मानव स्वभाव पर बुद्ध कहानी आचार्य चाणक्य ने कहा था कि इंसान को ज्यादा सीधा भी नहीं होना चाहिए, क्योंकि अगर हम जंगल में जाकर देखे तो, जान पाएंगे की सीधे पेड काट दिए जाते हैं जबकि टेढे मेढे पेड छोड दिए जाते हैं। तो आज की हमारी ब्लॉग पोस्ट भी इसी बारे में है कि ज्यादा अच्छा बना बुरा …
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नए युग की शुरुआत
।ईस्ट इंडिया नाम की ब्रिटिश कंपनी लगभग पूरे विश्व पर राज करती थी। ब्रिटेन से सबसे बुरे पर प्रभावशाली लोग इस कंपनी के मलिक हुआ करते थे। एक टाइम में ब्रिटेन की ऑफिसियल सेना से दुगुनी बड़ी सेना इनके पास हुआ करती थी।
Read More »झांसी की रानी लक्ष्मीबाई
बुंदेला वीर महाराजा मर्दन सिंह जूदेव व बाबू वीर कुंवर सिंह जैसे अनेक स्वतंत्रता सेनानी भारत देश की स्वतंत्रता के लिए अंग्रेजो के विरूद्ध विगूल फूंक ,अंग्रेजो के नाक में दम कर रखा था !!
Read More »हाथ से डुलाने वाला पंखा
एक रस्सी द्वारा कोई प्राणी डुलाता रहता।चूँकि विद्युतीकरण उस समय हुआ नहीं था हाथ से डुलाने वाला ये पंखा बड़े अमीर वर्ग में ख़ासा प्रचलन में था। अंग्रेज़ी हुकूमत के दौरान ऐसे पंखों का खूब प्रयोग हुआ। अनेक भारतीय मज़दूर को पंखा डुलाने के लिए अंग्रेज़ी अफ़सर रखते थे।
Read More »पूरी बात
दोपहर हो गई। त्योहार निकट थी। दुकानों पर नाना प्रकार की मिठाइयाँ और चीनी के खिलौने सजे थे। एक हलवाई ने चीनी से आदमी की आकृति बना रखे थे
Read More »जॉनी वाकर
गुरु दत्त ने तुरंत कहा, ‘तो कहो ना’। जॉनी वाकर ने कहा कि एम सादिक एक फिल्म बनाना चाहता है, लेकिन उसकी हालत कुछ ठीक नहीं है। हम सबको मिलकर उसका साथ देना होगा। तुम भी इस फिल्म में काम कर लो, लेकिन सुनो थोड़ा कोआपरेट करना होगा।
Read More »कर्मा जरूर लौटता है
एक बुजुर्ग आदमी भुख से व्याकुल था,वो एक तालाब पर जाता है और बड़ी मशक्कत से एक मछली पकड़ता है कि चलो इससे मैं भूख मिटा सकुंगा।
Read More »प्राकृतिक प्रकोप
जिसे उसने अपनी पत्नी के गहने बेचकर और कुछ कर्ज लेकर खरीदा था । जहां आज शाम ही उसने लहलहाती गेंहू की बालियों को देखा था। नजर लगने के डर से जी भर के देख भी ना पाया था। सही तो है किसान का खेत उसकी फसल उसके बच्चे की तरह होती है।
Read More »जानकीदास मेहरा की कहानी
जानकीदास भारत के इकलौते ऐसे भारतीय थे, जिन्होंने 1932-1942 के समय में वर्ल्ड रिकॉर्ड ब्रेक किया था.
Read More »चौधरी चंदगीराम कालीरमण
ओलंपियन,भारत केसरी,हिंद केसरी,अर्जुन अवॉर्डी, पदम श्री जैसे अवार्ड जीत चुके मास्टर चंदगीराम हरियाणा के जिला हिसार के सबसे बड़े गाँव सिसाय में 9 नवम्बर 1937 में जन्मे थे। -कुश्ती के लिए ऐसा लगाव था कि अपने चाचा से प्रेरित होकर ब्याह के बाद भी पहलवानी के लिए ब्रहमचारी का पालन किया।उनके हाथो कि पकड़ इतनी मजबूत थी कि प्रतिद्वंद्वी के …
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