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ज्ञानी पुरुष और निंदा

एक व्यापारी एक नया व्यवसाय शुरू करने जा रहा था लेकिन आर्थिक रूप से मजबूत ना होने के कारण उसे एक हिस्सेदार की जरुरत थी| कुछ ही दिनों में उसे एक अनजान आदमी मिला और वह हिस्स्सेदार बनने को तैयार हो गया| व्यापारी को उसके बारे में ज्यादा कुछ मालुम नहीं था| अत: पहले वह हिस्सेदार बनाने से डर रहा …

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हमारी संस्कृति

आज जगन राय बहुत खुश थे और खुश क्यों ना हो आज उनकी प्यारी सी सुन्दर सी बिटिया पल्लवी का विवाह परम्परागत तरीके से उनके दोस्त राजनारायण के बेटे अपूर्व से होना था । वह बहुत समय पहले विदेश में बस गये थे पर रहने वाले राजस्थान के एक छोटे से कस्बे के । बिटिया भी विदेश में ही पली …

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सास बहु और कामवाली

मां ये क्या हैं …. तुम हमेशा अपनी मेड के लिए ये साड़ियां वगैरह खरीदते रहती हो वो भी मंहगी से मंहगी कल भी खरीदी थी बीना बता रही थी मां जो कीमती साड़ियां तुम्हारी बहु पर शूट करती है वैसी अगर तुम अपने घर की नौकरानी के लिए आखिर चाहती क्या हो क्यों तुलना करने में लगी हो क्या …

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राम भक्त शबरी

शबरी को आश्रम सौंपकर महर्षि मतंग जब देवलोक जाने लगे, तब शबरी भी साथ जाने की जिद करने लगी।शबरी की उम्र दस वर्ष थी। वो महर्षि मतंग का हाथ पकड़ रोने लगी।महर्षि शबरी को रोते देख व्याकुल हो उठे। शबरी को समझाया “पुत्री इस आश्रम में भगवान आएंगे, तुम यहीं प्रतीक्षा करो।”अबोध शबरी इतना अवश्य जानती थी कि गुरु का …

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आओ साथ चलें

शांता के घर में पूरी बुजुर्गों की टोली बैठी थी और शांता बड़ी खुशी- खुशी उन्हें बड़े प्रेम के साथ चाय-नाश्ता करा रही थी ।यह सारे लोग साथ में मॉर्निंग वॉक करते ,योगा करते तथा साथ में हंसते- बोलते और छोटी मोटी पार्टियाँ कर मस्ती करते रहते थे। एक समय ऐसा था जब शांता और उसके पति इस बुजुर्ग टोली …

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“कर भला तो हो भला।

“कर भला तो हो भला।” गुप्ता जी, पेशे से व्यापारी थे। कस्बे से दुकान की दूरी महज़ 9 किलोमीटर थी।एकदम वीराने में थी उनकी दुकानकस्बे से वहाँ तक पहुंचने का साधन यदा कदा ही मिलता था, तो अक्सर लिफ्ट मांग कर ही काम चलाना पड़ता था और न मिले तो प्रभु के दिये दो पैर, भला किस दिन काम आएंगे।“कैसे …

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“सच्ची पूजा का फल”

किसी नगर में एक बुढ़िया रहती थी। वह ग्वालिन थी उसके चार पुत्र और एक पुत्री थी। एक समय नगर में हैजा की बीमारी फैली। एक-एक करके बुढ़िया के पति और चारों पुत्र चल बसे। अब एक मात्र लड़की रह गयी। पति और पुत्रों के न रहने पर बुढ़िया की पीड़ा असह्य हो गयी।बुढ़िया के पास अधिक जगह-जमीन न थी। …

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क्यूंकि कल कभी नहीं आएगा।

जितनी बार पढ़ो उतनी बार जिंदगी का सबक दे जाती है ये कहानी ….जीवन के 20 साल हवा की तरह उड़ गए । फिर शुरू हुई नोकरी की खोज । ये नहीं वो, दूर नहीं पास । ऐसा करते करते 2 3 नोकरियाँ छोड़ते एक तय हुई। थोड़ी स्थिरता की शुरुआत हुई।फिर हाथ आया पहली तनख्वाह का चेक। वह बैंक …

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महाराणा सांगा।

इंजीनियरिंग कॉलेज में इतिहास पढ़ने वाले इतिहासकारों का सबसे बड़ा डायलॉग है- बाबर को महाराणा सांगा ने ही तो बुलाया था, फिर वे काहे का देशभक्त हुए?बाबर खुद बाबरनामा में लिखता है- मुझे भारत विजय की प्रेरणा अपने एक अमीर से मिली, जिसने कहा- “आगे बढिये और संसार के सर्वश्रेष्ठ देश पर अधिकार कर लीजिए। सिंधु के उस पार एक …

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गरीब की शादी

गरीब की शादीकुछ सालो पहले की बात है मेरे साथ में काम करने वाले चपरासी लखन की बहन की शादी थी तो उसने करीब एक महीने पहले ही मुझसे बता दिया था कि वो 20 दिन के लिए अपने गांव जाएगा, उसने कुछ अग्रिम राशि के लिए भी आवेदन किया था ।जो 50000 थी मेने उस राशि को मंजूर कर …

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