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Guru Parvachan

आसक्ति से पतन

जैन संत आचार्य तुलसी कहते थे कि किसी भी तरह की आसक्ति या महत्त्वाकांक्षा से सर्वथा मुक्त रहने में ही कल्याण है। वे भरत की कथा सुनाते हुए चेतावनी दिया करते थे कि हिरण की आसक्ति के कारण ही उन्हें हिरण बनना पड़ा था। एक दिन उन्होंने एक कथा सुनाई एक महात्मा की घोर तपस्या से उनके आश्रम में सिंह …

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मन पवित्र करो

छत्रपति शिवाजी के गुरु समर्थ रामदास मन की शुद्धि पर बहुत जोर दिया करते थे। वे कहा करते थे, जिसका मन कलुषित होता है, वह अपने परिवारजनों के साथ भी आनंदपूर्वक नहीं रह सकता। दूसरी ओर जिसका मन निश्छल होता है, वह सहज ही सभी का विश्वास प्राप्त कर लेता है। समर्थ रामदास ने मन की पवित्रता और निश्छलता की …

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सत्कर्म की प्रेरणा

महामना पंडित मदनमोहन मालवीयजी श्रीमद्भागवत के गहन अध्येता थे। एक बार संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी मालवीयजी के दर्शन करने काशी गए। उन्होंने उनसे प्रश्न किया, ‘आपको श्रीमद्भागवत के किस श्लोक ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया?’ महामना ने कहा 'मनसैतानि भूतानि प्रणमेद्रहु मानयन। ईयवरो जीवकलया प्रविष्टो भगवानिति॥ अर्थात् सभी प्राणियों में भगवान् ने ही अंशभूत जीव के रूप में प्रवेश किया है, …

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चिरंजीवी हैं परशुराम

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परशुरामजी के भ‍गवान विष्‍णु का छठा अवतार माना जाता है। .सतयुग और त्रेतायुग के संधिकाल में राजाओं की निरंकुशता से जनजीवन त्रस्त और छिन्न-भिन्न हो गया था। दीन और आर्तजनों की पुकार को कोई सुनने वाला नहीं था।ऐसी परिस्थिति में महर्षि ऋचिक के पुत्र जमदग्नि अपनी सहधर्मिणी रेणुका के साथ नर्मदा के निकट पर्वत शिखर पर जमदग्नेय आश्रम (अब जानापाव) …

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शनि केआग में जलने का कारण और पिप्पलाद

मेरे घर पर एक पीपल का वृक्ष है सभी कहते हैं कि पीपल वृक्ष घर में होना अच्छा नहीं होता है कृपया ज्ञानी जन मुझे बताएं कि मैं क्या करूं। श्मशान में जब महर्षि दधीचि के मांसपिंड का दाह संस्कार हो रहा था तो उनकी पत्नी अपने पति का वियोग सहन नहीं कर पायीं और पास में ही स्थित विशाल …

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अभियंता दिवस विशेष

Happy engineer day to give real service you must add somethings which cannnot be bought oe measured with money

ब्रिटेन में एक ट्रेन द्रुत गति से दौड़ रही थी। ट्रेन अंग्रेजों से भरी हुई थी। उसी ट्रेन के एक डिब्बे में अंग्रेजों के साथ एक भारतीय भी बैठा हुआ था। डिब्बा अंग्रेजों से खचाखच भरा हुआ था। वे सभी उस भारतीय का मजाक उड़ाते जा रहे थे। कोई कह रहा था, देखो कौन नमूना ट्रेन में बैठ गया। तो …

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ज्ञान वहीं जो व्यवहार में काम आए

usable knowledge is right knowledge

ज्ञान ही एक ऐसा तत्त्व है जो कहीं भी , किसी अवस्था और किसी काल में भी मनुष्य का साथ नहीं छोड़ता। मनुष्य की सबसे बड़ी शक्ति ज्ञान है। बिना ज्ञान के व्यक्ति अपने जीवन में सफलता नहीं पा सकता। इसलिए हर व्यक्ति के पास ज्ञान होना ज़रूरी है। बिना ज्ञान के व्यक्ति का जीवन निरर्थक है। दुनिया में कुछ …

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The Power of Memories

हम सभी को स्मृति का आभास होता है कि अतीत में या उससे परे हमारे साथ क्या हुआ था, और कभी-कभी हमारे पास जो कुछ हुआ है उसकी स्मृति होती है, लेकिन इस समय और स्थान में नहीं। इसे अनारकय कर्म कहा जाता है। याददाश्त बहुत जरूरी है। याद रखने के लिए कि हम मानव हैं, बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन …

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चन्दन के कोयले न बनाओ

*सुनसान जंगल में एक लकड़हारे से पानी का लोटा पीकर प्रसन्न हुआ राजा कहने लगा – हे पानी पिलाने वाले ! किसी दिन मेरी राजधानी में अवश्य आना, मैं तुम्हें पुरस्कार दूँगा, लकड़हारे ने कहा – बहुत अच्छा।**इस घटना को घटे पर्याप्त समय व्यतीत हो गया, अन्ततः लकड़हारा एक दिन चलता-फिरता राजधानी में जा पहुँचा और राजा के पास जाकर …

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सौंदर्य सरिता आम्रपाली की व्यथा

एक बार भगवान बुद्ध ने वैशाली की नगरवधु और सौंदर्य की देवी आम्रपाली का आतिथ्य स्वीकार किया। आम्रपाली पर उम्र गहराने लगी थी। चेहरे पर झाइयां और झुर्रियां पड़ने लगीं थीं। केश श्वेत हो चले थे। आम्रपाली ने भगवान बुद्ध का विधिवत् स्वागत किया और शांत भाव से उनके चरणों में बैठ गई। भगवान बुद्ध ने आम्रपाली को शांत देखकर …

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