अद्भुत मायावी शक्तियों पर विजय पाने और देवतुल्य सामर्थ्यवान बनने के लिए भगवान श्री कृष्ण की साधना इस युग में अति-उत्तम है। इनकी साधना से.....
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गोस्वामी तुलसीदास
‘चले मग जात सूखि गए गात’–(गोस्वामी तुलसीदास)उनका शरीर सूख गया अमर होने के कारण मर सकते नहीं। अतः रावण को गाली देते हुए और कष्ट के कारण अपनी अमरता को कोसते हुए अभी भी जा रहे हैं। इधर हनुमान जी ने आकर प्रभु के चरणों में शीश झुकाया।श्रीराम बोले–’क्या हुआ हनुमान ?’‘प्रभु ! उन्हें ऊपर भेजकर आ रहा हूँ।’राघव–’पर वे …
Read More »श्रीराम ने श्री भरत जी को उलाहना दिया
जब श्रीराम जी का राज्याभिषेक हुआ, तब एक दिन श्रीराम ने श्री भरत जी को उलाहना दिया, "तुम इतने उदार और शीलवान् हो, फिर भी कैकेयी को माँ.......
Read More »रामायण का पाठ
रामचरितमानस का पाठ और उसके अनुसरण से उपयोगकर्ता के घर में सकारात्मक शक्तियों को उत्तेजित किया जा सकता है। यह घर को शांति, समृद्धि, और......
Read More »राधा और रुक्मिणी
इस कथा में सूरदास के स्वप्न का वर्णन है, जहां रुक्मिणी और राधिका के बीच कृष्ण के प्रेम का उल्लेख है। इसके साथ ही, इसमें प्रेम और त्याग के....
Read More »द्वादशाक्षर महामन्त्र
भगवान विष्णु को समर्पित शक्तिशाली 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें और आध्यात्मिक उन्नति का अनुभव करें। इस पवित्र बारह-अक्षरी......
Read More »भगवान विष्णु ने राम का अवतार लिया था
पौराणिक कथाओं के अनुसार रावण का अंत करने के लिए भगवान विष्णु ने राम का अवतार लिया था. उस समय सभी देवताओं ने अलग-अलग रूप में भगवान राम......
Read More »हनुमान जी के शक्तियों का महत्व
सुग्रीव, बाली दोनों ब्रह्मा के औरस (वरदान द्वारा प्राप्त) पुत्र हैं, और ब्रह्माजी की कृपा बाली पर सदैव बनी रहती है। जब बाली को ब्रह्माजी से..
Read More »शब्द का संबोधन
सागर द्वारा श्रीराम के लिए ' प्रभु ' तथा ' नाथ ' शब्द का संबोधनपिछले अंक में सागर ने श्रीराम के लिए ' प्रभु ' तथा ' नाथ ' शब्द का दो बार...
Read More »श्री राम ने कितने राक्षसों का वध किया था
तारक, सुबाहु ,मारीच, विराधा, खार, दुशासन, ट्रिशीरा, कबंध, कुंभकरण, मकरक्षखर और दुशासन के साथ उसके युद्ध के दौरान 14 हजार राक्षस..............
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