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Do you Know?

तप का रहस्य

स्वामी रामतीर्थ एक बार किसी तीर्थ में भ्रमण कर रहे थे। उन्होंने देखा कि एक साधुवेशधारी रेती पर बैठा हुआ है। उसके चारों ओर अग्नि प्रज्ज्वलित थी। उसके आस-पास देखने वालों की भारी भीड़ लगी थी। पूछने पर पता चला कि वह कोई तपस्वी बाबा हैं और वहाँ तप कर रहे हैं। इस पर स्वामीजी ने कहा, ‘तप एकांत में …

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क्रोध से सर्वनाश

सभी धर्मग्रंथों में काम, क्रोध और लोभ को पतन का कारण बताया गया है। भगवान् श्रीकृष्ण कहते हैं त्रिविधं नरकस्येदं द्वारं नाशनमात्मनः। कामः क्रोधस्तथा लोभस्तस्मादेत वयं त्यजेत॥' अर्थात् काम, क्रोध और लोभ नरक के द्वार हैं। ये तीनों आत्मा को नष्ट कर देते हैं, इसलिए इनको त्यागना ही उचित है। इच्छाओं की पूर्ति में बाधा आने से अनायास क्रोध पनपता …

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परोपकाराय पुण्याय

राजगृह में धन्य नामक बुद्धिमान सेठ रहता था। उसकी पत्नी का निधन हो गया। उसकी चार पुत्रवधुएँ थीं-उज्झिका, भोगवती, रक्षिका और रोहिणी। सेठ ने सोचा कि क्यों न इन चारों बहुओं को परखकर किसी एक को घर का दायित्व सौंप दिया जाए। एक दिन उसने चारों बहुओं को पास बिठाया और कहा, तुम चारों को धान के पाँच-पाँच दाने देता …

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मोह-लोभ का जाल

अवधूत दत्तात्रेय एक दिन नदी के किनारे टहल रहे थे । उन्होंने देखा कि एक मछुआरा बिलकुल नदी के तट पर बैठा लोहे के बने छोटे से काँटे पर मांस का टुकड़ा लगा रहा है। दत्तात्रेय ने उससे इसका कारण पूछा, तो वह बोला, ‘मैं काँटे में मांस का टुकड़ा लगाकर उसे पानी में छोडूँगा । मांस के लालच में …

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पशु-पक्षियों से सीखो

गंधर्वराज विश्ववसु की पुत्री मदालसा परम तपस्वी व विद्वान् महिला थीं। वे अपने पुत्रों को शास्त्रों के उदाहरण देकर उपदेश दिया करती थीं कि शरीर क्षणभंगुर है, आत्म तत्त्व ही सबकुछ है। सांसारिक मोहजाल में फँसकर जीवन व्यर्थ नहीं गँवाना चाहिए। मदालसा के पति राजा ऋतध्वज ने एक दिन कहा, ‘प्रिये! तुम तीन बच्चों को ज्ञानोपदेश देकर सांसारिक जगत् से …

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मन की पवित्रता

किसी भी प्रकार की साधना की सफलता के लिए शास्त्रों में मन को शुद्ध-पवित्र, छल-छद्म से रहित बनाने पर जोर दिया गया है। महर्षि पतंजलि कहते हैं, अपने मन को किसी भी प्रकार के राग -द्वेषों से, तेरा-मेरा की भावना से मुक्तकर उसे परमात्मा की ओर उन्मुख करना चाहिए। मन को भगवान् से जोड़ने का नाम ही योग है।’ परमहंस …

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Mere kanha sath nibhana

और नही कुछ तुम से केहना सेवा में तेरी मुझको रेहनामेरे कान्हा मेरे कान्हा मेरे कान्हा साथ निभाना…… तू दाता मैं तेरी पुजारन तेरे दर की मैं हु भिखारन,बन ना चाहू मीरा से जोगन पूरी करदो मेरी तमना,मेरे कान्हा मेरे कान्हा मेरे कान्हा साथ निभाना….. हारे का हो तुम तो सहारा तुम से चलता सब का गुजारादिल से दिल ने …

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Boiling Frog Motivational Story in Hindi

क्या आप जानते है, अगर एक मेंढक को ठंडे पानी के बर्तन में डाला जाए और उसके बाद पानी को धीरे धीरे गर्म किया जाए तो मेंढक पानी के तापमान के अनुसार अपने शरीर के तापमान को समायोजित या एडजस्ट कर लेता है| जैसे जैसे पानी का तापमान बढ़ता जाएगा वैसे वैसे मेंढक अपने शरीर के तापमान को भी पानी …

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मन को वश में करना💐💐

जीवन में सफलता और प्रगति के लिए मन का नियंत्रित होना आवश्यक है. बहुत लोगो को लगता है कि मन को जीतना या मन को नियंत्रित करना बहुत ही कठिन कार्य है. लेकिन ऐसा नहीं है. अगर आपके मन में चाह है तो राह भी है. हम जो कुछ देखते है, जो कुछ सुनते है और जो कुछ बोलते है. …

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करीबियों का दिल न तोड़े

एक राजमहल में एक कामवाली और उसका बेटा काम करते थे। एक दिन राजमहल में कामवाली के बेटे को एक हीरा मिला। उसने अपनी माँ को बताया।।।।। कामवाली बड़ी होशियारी से वह हीरा बाहर फेंक देती है। यह कहकर कि यह कांच है हीरा नहीं है। घर जाते वक़्त वह चुपके से उस हीरे को उठा के ले जाती है। …

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