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“मैं न होता तो क्या होता”

न मैं श्रेष्ठ हूँ, न मैं ख़ास हूँ। मैं तो बस छोटा सा, भगवान के चरणों का दास हूँ॥अतः अपने मन में सदैव यह बात लेकर चलें किसमय और स्थिति कभी भी बदल सकते हैं, अत: कभी किसी का अपमान ना करें, और न ही किसी को तुच्छ समझें।आप शक्तिशाली हो सकते हैं, पर समय आपसे अधिक शक्तिशाली है!🌹 गाय …

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बुद्धिमान पत्रकार !!

एक बुद्धिमान चित्रकार था। एक बार एक बूढ़ी धनी महिला अपना चित्र बनवाने के लिए उसके पास पहुंची। चित्रकार ने एक हफ्ते में उसका चित्र पूरा कर दिया। जब वह बूढी अपना चित्र लेने के लिए पहुँची तो उसके साथ उसका कुत्ता भी था। चित्रकार ने उसे चित्र दिखाया और उसकी टिप्पणी का इंतजार करने लगा।   बूढ़ी महिला ने …

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लकड़हारा और बाज !!

एक दिन एक लकड़हारा जंगल से गुजर रहा था। एक स्थान पर उसने देखा कि एक बाज किसी बहेलिए द्वारा बिछाए गए जाल में फँस गया है। लकड़हारे को बाज पर दया आ गई। उसने दौड़कर बाज को जाल से आजाद कर दिया। बाज ने लकड़हारे का शुक्रिया अदा किया और वहाँ से उड़ गया। एक दिन लकड़हारा एक टीले …

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कच्चा भोजन !!

एक दिन एक खरगोश जंगल में कुलाँचे भर-भरकर दौड़ रहा था। अचानक उसने देखा कि एक लोमड़ी उसकी तरफ आ रही है। यह देख खरगोश घबराकर तेजी से भागने लगा। लोमड़ी को लगा कि वह खरगोश को पकड पाने में असमर्थ रहेगी। इसलिए उसने एक योजना बनाई। वह बोली, “मेरे प्यारे दोस्त, तुम्हें मुझसे डरने की कोई जरूरत नहीं है। …

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सत्संग का प्रभाव !!

धर्मसंघ के संस्थापक स्वामी करपात्रीजी भारत विभाजन की योजना के विरोध में सत्याग्रह करते हुए गिरफ्तार किए गए। उन्हें कुछ दिनों के लिए लाहौर की जेल में रखा गया। स्वामीजी कैदियों को प्रतिदिन प्रार्थना कराया करते थे, ‘भगवान्, हमें पाप कर्मों से बचाकर अच्छा व्यक्ति बनाओ।’ एक कैदी स्वामीजी के संपर्क में आया और उनके त्यागमय जीवन और प्रवचन से …

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मुनिश्री का अनूठा प्रभाव !!

विख्यात जैन मुनि आचार्य सुदर्शनजी महाराज गाँवों और नगरों में पदयात्रा कर लोगों को दुर्व्यसनों को त्यागने और सदाचार का पालन करने की प्रेरणा दिया करते थे । उन्होंने विभिन्न धर्मों का गहन अध्ययन किया था। वे प्रायः कहा करते थे कि जब तक मांस-मदिरा तथा अन्य नशी पदार्थों का त्याग करके सात्त्विक और शुद्ध जीवन नहीं अपनाओगे, तब तक …

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ईमानदारी सर्वोच्च नीति हैं !!

एक राहुल नाम का व्यक्ति था | स्वभाव से बहुत ही गंभीर था | उसकी पढाई पूरी हो चुकी थी लेकिन कोई नौकरी नहीं थी | दिन रात वो काम की तलाश में इधर – उधर भटकता रहता था | राहुल एक ईमानदार मनुष्य भी था इसलिये भी उसे काम मिलने में मुश्किल आ रही थी | दिन इतने ख़राब …

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बुद्धिमान की परीक्षा !!

बहुत समय पूर्व जब गुरुकुल शिक्षा की प्रणाली होती थी | तब हर बालक को अपने जीवन के पच्चीस वर्ष गुरुकुल में बिताना पड़ता था | उस समय एक प्रचंड पंडित राधे गुप्त हुआ करते थे जिनका गुरुकुल बहुत प्रसिद्ध था | जहाँ दूर-दूर के राज्य के शिष्य शिक्षा प्राप्त करने आया करते थे | बात उन दिनों की हैं …

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आरुणि उद्दालक की गुरु भक्ति !!

राजा जन्मेजय की नगरी में अयुद्धौम्य नामक प्रसिद्ध गुरु का आश्रम था इनका एक सबसे उत्तम शिष्य था आरुणी | आरुणी की गुरु भक्ति इतिहास के पन्नो में गुंजायमान हैं | घटना कुछ ऐसी हैं, एक बार गाँव के पार मेड़ में दरार बन जाती हैं इससे पानी रिस- रिस खेतो में आने लगता हैं जिसे रोकना बहुत जरुरी हो …

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प्रेम के बोल !!

एक गाँव में एक मजदुर रहा करता था जिसका नाम हरिराम था | उसके परिवार में कोई नहीं था | दिन भर अकेला मेहनत में लगा रहता था | दिल का बहुत ही दयालु और कर्मो का भी बहुत अच्छा था | मजदुर था इसलिए उसे उसका भोजन उसे मजदूरी के बाद ही मिलता था | आगे पीछे कोई ना …

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