जय श्री कृष्णा जैसे की हम सब जानते हैं की वृंदावन वह स्थान है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने अनेकों ही बाललीलाएं की और अनेकों ही राक्षसों का वध भी किया। यहां पर श्रीकृष्ण जी के विश्वप्रसिद्ध मंदिर भी हैं। आज हम आपको ऐसी ही श्रीकृष्ण जी की 7 चमत्कारी प्रतिमाओं के बारे में बताएँगे , जिनका संबंध वृंदावन से है। …
Read More »Krishna
जब से नैन लड़े गिरधर से
एक दिन मोहे मिल गओवाह छैला नन्द कुमारलूट लिया ये दिल मेरोसाखि लूट लिया ये दिल मेरुआंखियन में अंखिया दार जब से नैन लड़े गिरधर सेमेरी अकाल गयी बौराए जने कैसा जादू डालाचारो और नज़र वो खुमायेवृन्दावन की कुञ्ज गलियन मेंजब से देखा नन्द का लालामेरी अँखियाँ आगे डो’उसका मुखड़ा भोला भालाउसके मतवारे नैनोमेरे दिल को लिया चुराएजब से……. उसकी …
Read More »बनू दास जनम जनम तक यो ही आयो मांग ने
बनू दास जनम जनम तक यो ही आयो मांग नेमैया थारे आगने, मंगल गाऊ घर घर जा कर था सु मिलयो उपकारदे के सेवा ही जन्म में बहुत कियो उपकारमौज उडावा मैं तो दादी थारे कारनेमैया थारे आगने, मानव तन जो पाऊ फिर से मंगल मैं गाऊपंशी जीवन म्हाने देयो यो जो ही मैं चाहूबन के मोरी यो मैं नाचू …
Read More »ऐसे लोग होते हैं ईश्वर
एक दिन कन्फ्यूशियस के पास सम्राट ने आकर कहा, ‘राज्य में बेईमानी बढ़ती जा रही है, जहां देखो वहां छल-कपट और धोखेबाजी के दर्शन किए जा सकते हैं। क्या राज्य में ऐसा कोई आदमी होगा, जो सदाचारी और गुणों के देवता की कृपा रखता हो।’ कन्फ्यूशियस ने जबाव दिया, ‘ऐसा व्यक्ति है। एक तो स्वयं आप क्योंकि सत्य को जानने …
Read More »कृपा का अनुभव
कृपा का अनुभव एक बार गायों को चराते हुए भगवान श्री कृष्ण और बलराम जी को भूख लगीं तो उन्होंने अपने सखाओं से कहा -हे मित्र ! यहाँ पास ही में कुछ ब्राह्मण यज्ञ कर रहे हैं तुम उनसे हम सबके लिए कुछ भोजन माँग लाओ। ग्वाल-बाल गए और बड़े विनम्र भाव से प्रार्थना कर भोजन सामग्री माँगी परंतु ब्राह्मण …
Read More »इस दुनिया में होता है सभी का अपना अपना मूल्य
रामकृष्ण परमहंस के पास एक बार एक सेठ आया। सेठ अहंकारी और लोभी था। अपने अहंकार की पुष्टि के लिए उसने एक कीमती दुशाला रामकृष्ण को भेंट की। स्वामी जी ने उस दुशाला को स्वीकार कर लिया। कुछ दिनों बाद जब सेठ फिर आया तो देखा दुशाला तो नीचे बिछा हुआ है। वह मन ही मन बहुत चिंतित हुआ। उसे …
Read More »माखन लेकर क्या करूँ, जब माखन चोर हैं मेरे पास
दुर्योधन ने श्री कृष्ण की पूरी नारायणी सेना मांग ली थी। और अर्जुन ने केवल श्री कृष्ण को मांगा था। उस समय भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन की चुटकी (मजाक) लेते हुए कहा: "हार निश्चित हैं तेरी, हर दम रहेगा उदास ।
Read More »भगवान विष्णु के दस अवतार
राम अवतार श्रीहरि के जय–विजय नाम के दो द्वारपाल थे। वे सनकादि ब्रह्मर्षियों के शाप से घोर निशाचर कुल में पैदा हुए। उनके नाम रावण और कुम्भकर्ण थे। उनके अत्याचारों से पृथ्वी कांप उठी। वह पाप के भार को सह न सकी। अन्त में वह ब्रह्मादि देवताओं के साथ भगवान की शरण में गयी। देवताओं की प्रार्थना से परब्रह्म परमात्मा …
Read More »महाभारत से एक बहुत अच्छी कहानी
महाभारत की एक बहुत अच्छी कहानी – बहुत प्रासंगिक कर्ण कृष्ण से पूछता है – “मेरी माँ ने मुझे पल जन्म दिया था। क्या यह मेरी गलती है कि मैं एक नाजायज बच्चे का जन्म हुआ? मुझे ध्रुवचर्या से शिक्षा नहीं मिली क्योंकि मुझे गैर क्षत्रिय माना जाता था। परशुराम ने मुझे सिखाया लेकिन तब मुझे क्षत्रिय होने के बाद …
Read More »पितृ पक्ष श्राद्ध
हिन्दू धर्म में मृत्यु के बाद श्राद्ध करना बेहद जरूरी माना जाता है। मान्यतानुसार अगर किसी मनुष्य का विधिपूर्वक श्राद्ध और तर्पण ना किया जाए तो उसे इस लोक से मुक्ति नहीं मिलती और वह भूत के रूप में इस संसार में ही रह जाता है। पितृ पक्ष का महत्त्व (Importance of Pitru Paksha) ब्रह्म वैवर्त पुराण के अनुसार देवताओं को …
Read More »