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अगर सफल इंसान बनना है तो साथ रखो इंसानियत

अगर सफल इंसान बनना है तो साथ रखो इंसानियत

कहते हैं महापुरषों का बचपन असामान्य रहता है। ऐसा ही कुछ पं. मदन मोहन मालवीय जी का भी था। एक बार प्रयाग में चौक के पास एक गली में बीमार श्वान (कुत्ता) पड़ा था। चोट लगने से उसे घाव हो गया था। वह छटपटा रहा था, चिल्ला रहा था। पर तमाशबीन बने लोग उसे देख रहे थे। बारह वर्षीय मदन …

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जब पीरों को बताया, ‘संत कौन होते हैं?’

  एक बार सिखों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी मुलतान की यात्रा पर गए। जब मुलतान पहुंचे तो पीरों के बाबा ने दूध से भरा कटोरा भेजा। यह एक तरह का संदेश था कि मुलतान में बहुत से पीर हैं। वह यहां नहीं रहें। लेकिन बदले में गुरु नानक जी ने उनको बगली का फूल भिजवाया। इसका अर्थ …

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रामनाम और महात्मा गांधी

राजस्थान के लक्ष्मणगढ़ निवासी बालूराम अढ़तिया रामनाम के आढ़ती के नाम से विख्यात थे। वे अपने साथ एक बही रखते और किसी भी प्रमुख व्यक्ति के पास पहुंचकर उनसे प्रार्थना करते कि आप इस बही में अपने हाथ से लिखें कि भगवान के इतने हजार नामों का जप प्रतिदिन किया करेंगे। एक बार गांधीजी मुंबई आए हुए थे। आढ़तिया भाई …

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उस मनहूस चेहरे में छिपा था एक राज

उस मनहूस चेहरे में छिपा था एक राज

मशहूर होने के लिए लोग क्या कुछ नहीं करते लेकिन एक व्यक्ति इस बात के लिए मशहूर था कि, ‘उसका चेहरा मनहूस था।’ यह किस्सा काफी पुराना है। हुआ यूं कि उस व्यक्ति की शिकायत लोगों ने राजा से कर दी।  लेकिन, लोगों की बातों पर राजा को विश्वास नहीं हुआ। तब राजा ने स्वंय ही उस व्यक्ति के चेहरे …

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एक बॉस की कहानी लेकिन उसने क्यों कहा, ‘कल उत्तर दूंगा’

एक कंपनी का बॉस यात्रा के दौरान गांव से गुजरा । कुछ लोगों ने उन्हें अपशब्द कहने के साथ अभद्र व्यवहार करना शुरु कर दिया। इस पर बॉस ने कहा, मैं कल आकर उत्तर दूंगा। लोग बहुत हैरान हुए। फकीर से उन्‍होंने कहा, ‘हमने तुम्हारा अपमान किया है, तुम्हारे बारे में अभद्र बातें कहीं । तुम हमसे झगड़ने की बजाए …

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बापू ने बताया दान और व्यापार का महत्व

Mahatma Gandhi's

एक दिन एक व्यक्ति महात्मा गांधी के पास आकर अपना दुःख सुनाने लगा। उसने गांधी जी से कहा कि बापू, यह दुनिया बड़ी बेईमान है। आप तो यह अच्छी तरह से जानते हैं कि मैनें पचास हजार रुपए दान देकर धर्मशाला बनवाई थी। पर अब उन लोगों ने मुझे ही उसकी प्रबंध समिति से हटा दिया है। धर्मशाला नहीं थी …

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ऐसे पाएं प्रपंचों से मुक्ति

महान संत गोरखनाथ ने घोर तपस्या के बल पर अनेक सिद्धियां प्राप्त की थीं। वह चाहते थे कि यह सिद्धियां किसी सुयोग्य संत को ही दी जाएं।  एक दिन गोरखनाथ जी काशी में गंगा नदी के किनारे बैठे हुए थे। उन्होंने वहां एक दंडी संन्यासी को गंगा में अपना दंड प्रवाहित करते हुए देखा। गोरखनाथ जी उनके पास पहुंचे। और …

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ऐसे बनाएं जिंदगी को ओर बेहतर

सदानंद स्वामी श्रद्धानंद के शिष्य थे। उन्होंने काफी मेहनत से ज्ञान प्राप्त किया था। लेकिन उन्हें अपने ज्ञान पर अहंकार हो गया। यह उनके व्यवहार में भी दिखाई देने लगा। वह हर किसी को नीचा दिखाने की कोशिश करते। यहां तक कि वह अपने साथ शिक्षा ग्रहण कर रहे अपने मित्रों से भी दूरी बनाकर रहने लगे। यह बात स्वामी …

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चाणक्य कहते हैं, इन चीज़ों को करने के बाद जरुर स्नान करें

Chanakya-quotes

चाणक्य कहते हैं कि संभोग के बाद बिना स्नान किये घर से बहार नहीं निकलना चाहिए। यह साफ-सफाई और अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरुरी है। चाणक्य कहते हैं, इन चीज़ों को करने के बाद जरुर स्नान करें हमारे प्राचीन शास्त्रों में बताया गया है कि रोज़ स्नान करने से शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है साथ ही मांसपेशियों पर …

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ऐसे कीजिए अच्छे और बुरे की पहचान

गुरु द्रोणाचार्य ने शिक्षा पूरी होने पर कौरव और पांडव वंश के राजकुमारों दुर्योधन और युधिष्ठिर को परीक्षा के लिए बुलाया। गुरु द्रोण ने सबसे पहले युधिष्ठिर और दुर्योधन को एक अच्छा व्यक्ति ढूंढकर लाने को कहा। दोनों राजुकमार चल दिए।  सारा दिन खाली हाथ भटकने के बाद शाम को वापिस गुरुकुल आए। दुर्योधन बोला, गुरुजी मुझे तो कोई भी …

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