ब्रिटेन में एक ट्रेन द्रुत गति से दौड़ रही थी। ट्रेन अंग्रेजों से भरी हुई थी। उसी ट्रेन के एक डिब्बे में अंग्रेजों के साथ एक भारतीय भी बैठा हुआ था। डिब्बा अंग्रेजों से खचाखच भरा हुआ था। वे सभी उस भारतीय का मजाक उड़ाते जा रहे थे। कोई कह रहा था, देखो कौन नमूना ट्रेन में बैठ गया। तो …
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आज हिन्दी दिवस* के अवसर पर हिंदी का थोडा़ आनंद लीजिये …. मुस्कुराइए …
हिंदी के मुहावरे, बड़े ही बावरे है, खाने पीने की चीजों से भरे है… कहीं पर फल है तो कहीं आटा-दालें है, कहीं पर मिठाई है, कहीं पर मसाले है , चलो, फलों से ही शुरू कर लेते है, एक एक कर सबके मजे लेते है… आम के आम और गुठलियों के भी दाम मिलते हैं, कभी अंगूर खट्टे हैं, …
Read More »अबू-बिन-अबुल ने बताई थी खुदा को पाने की यह तरकीब
मुस्लिम संत अबू सईद-बिन-अबुल खैर ने एक बार एक जिज्ञासु से प्रश्न किया, ‘हजरत! सुना है कोई महात्मा आकाश में उड़ते हैं, कोई पानी पर चलते हैं, तो कोई एक जगह से दूसरी जगह तक गायब होकर पहुंच जाते हैं, क्या ये वाकई सच है?’ जिज्ञासु के प्रश्न को सुनकर अबू सईद बोले, ‘मेंढक पानी में तैर सकता है, आवासील( …
Read More »पद
अब कैसे छूटै राम नाम रट लागी। प्रभु जी, तुम चंदन हम पानी, जाकी अँग-अँग बास समानी। प्रभु जी, तुम घन बन हम मोरा, जैसे चितवत चंद चकोरा। प्रभु जी, तुम दीपक हम बाती, जाकी जोति बरै दिन राती। प्रभु जी, तुम मोती हम धागा, जैसे सोनहिं मिलत सुहागा। प्रभु जी, तुम स्वामी हम दासा, ऐसी भक्ति करै रैदासा।। ( …
Read More »अगर नहीं पता तो जानें ‘तीन तरह के होते हैं इंसान’
एक दिन स्वामी परमहंसदेव अपने शिष्यों के साथ टहल रहे थे। उन्होंने देखा कि एक जगह मछुआरे जाल फेंककर मछलियां पकड़ रहे हैं। स्वामी जी एक मछुआरे के पास खड़े हो गए और शिष्यों से बोले, ध्यानपूर्वक इस जाल में फंसी मछलियों की गतिविधियों को देखो। शिष्यों ने देखा कि कुछ मछलियां ऐसी हैं, जो जाल में निश्चल पड़ी हैं। …
Read More »बचपन में हुआ दया से साक्षात्कार
यह प्रसंग सुभाषचंद्र बोस के बचपन के दिनों का है, एक बार सुभाष की मां प्रभावती देवी उनके अध्ययन कक्ष में आईं, तो वह कमरे में नहीं थे। प्रभावती देवी ने देखा कि चीटियों की लंबी कतार सुभाष की मेज से किताबों की अलमारी की ओर जा रही है। उन्होंने फर्श और अलमारी के चारों तरफ ध्यान से देखा। प्रभावती …
Read More »ऐसे समय में सम्राट भी होता है भिखारी
सूफी फकीर फरीद से एक बार उनके गांव के व्यक्ति ने कहा कि गांव में मदरसे की जरूरत है। बादशाह तुम्हारी बात मानते हैं, इसलिए तुम उनसे कहो। फरीद ने कहा कि, ठीक में चला जाउंगा। फरीद सुबह के वक्त गए। उनके लिए कोई रोक-टोक नहीं थी। उन्हें सीधे महल में ले जाया गया। उस समय बादशाह खुदा को याद …
Read More »जब भिक्षु ने पूछा, ईश्वर हैं या नहीं? तथागत ने बताया कि
एक बार भगवान बुद्ध से किसी भिक्षु ने पूछा, ‘तथागत! ईश्वर है या नहीं है? बुद्ध ने सीधा उत्तर न देकर प्रश्नकर्ता भिक्षु से कहा, मनुष्य की समस्या ईश्वर के होने या न होने की नहीं है। मनुष्य की मुख्य समस्या है उसके जीवन में आने वाले दुखों की।’ तथागत ने अपने कथन को स्पष्ट करते हुए तब कहा, ‘तुम …
Read More »खुश रहने वाले लोग अपने चारो तरफ एक strong support system develop करते हैं:
खुश रहना मनुष्य का जन्मजात स्वाभाव होता है . आखिर एक छोटा बच्चा अक्सर खुश क्यों रहता है ? क्यों हम कहते हैं कि बचपन के दिन जिँदगी के सबसे अच्छे दिन होते हैं ? क्योंकि हम जन्म से खुश होते हैं ; पर जैसे -जैसे हम बड़े होते हैं और धीरे -धीर हमारी खुश रहने की आदत उदास रहने की आदत …
Read More »मैं अछूत हूं
जब वैशाली में धम्म प्रचार के लिए गौतम बुद्ध गए तब कुछ सैनिक भागती हुई लड़की का पीछा कर रहे थे। सिपाईयों से बचती हुई वह लड़की एक कुएं के पास खड़ी हो गई। गौतम बुद्ध उस कुएं के पास गए और उस लड़की से बोले, ‘आप स्वयं भी जल पीएं और मुझे भी जल पिलाएं।’ तभी एक सैनिक वहां …
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