तारे झांझ नागरा बाजे रे, बाजे रे, सालसर के मंदिर मेी हनुमान विराजे रे, तारे झांझ नागरा बाजे रे, बाजे रे, सालसर के मंदिर मेी हनुमान विराजे रे, भारत राजस्थान मेी जी, सालसर एक धाम, सूरज स्यामी बनो देवरो, महिमा अपरंपार, भारत राजस्थान मेी जी, सालसर एक धाम, सूरज स्यामी बनो देवरो, महिमा अपरंपार, तारे लाल ध्वजा फेरावे रे, फेरावे …
Read More »Guru_Profile
भाए प्रगट किरपाला दीनदयाला कोषल्या हितकारी
भाए प्रगट किरपाला दीनदयाला कोषल्या हितकारी, हर्षित महेटरी मानी मॅन हारी आधभूत रूप विचारी लॉचित अभिरामा टानू घनश्यामा निज आयुध बुझ चारी भूषण वन्माला नयन भिसला शोवसींधु खरारी कहे डूई कर ज़ोरी अस्तुति टोरी कही विधि कारहू अनंता माया गन ज्ञानतित आमना वेध पुराण भानान्ता करुणा सुखसागर सब गन आगर जही गावही शुरति सांता झो मम हिट लागी जान अनुरागी …
Read More »आ जाओ मेरे बजरंग बलि मई तेरा ध्यान लगाया हू
आ जाओ मेरे बजरंग बलि मई तेरा ध्यान लगाया हू, श्री राम भक्त शक्तिशाली दर्शन की आश् लगाया हू, आ जाओ मेरे बजरंग बलि मई तेरा ध्यान लगाया हू, श्री राम भक्त शक्तिशाली दर्शन की आश् लगाया हू, तूने तो सबके कष्ट हारे, फिर मेरी बार क्यूँ देर करो, एक बार दरश दिखला जाओ, मई तेरा ध्यान लगाया हू, तूने …
Read More »ना स्वर है ना सरगम, ना लय ना तराना है,
ना स्वर है ना सरगम, ना लय ना तराना है, हनुमान के चरनो मे एक फूल चढ़ना है, ना स्वर है ना सरगम, ना लय ना तराना है, हनुमान के चरनो मे एक फूल चढ़ना है, जब बाल रूप मे प्रभु, सूरज को निगल डाले, अभिमानी सुर्पति के सब मर्द मसल डाले, बजरंग हुए तब से संसार ने जाना है, ना स्वर …
Read More »Atma Singh Khalsa Guruprem Kaur Khalsa
Atma Singh Khalsa Guruprem Kaur Khalsa from the teachings of Yogi Bhajan, Ph.D. ABOUT YOGI BHAJAN Yogi Bhajan is a Master of Kundalini Yoga and Meditation. He teaches, counsels and inspires people from every continent and all walks of life to live in their excellence, to be healthy, happy and holy. Since Yogi Bhajan arrived in the United States in …
Read More »दूसरा दीपक
एक बार की बात है , मगध साम्राज्य के सेनापति किसी व्यक्तिगत काम से चाणक्य से मिलने पाटलिपुत्र पहुंचे । शाम ढल चुकी थी , चाणक्य गंगा तट पर अपनी कुटिया में, दीपक के प्रकाश में कुछ लिख रहे थे। कुछ देर बाद जब सेनापति भीतर दाखिल हुए, उनके प्रवेश करते ही चाणक्य ने सेवक को आवाज़ लगायी और कहा …
Read More »श्री कृष्ण जन्माष्टमी
माधव, केशव, कान्हा, कन्हैया जैसे नामों से पुकारे जाने वाले भगवान श्रीकृष्ण का जन्म दिन “जन्माष्टमी” के रूप में मनाया जाता है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण की जयंती मनाई जाती है। हिन्दू धर्मानुसार प्रत्येक मनुष्य को जन्माष्टमी का व्रत (Janmashtami Vrat) अवश्य करना चाहिए। जन्माष्टमी व्रत विधि (Janmashtami Vrat Vidhi in Hindi) भविष्य …
Read More »विजय दशमी
विजयादशमी / दशहरा आश्विन शुक्ल दशमी को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह भारत का ‘राष्ट्रीय त्योहार’ है। रामलीला में जगह–जगह रावण वध का प्रदर्शन होता है। क्षत्रियों के यहाँ शस्त्र की पूजा होती है। ब्रजके मन्दिरों में इस दिन विशेष दर्शन होते हैं। इस दिन नीलकंठ का दर्शन बहुत शुभ माना जाता है। यह त्योहार क्षत्रियों का माना जाता है। इसमें अपराजिता देवी की पूजा होती है। यह पूजन भी सर्वसुख देने …
Read More »द्रौपदी और भीष्मपितामह
महाभारत का युद्ध चल रहा था। भीष्मपितामह अर्जुन के बाणों से घायल हो बाणों से ही बनी हुई एक शय्या पर पड़े हुए थे। कौरव और पांडव दल के लोग प्रतिदिन उनसे मिलना जाया करते थे। एक दिन का प्रसंग है कि पांचों भाई और द्रौपदी चारो तरफ बैठे थे और पितामह उन्हें उपदेश दे रहे थे। सभी श्रद्धापूर्वक उनके उपदेशों …
Read More »सबसे बड़ा गुरू
गुरु द्रोणाचार्य, पाण्डवोँ और कौरवोँ के गुरु थे, उन्हेँ धनुर्विद्या का ज्ञान देते थे। एक दिन एकलव्य जो कि एक गरीब शुद्र परिवार से थे. द्रोणाचार्य के पास गये और बोले कि गुरुदेव मुझे भी धनुर्विद्या का ज्ञान प्राप्त करना है आपसे अनुरोध है कि मुझे भी आपका शिष्य बनाकर धनुर्विद्या का ज्ञान प्रदान करेँ। किन्तु द्रोणाचार्य नेँ एकलव्य को अपनी विवशता बतायी और …
Read More »