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जब उनकी पत्नी बोलीं, ‘नाकामयाबी में भी, धैर्य से करते रहें काम-

जब उनकी पत्नी बोलीं, 'नाकामयाबी में भी, धैर्य से करते रहें काम

नाथानिएल हौथोर्न अंग्रेजी के महान लेखक थे। एक दिन उन्हें कस्टम हाउस नौकरी से निकाल दिया गया। जब वह घर पहुंचे तो पत्नी से बोले, ‘आज मुझे नौकरी से निकाल दिया गया है।’ उनकी पत्नी सोफिया यह सुनकर कुछ परेशान हुईं और फिर मुस्करा कर बोलीं, ‘नाकामयाबी में धैर्य से काम करते रहना है। इतने हताश और उदास मत हो। …

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इंसान में होते हैं अवगुण, ऐसे करें पहचान

इंसान में होते हैं अवगुण, ऐसे करें पहचान

एक संत से एक बार एक व्यक्ति मिलने आया। उसने कहा, ‘महाराज मैं बहुत पापी व्यक्ति हूं। मुझे उपदेश दीजिए।’ संत ने कहा, अच्छा एक काम करो जो तुमको अपने से पापी, ‘तुच्छ और बेकार वस्तु लगे उसे मेरे पास लेकर आओ।’ उस व्यक्ति को सबसे पहले श्वान मिला। लेकिन संत द्वारा बताए गुण उसमें नहीं थे। वह स्वामीभक्त और …

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धूर्त भेड़िया

धूर्त भेड़िया

ब्रह्मारण्य नामक एक बन था। उसमें कर्पूरतिलक नाम का एक बलशाली हाथी रहता था। देह में और शक्ति में सबसे बड़ा होने से बन में उसका बहुत रौब था। उसे देख सारे बाकी पशु प्राणी उससे दूर ही रहते थे। जब भी कर्पूरतिलक भूखा होता तो अपनी सूँड़ से पेड़ की टहनी आराम से तोड़ता और पत्ते मज़े में खा …

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हर किसी पर होती है वासना की परत

हर किसी पर होती है वासना की परत

एक बार एक धनी व्यक्ति किसी फकीर के पास गया। उसने कहा, मैं प्रार्थना करना चाहता हूं। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद प्रार्थना नहीं कर पाता हूं। मुझमें अंदर ही अंदर वासना बनी रहती है। चाहे कितनी आंखें बंद कर लूं। लेकिन परमात्मा के दर्शन नहीं होते हैं। तब फकीर उस व्यक्ति को एक खिड़की के पास ले गया। जिसमें …

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विंस्टन चर्चिल की कामयाबी का ये था अचूक फार्मूला

विंस्टन चर्चिल की कामयाबी का ये था अचूक फार्मूला

विंस्‍टन चर्चिल, अंग्रेज राजनीतिज्ञ थे। वे द्वितीय विश्वयुद्ध, 1940-1945 के समय इंग्लैंड के प्रधानमंत्री थे। राजनीतिज्ञ के रूप में उन्होंने कई पदों पर कार्य किया। विश्वयुद्ध से पहले वे गृहमंत्रालय में व्यापार बोर्ड के अध्यक्ष रहे। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान वे लॉर्ड ऑफ एडमिरिल्टी बने रहे। युद्ध के बाद उन्हें शस्त्र भंडार का मंत्री बनाया गया। 10 मई 1940 …

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जब पीरों को बताया, ‘संत कौन होते हैं?’

  एक बार सिखों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी मुलतान की यात्रा पर गए। जब मुलतान पहुंचे तो पीरों के बाबा ने दूध से भरा कटोरा भेजा। यह एक तरह का संदेश था कि मुलतान में बहुत से पीर हैं। वह यहां नहीं रहें। लेकिन बदले में गुरु नानक जी ने उनको बगली का फूल भिजवाया। इसका अर्थ …

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एक बॉस की कहानी लेकिन उसने क्यों कहा, ‘कल उत्तर दूंगा’

एक कंपनी का बॉस यात्रा के दौरान गांव से गुजरा । कुछ लोगों ने उन्हें अपशब्द कहने के साथ अभद्र व्यवहार करना शुरु कर दिया। इस पर बॉस ने कहा, मैं कल आकर उत्तर दूंगा। लोग बहुत हैरान हुए। फकीर से उन्‍होंने कहा, ‘हमने तुम्हारा अपमान किया है, तुम्हारे बारे में अभद्र बातें कहीं । तुम हमसे झगड़ने की बजाए …

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ऐसे बनाएं जिंदगी को ओर बेहतर

सदानंद स्वामी श्रद्धानंद के शिष्य थे। उन्होंने काफी मेहनत से ज्ञान प्राप्त किया था। लेकिन उन्हें अपने ज्ञान पर अहंकार हो गया। यह उनके व्यवहार में भी दिखाई देने लगा। वह हर किसी को नीचा दिखाने की कोशिश करते। यहां तक कि वह अपने साथ शिक्षा ग्रहण कर रहे अपने मित्रों से भी दूरी बनाकर रहने लगे। यह बात स्वामी …

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ऐसे कीजिए अच्छे और बुरे की पहचान

गुरु द्रोणाचार्य ने शिक्षा पूरी होने पर कौरव और पांडव वंश के राजकुमारों दुर्योधन और युधिष्ठिर को परीक्षा के लिए बुलाया। गुरु द्रोण ने सबसे पहले युधिष्ठिर और दुर्योधन को एक अच्छा व्यक्ति ढूंढकर लाने को कहा। दोनों राजुकमार चल दिए।  सारा दिन खाली हाथ भटकने के बाद शाम को वापिस गुरुकुल आए। दुर्योधन बोला, गुरुजी मुझे तो कोई भी …

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ऐसा करेंगे तो होंगे चमत्कार

भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू एक समारोह में शिरकत करने के लिए गए। यह कार्यक्रम लंदन में होने वाला था। जब वे वहां पहुंचे तो वहां कई नेताओं से भेंट के दौरान एक क्षण ऐसा भी आया, जब विन्सटन चर्चिल और नेहरू आमने-सामने हुए। हालांकि चर्चिल नेहरूजी की सदैव ही आलोचना किया करते थे लेकिन उस समारोह में दोनों नेता …

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