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Education

भूखे को भोजन

सभी शास्त्रों में कहा गया है कि किसी की सहायता करते समय उसकी जाति का विचार कदापि नहीं करना चाहिए। किसी की भूख मिटाते समय यही समझ लेना पर्याप्त है कि वह प्राणी है। शेख सादी ने हजरत खलील के जीवन की एक सत्य घटना का वर्णन किया है। हजरत खलील का संकल्प था कि वे बिना किसी को खिलाए …

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पशु-पक्षियों से सीखो

गंधर्वराज विश्ववसु की पुत्री मदालसा परम तपस्वी व विद्वान् महिला थीं। वे अपने पुत्रों को शास्त्रों के उदाहरण देकर उपदेश दिया करती थीं कि शरीर क्षणभंगुर है, आत्म तत्त्व ही सबकुछ है। सांसारिक मोहजाल में फँसकर जीवन व्यर्थ नहीं गँवाना चाहिए। मदालसा के पति राजा ऋतध्वज ने एक दिन कहा, ‘प्रिये! तुम तीन बच्चों को ज्ञानोपदेश देकर सांसारिक जगत् से …

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जीवन की सार्थकता

गुरु नानकदेवजी सत्य का महत्त्व प्रदर्शित करते हुए कहा करते थे, “किव सचियारा होइये किव कुडै तुटै पालि-साधक को ऐसा सचियारा होना चाहिए कि वह हर क्षण सत्य का अनुसरण करता रहे। उसे भगवान् के नाम के सुमिरन से मन के मैल को साफ करना चाहिए । वे उपदेश में कहते हैं, ‘बिना परश्रम के पाया गया धन या बेईमानी …

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कौन चाहता है निर्वाण

भगवान् बुद्ध से एक जिज्ञासु ने पूछा, ‘मानव जीवन का लक्ष्य क्या है?’ उन्होंने बताया, ‘निर्वाण अर्थात् सभी बंधनों से मुक्ति।’ जिज्ञासु ने कहा, ‘भगवान्, आप लोगों को तरह-तरह के साधन बताते हैं। क्यों नहीं उन्हें सीधे-सीधे निर्वाण प्रदान करते हैं। आप तो निर्वाण की स्थिति में पहुँच चुके हैं, क्यों नहीं उसे औरों में भी बाँट देते हैं?’ बुद्ध …

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विनय और समर्पण

ऋषि-मुनियों, संत-महात्माओं तथा भक्तों ने भगवान् से अपने अवगुणों को अनदेखा कर शरण में लेने की प्रार्थना की है। संत कवि सूरदास ‘प्रभु मेरे अवगुण चित न धरो’ पंक्तियों में विनयशीलता का परिचय देते हुए शरणागत करने की प्रार्थना करते हैं, तो तुलसीदास रामजी से पूछते हैं, ‘काहे को हरि मोहि बिसारो। संत पुरंदरदास खुद को दुर्गुणों का दास बताते …

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मोक्ष के उपाय

प्रत्येक प्राणी किसी-न-किसी रूप में हर क्षण खुश रहने की आकांक्षा रखता है। वह किसी ऐसे अमृतरूपी अमोघ साधन की खोज में लगा रहता है, जो उसे सुखी-समृद्ध व स्वस्थ रखे। वेदों में वायु, जल, अन्न, औषधि, विद्या, सत्य, विज्ञान, पवित्रता, सौंदर्य, कांति आदि को आत्मा-परमात्मा का नाम बताया गया है। इन सबके सदुपयोग से व्यक्ति अमर हो जाता है। …

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सत्य और सुख

सत्य और सुख

खलील जिब्रान से किसी ने पूछा, ‘आज दानवता, हिंसा और अनैतिकता का बोलबाला क्यों हो रहा है? जिब्रान ने उसे बताया, ‘ईश्वर ने जब आदमी को दुनिया में भेजा, तो उसके दोनों हाथों में एक-एक घड़ा थमा दिया था। परमात्मा ने उससे कहा, एक घड़े में सत्य भरा है, जिसका पालन कल्याणकारी होगा। दूसरे घड़े में सुख है, जो विषय-वासना …

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बहुत ज़रूरी होती शिक्षा

बहुत ज़रूरी होती शिक्षा

बहुत ज़रूरी होती शिक्षा,सारे अवगुण धोती शिक्षा.चाहे जितना पढ़ लें हम पर,कभी न पूरी होती शिक्षा.शिक्षा पाकर ही बनते हैं,नेता, अफ़सर शिक्षक.वैज्ञानिक, यंत्री व्यापारी,या साधारण रक्षक.कर्तव्यों का बोध कराती,अधिकारों का ज्ञान.शिक्षा से ही मिल सकता है,सर्वोपरि सम्मान.बुद्धिहीन को बुद्धि देती,अज्ञानी को ज्ञान.शिक्षा से ही बन सकता है,भारत देश महान. Education was very Important Education was very importantEducation washes away all …

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घर आये मेहमान

guest

राहुल अपनी पत्नी सीमा और अपनी माँ के साथ रहता था। गर्मियों की छुट्टी में राहुल की बुआ, फूफा अपने लड़के सोनू के साथ उनके घर रहने आये। घर आते ही फूफा जी राहुल से बोले की यहाँ तो बहुत गर्मी है। घर में कोई AC नहीं है क्या? राहुल की माँ ने बोला भाईसाहब अभी कुछ दिन पहले ही …

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मेहनत का फल

hardwork

एक गांव में दो मित्र नकुल और सोहन रहते थे। नकुल बहुत धार्मिक था और भगवान को बहुत मानता था। जबकि सोहन बहुत मेहनती थी। एक बार दोनों ने मिलकर एक बीघा जमीन खरीदी। जिससे वह बहुत फ़सल ऊगा कर अपना घर बनाना चाहते थे। सोहन तो खेत में बहुत मेहनत करता लेकिन नकुल कुछ काम नहीं करता बल्कि मंदिर …

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