरह मंडित हो। तुम्हारे पास वह सब है, जो मेरे पास है। अब जाओ और सत्संदेश का जगह-जगह प्रचार-प्रसार करो।’ महाकश्यप ने ये शब्द सुने, तो वे मायूस हो गए। वह बोले, ‘गुरुदेव यदि मुझे पहले से पता …
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इस मानचित्र में मेरा बंगला कहां है?
बहुत पुरानी बात है, एक सेठ था दिल का उदार। उसके पास विलासिता की सभी वस्तुएं मौजूद थीं। एक दिन वह संत को अपना बंगला दिखाने लाया। संत अलमस्त थे और सेठ अपने बड़प्पन की डीगें हांकने में व्यस्त था। संत को उसकी हर बात में अहम् ही नजर आता था। संत ने उसकी मैं-मैं की महामारी मिटाने के उद्देश्य …
Read More »जब पं. मदनमोहन मालवीय ने पढ़ी अरबी में लिखी नजीरें
बात उस समय की बात है, जब देश अंग्रेजों का गुलाम था। तब एक बार पंडित मदन मोहन मालवीय को मुकदमे के सिलसिले में एक मौलवी ने अपना वकील बनाया। मुकदमे में कुछ अरबी पुस्तकों से न्यायालय के फैसलों के उद्धरण देने थे जिन्हें मालवीय जी ने अपने हाथ से नागरी लिपि में लिख लिया था। अदालत में विरोधी पक्ष …
Read More »इस भाव में केंद्रित है जीत का मनोविज्ञान
बात उस समय की है जब जापान में दो राज्यों के बीच युद्ध चल रहा था। युद्ध अपने चरम पर था। आने वाला कल युद्ध का आखिरी दिन था। ऐसे कठिन समय में जापान के एक राज्य के सेनापति ने अपनी सेना के समस्त सरदारों के साथ बैठक की। बैठक में पक्ष और विपक्ष की शक्ति को लेकर चर्चा हुई। …
Read More »जब क्रोध आए तो कागज फाड़िए
सेना के एक प्रमुख अधिकारी ने अमेरिका के तत्कालीन रक्षा-मंत्री के आर्डर को ठीक से न समझ पाने के कारण कोई भूल कर दी। जब रक्षामंत्री को यह बात पता चली तो वो गुस्से से लाल हो गए। नजदीक ही अब्राहम लिंकन खड़े हुए थे। लिंकन के पूछने पर रक्षामंत्री ने उन्हें विस्तार से पूरी जानकारी दी और लिंकन से …
Read More »एक अच्छे लीडर में ये गुण जरूर होना चाहिए
बात उस समय की है जब नेपोलियन सेना के साथ युद्ध में लड़ रहा था। उन दिनों संदेश घुड़सवारों के जरिए भेजे जाते थे। नेपोलियन अपने केम्प में अपने मंत्रियों से चर्चा कर रहा था, तभी एक सन्देश वाहक बड़ी तेज़ी से आया, जैसे ही वह कैंप पर पहुंचा उसका घोडा थकान, भूख, और प्यास से मर गया क्योंकि वह …
Read More »बुरे समय को ऐसे टालिए
शाम का समय था। महात्मा बुद्ध एक शिला पर बैठे हुए थे। वह डूबते सूर्य को एकटक देख रहे थे। तभी उनका शिष्य आया और गुस्से में बोला, ‘गुरुजी ‘रामजी’ नाम के जमींदार ने मेरा अपमान किया है। आप तुरंत चलें, उसे उसकी मूर्खता का सबक सिखाना होगा। महात्मा बुद्ध मुस्कुराकर बोले, ‘प्रिय तुम बौद्ध हो, सच्चे बौद्ध का अपमान …
Read More »पढ़िए मार्मिक उम्मीदों से भरा एक पिता का पत्र
अमेरिका के पहले राष्ट्रपति के बारे में काफी कुछ पुस्तकों में लिखा और सिनेमा की सिल्वर स्क्रीन पर देखा जा चुका है। ऐसा ही एक रोचक प्रसंग है उनके द्वारा प्रिंसिपल को लिखा पत्र। यह पत्र उन्होंने अपने पुत्र के स्कूल प्रिंसिपल को लिखा था। हालांकि यह पत्र बहुत आम है। लेकिन जब भी कोई इसे पढ़ता है तो यह …
Read More »एक बरगद के पेड़ की मार्मिक कहानी
बरगद का पेड़ कोcमें पवित्र वृक्ष मना गया है। ऐसा ही एक बरगद का वृक्ष एक गांव में था। स्त्री हों या पुरुष त्योहारों पर उसकी पूजा करते थे। समय बीतता गया और वृक्ष बढ़ता गया। बरगद का वृक्ष बहुत पुराना हो गया तो उसकी डालियां सूखने लगीं और टूटकर बिखरने लगीं। बरगद के वृक्ष की हालत को मद्देनजर ऱखते …
Read More »हम सभी में मौजूद है एक बेकर
बात उन दिनों की है जब अमेरिका में c अपने पूरे चरम पर थी। वहां बेकर नाम का एक दास रहता था। वह लगन, मेहनत से काम करते रहने के कारण स्वामी का विश्वासपात्र व्यक्ति बन गया। एक दिन जब बेकर अपने मालिक के साथ बाजार गया तो उसने देखा कई दास बिकने के लिए खड़े थे। तब उसकी निगाह …
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