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बरसों से छुपी जो इस दिल में
बरसों से छुपी जो इस दिल में,वो बात मुझे भी कहने दो,सब देख लिए सुख दुनियाँ के,अब चरणों की छाँव में रहने दो। बरसों से छुपी जो इस दिल में। डूब रहा था भव सागर में,हाथ पकड़ के तुमने बचाया,अब श्याम नाम की गंगा में मन,बहता है तो बहने दो,सब देख लिए सुख दुनियाँ के,अब चरणों की छाँव में रहने …
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