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कैसे मैं तो भूलूँ बाबा तेरी मेहरबानियाँ
जो देख कर मुँह फेर लिया करते थे,वक़्त बदला तो मेरे नीम पर आम आने लगे,किस किस को सुनाऊँ तेरे दान की कहानियाँ,तू ही तो है मेरे बाबा जो करता है हम सब पर मेहरबानियाँ| कैसे मैं तो भूलूँ बाबा तेरी मेहरबानियाँ,कैसे मैं तो भूलूँ बाबा तेरी मेहरबानियाँ,जब से पड़ी रे नज़र बरसी हम पर मैहर,दिन गए रे सुधर दिन …
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