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भगवान बड़ा दयालु है !!

एक राजा का बहुत बड़ा फलों का बगीचा था। जिसमें विभिन्न प्रकार के फलों के पेड़ लगे हुए थे। माली रोज विभिन्न पेड़ों के सभी पके हए फलों को एकत्र कर राजा को भेंट करता था। एक दिन माली ने कुछ चेरियाँ एकत्र की और उन्हें राजा के लिए ले गया। उस दिन राजा का मिजाज बहुत खराब था। उसने …

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चींटी की सूझ-बूझ !!

गर्मियों के दिन थे। लोग गर्मी से बचने के लिए अपने घरों में दुबके बैठे थे। पक्षियों ने घने पेड़ों पर शरण ली हुई थी। टिड्डा भी झाड़ियों के बीच छिपा बैठा था, पर एक चींटी गर्म दोपहरी में भी अपने लिए भोजन इकट्ठा कर रही थी। टिड्डा चींटी का मजाक उड़ाते हुए बोला, “इतनी तेज धूप में भी तुम …

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मूर्ख कौआ

एक पेड़ पर एक कौआ रहता था। उसे अपने काले पंख जरा भी अच्छे नहीं लगते थे। वह जब मोरों के सुंदर पंख देखता तो उसे अपने आप से नफरत होने लगती। वह सोचता, ‘काश, मैं भी इनकी तरह सुंदर होता।’ एक दिन उसे जंगल में कुछ मोरपंख बिखरे दिखाई दिए। उसने उन पंखों को उठाकर अपने पंखों के ऊपर …

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लालची चरवाहा !!

एक दिन एक चरवाहा अपनी बकरियों को लेकर पास के जंगल में चराने गया । अचानक तेज बारिश होने लगी और वह अपनी बकरियों को हाँककर पास की एक गुफा में ले गया। चरवाहे ने जब देखा कि वहाँ पहले से कुछ जंगली बकरियाँ शरण लिये हुए हैं तो वह बहुत खुश हुआ। उसने सोचा, ‘इन बकरियों को भी अपनी …

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मधुमक्खी का डंक !!

एक मधुमक्खी थी। वह दिनभर बड़े परिश्रम पूर्वक एक फूल से दूसरे फूल पर जाती और उनका रस चूसती। फिर वह अपने छत्ते पर जाकर उस रस से शहद बनाती। एक दिन उसने सोचा, ‘मैं दिनभर मेहनत करती हूँ और फूलों के रस से शहद बनाने के बाद हर समय डर लगा रहता है कि कहीं कोई मेरा शहद न …

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बाज और सियार !!

एक पेड़ की ऊँची शाखा पर एक बाज घोंसला बनाकर रहता था। उसी पेड़ के नीचे एक सियार का घर था। एक दिन जब सियार शिकार के लिए गया हुआ था, तभी बाज पेड़ से उतरकर नीचे आया और सियार के छोटे से बच्चे को उठाकर ले गया। जब सियार लौटकर आया तो उसको अपना बच्चा दिखाई नहीं दिया।   …

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दो पत्नियां !!

एक व्यक्ति की दो पलियाँ थीं। पहली पत्नी थोड़ी बूढ़ी थी, जबकि दूसरी पत्नी अभी जवान थी। एक दिन दूसरी पत्नी को पति के सिर में कंघी फेरते हुए कुछ सफेद बाल दिखाई दिए। उसने सोचा कि यदि लोगों ने मेरे पति के सिर में सफेद बाल देखे तो समझेंगे कि वे बूढ़े हो चले हैं। यह सोचकर उसने पति …

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मुर्गे की बांग !!

एक औरत ने घर के काम-काज के लिए दो नौकरानियाँ रखी हुई थीं। वह उनसे दिन भर कड़ी मेहनत कराती। उस औरत के पास एक मुर्गा था, जो हर सुबह चार बजे बांग देकर उन्हें उठा देता था। नौकरानियों को सुबह जल्दी उठना बिल्कुल पसंद नहीं था, इसलिए उन्हें उस मुर्गे से ही नफरत हो गई थी। एक दिन एक …

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जगदीश का भोलापन !!

जगदीश एक भोला भाला लड़का था, जो सबकी मदद किया करता था। एक दिन उसके मित्र ने उसे खाने पर बुलाया। खाना खाकर जब वह घर पहुँचा तो उसने देखा उसके माता, पिता और दोनों भाई पेट के दर्द से बेहाल थे।उसके पिता बोले-“दवा की दुकान में जाओ और पेट के दर्द की दवा, चार लोगों के लिए एक-एक खुराक …

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त्यागभूमि नहीं कर्मभूमि !!

विख्यात स्वतंत्रता सेनानी और साहित्यकार पंडित हरिभाऊ उपाध्याय के आमंत्रणपर लाला लाजपतरायजी 1927 में अजमेर पधारे। वहाँ राष्ट्रीय आंदोलन के संबंध में लालाजी का बड़ा प्रभावी भाषण हुआ। हरिभाऊजी को उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय भावनाओं के प्रचार के लिए प्रकाशित पत्रिका का नाम त्यागभूमि की जगह कर्मभूमि होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि त्याग और वैराग्य के उपदेश की जगह …

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