एक बार भगवान राम और लक्ष्मण एक सरोवर में स्नान के लिए उतरे। उतरते समय उन्होंने अपने-अपने धनुष बाहर तट पर गाड़ दिए जब वे स्नान करके बाहर निकले तो लक्ष्मण ने देखा की उनकी धनुष की नोक पर रक्त लगा हुआ था! उन्होंने भगवान राम से कहा -” भ्राता ! लगता है कि अनजाने में कोई हिंसा हो गई ।” …
Read More »Yearly Archives: 2020
ज्ञान वहीं जो व्यवहार में काम आए
ज्ञान ही एक ऐसा तत्त्व है जो कहीं भी , किसी अवस्था और किसी काल में भी मनुष्य का साथ नहीं छोड़ता। मनुष्य की सबसे बड़ी शक्ति ज्ञान है। बिना ज्ञान के व्यक्ति अपने जीवन में सफलता नहीं पा सकता। इसलिए हर व्यक्ति के पास ज्ञान होना ज़रूरी है। बिना ज्ञान के व्यक्ति का जीवन निरर्थक है। दुनिया में कुछ …
Read More »सिर्फ ‘राम राम’ कह देने से ही पूरी माला का जाप हो जाता है
क्या कभी सोचा है कि बहुत से लोग जब एक दूसरे से मिलते हैं तो आपस में एक दूसरे को दो बार ही “राम राम” क्यों बोलते हैं ? एक बार या तीन बार क्यों नही बोलते ? दो बार “राम राम” बोलने के पीछे बड़ा गूढ़ रहस्य है क्योंकि यह आदि काल से ही चला आ रहा है.हिन्दी की …
Read More »उदेश्यों की पवित्रता से मिलती है महानता
कान्यकुब्ज देश के राजा कौशिक एक दिन अपने दल-बल समेत आखेट के लिए वन की ओर गए। लौटते समय वशिष्ठ ऋषि के आश्रम में कौशिक का ठहरना हुआ। राजा और उनकी विशाल सेना की वशिष्ठ ने भरपूर आवभगत की। कौशिक को आश्चर्य हुआ कि इस घने जंगल में एक त्यागी- तपस्वी ऋषि के पास इतने साधन कहां से आए। पूछने …
Read More »यह है दुनिया का सबसे बड़ा फल
किसी देश में वसु सेन नाम का एक राजा राज करता था। वो एक पुरुषार्थी और चक्रवर्ती सम्राट था। लेकिन उनके राज ज्योतिषी ने उनका मस्तिष्क ज्योतिष की ओर मोड़ मनुष्य जैसा कर्म करता है उसको वैसा ही फल मिलता है। मनुष्य के द्वारा किया गया कर्म ही उसका प्रारब्ध बनता है । या फिर ऐसे भी कह सकते हैं …
Read More »हर परिस्थिति में प्रसन्न रहकर ही हम ईश्वर के समीप पहुंच सकते हैं
दो संन्यासी थे, एक वृद्ध और एक युवा । दोनों साथ रहते थे । एक दिन महीनों बाद वे अपने मूल स्थान पर पहुंचे । जो एक साधारण-सी झोपड़ी थी । किंतु जब दोनों झोपड़ी में पहुंचे तो देखा कि वह छप्पर भी आंधी और हवा ने उड़ाकर न जाने कहां पटक दिया । यह देख युवा संन्यासी बड़बड़ाने लगा …
Read More »The Power of Memories
हम सभी को स्मृति का आभास होता है कि अतीत में या उससे परे हमारे साथ क्या हुआ था, और कभी-कभी हमारे पास जो कुछ हुआ है उसकी स्मृति होती है, लेकिन इस समय और स्थान में नहीं। इसे अनारकय कर्म कहा जाता है। याददाश्त बहुत जरूरी है। याद रखने के लिए कि हम मानव हैं, बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन …
Read More »आपको गुस्सा कोई नहीं दिला सकता
बहुत समय पहले की बात है। एक व्यक्ति किसी गांव में रहता था। लोग कहते थे कि उसे गुस्सा नहीं आता था। इस दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें सिर्फ फिजूल की बातें ही सूझती हैं। ऐसे ही व्यक्तियों में से किसी एक ने निश्चय किया कि उस गुस्सा न आने वाले सज्जन को गुस्सा दिलाया जाए। …
Read More »नहीं मालूम तो बता दें ‘आलू’, ‘अंडे’ और ‘कॉफी’ में भी होती है समझ
एक बार एक बेटी ने अपने पिता से कहा, ‘ यह समय कितना कठिन है। मैं अब भीतर ही भीतर टूट गई हूं। जब तक हम एक मुसीबत से दो-चार होते हैं, तब तक नई मुसीबतें खड़ी हो जाती हैं। ऐसा कब तक चलेगा?’ उस लड़की के पिता हलवाई थे। वह बिना कुछ कहे उन्होंने सामने रखे चूल्हे पर तीन …
Read More »तोल-मोल कर बोलें बोल, हर समस्या होगी गोल
स्वामी विवेकानंद बचपन से ही साहसी और निडर बालक थे। उनके बचपन का नाम नरेंद्र था। एक बार वह अपने दोस्त के यहां खेलने गए। तब उनकी उम्र 8 साल थी। मित्र के घर चंपा का पेड़ था। नरेंद्र को उस पर लटक कर खेलना काफी पसंद था। हर दिन की तरह उस दिन भी उसी पेड़ पर चढ़कर नरेंद्र …
Read More »