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कौन चाहता है निर्वाण

भगवान् बुद्ध से एक जिज्ञासु ने पूछा, ‘मानव जीवन का लक्ष्य क्या है?’ उन्होंने बताया, ‘निर्वाण अर्थात् सभी बंधनों से मुक्ति।’ जिज्ञासु ने कहा, ‘भगवान्, आप लोगों को तरह-तरह के साधन बताते हैं। क्यों नहीं उन्हें सीधे-सीधे निर्वाण प्रदान करते हैं। आप तो निर्वाण की स्थिति में पहुँच चुके हैं, क्यों नहीं उसे औरों में भी बाँट देते हैं?’ बुद्ध …

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मोक्ष के उपाय

प्रत्येक प्राणी किसी-न-किसी रूप में हर क्षण खुश रहने की आकांक्षा रखता है। वह किसी ऐसे अमृतरूपी अमोघ साधन की खोज में लगा रहता है, जो उसे सुखी-समृद्ध व स्वस्थ रखे। वेदों में वायु, जल, अन्न, औषधि, विद्या, सत्य, विज्ञान, पवित्रता, सौंदर्य, कांति आदि को आत्मा-परमात्मा का नाम बताया गया है। इन सबके सदुपयोग से व्यक्ति अमर हो जाता है। …

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सत्य और सुख

सत्य और सुख

खलील जिब्रान से किसी ने पूछा, ‘आज दानवता, हिंसा और अनैतिकता का बोलबाला क्यों हो रहा है? जिब्रान ने उसे बताया, ‘ईश्वर ने जब आदमी को दुनिया में भेजा, तो उसके दोनों हाथों में एक-एक घड़ा थमा दिया था। परमात्मा ने उससे कहा, एक घड़े में सत्य भरा है, जिसका पालन कल्याणकारी होगा। दूसरे घड़े में सुख है, जो विषय-वासना …

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खुश रहने के लिए , जीवन को कैसे जियें ?

दड़बे की मुर्गी !💐 एक शिष्य अपने गुरु के पास पहुंचा और बोला, ” लोगों को खुश रहने के लिए क्या चाहिए?” “तुम्हे क्या लगता है?”, गुरु ने शिष्य से खुद इसका उत्तर देने के लिए कहा. शिष्य एक क्षण के लिए सोचने लगा और बोला, “मुझे लगता है कि अगर किसी की मूलभूत आवश्यकताएं पूरी हो रही हों… खाना-पीना …

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अभिमान अक्ल को खा जाता है🌷

एक घर के मुखिया को यह अभिमान हो गया कि उसके बिना उसके परिवार का काम नहीं चल सकता। उसकी छोटी सी दुकान थी। उससे जो आय होती थी, उसी से उसके परिवार का गुजारा चलता था। चूंकि कमाने वाला वह अकेला ही था इसलिए उसे लगता था कि उसके बगैर कुछ नहीं हो सकता।वह लोगों के सामने डींग हांका …

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हर परिस्थिति में प्रसन्न रहकर ही हम ईश्वर के समीप पहुंच सकते हैं

दो संन्यासी थे, एक वृद्ध और एक युवा । दोनों साथ रहते थे । एक दिन महीनों बाद वे अपने मूल स्थान पर पहुंचे । जो एक साधारण-सी झोपड़ी थी । किंतु जब दोनों झोपड़ी में पहुंचे तो देखा कि वह छप्पर भी आंधी और हवा ने उड़ाकर न जाने कहां पटक दिया । यह देख युवा संन्यासी बड़बड़ाने लगा …

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ऐसा था आइंस्टाइन का निराला अंदाज

अमूमन लोग अल्बर्ट आइंस्टाइन से उनके सापेक्षता सिद्धान्त को सरल शब्दों में समझाने के लिए निवेदन किया करते थे। इसके उत्तर में आइंस्टाइन कहते थे, ‘आप अपने हाथ को जलती अंगीठी के ठीक ऊपर एक मिनट के लिए रखिए तो वह एक मिनट आपको एक घंटे के बराबर लगेगा और किसी सुंदर महिला के साथ एक घंटे तक बैठिए तो …

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जब एक किताब ने बदल दी वर्नर की जिंदगी

एक किताब किसी के जीवन को किस हद तक प्रभावित कर सकती है इसका सबसे अच्छा उदाहरण हैं नोबेल पुरस्कार विजेता ‘वर्नर हाइजेनवर्ग’। पश्चिम जर्मनी के वर्नर हाइजेनवर्ग महान भौतिकशास्त्री थे। जब वर्नर 19 वर्ष के थे तब वह विद्यालय में ही संतरी की काम किया करते थे। एक दिन ड्युटी के दौरान ही उन्हें विख्यात दार्शनिक प्लेटो की किताब …

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जिंदगी में समस्याओं को उलझाएं नहीं बल्कि इस तरह सुलझाएं

Do not confuse problems in life but solve it like this

एक व्यक्ति कहीं जा रहा था उसे हार्ट अटैक आ गया लेकिन वो बच गया। इस घटना के बाद उसे हर बात से डर लगने लगा। वह मनोवैज्ञानिक के पास गया और बोला, अज्ञात भयों के कारण मेरे जीवन में आनंद नहीं रह गया है। हर समय डर में जी रहा हूं। यह सुनकर मनोवैज्ञानिक बोले, ‘मैं अपने जीवन का …

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माहे-रमजान में छुपा संदेश

Iftar

आत्मा को पाकीजगी का मौका देता है रमजान Hidden messages in Maha-Ramzan बंदे को हर बुराई से दूर रखकर अल्लाह के नजदीक लाने का मौका देने वाले पाक महीने रमजान की रूहानी चमक से दुनिया एक बार फिर रोशन हो चुकी है और फिजा में घुलती अजान और दुआओं में उठते लाखों हाथ खुदा से मुहब्बत के जज्बे को शिद्दत …

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