जिस भक्त पर भगवान श्रीराम की ममता (अपनापन) और प्यार हो गया, फिर उस पर करुणा के सिवा उन्हें कभी क्रोध आता ही नहीं । वे अपने भक्त के दोष को आंखों से देखकर भी ध्यान में नहीं लाते और यदि कहीं उसका गुण सुनने में भी आ गया तो संत – समाज में उसकी प्रशंसा करते हैं । भला, …
Read More »Rama
श्री शबरी जी की भक्ति
सबको परमगति प्रदान करते हुए उदारशिरोमणि भगवान शबरी को भी गति देने के लिए उसके आश्रम में पधारे । ‘आश्रम’ शब्द से शबरी जी का विरक्त होना सूचित किया गया है, क्योंकि वन में बहुत – से कोल – किरात आदि भी निवास करते हैं, परंतु उनके घरों को कभी ‘आश्रम’ नहीं कहा जाता । शबरी जी मन, वचन और …
Read More »सुदर्शन पर जगदंबा की कृपा
अयोध्या में भगवान राम से कुछ पीढ़ियों बाद ध्रुवसंधि नामक राजा हुए । उनकी दो स्त्रियां थीं । पट्टमहिषी थी कलिंगराज वीरसेन की पुत्री मनोरमा और छोटी रानी थी उज्जयिनी नरेश युधाजित की पुत्री लीलावती । मनोरमा के पुत्र हुए सुदर्शन और लीलावती के शत्रुजित । महाराज की दोनों पर ही समान दृष्टि थी दोनों राजपुत्रों का समान रूप से …
Read More »राम अंश
अंसन्ह सहित मनुज अवतारा । लेहउं दिनकर बंस उदारा ।। ब्रह्मादि देवताओं की पुकार पर आकाशवाणी में ‘अंसन्ह सहित’ अवतार लेने की ब्रह्मगिरा हुई, उसी प्रकार श्रीस्वायंभुव मनु को भी वचन दिया गया – अंसन्ह सहित देह धरि ताता । करिहउं चरित भगत सुखदाता ।। अतएव इस बात की खोज आवश्यक है कि परम प्रभु के वे अंश कौन कौन …
Read More »चक्रिक भील
ब्राह्मण, श्रत्रिय, वैश्य, शूद्र और जो अन्य अन्त्यज लोग हैं, वे भी हरिभक्तिद्वारा भगवान की शपृरण होने से कृतार्थ हो जाते हैं, इसमें संशय नहीं है । यदि ब्राह्मण भी भगवान के विमुख हो तो उसे भी चाण्डाल से अधिक समझना चाहिए और यदि चाण्डाल भी भगवान का भक्त हो तो उसे भी ब्राह्मण से अधिक समझना चाहिए । द्वापर …
Read More »गोपी गोपाला लाला
रासा मंदिरा माई थे थे थे तसुगंधी नृत्यते गाथा भाए गोपी गोपाला लाला रासा मंदिरा माई ड्रमा ड्रमा ड्रमा मृदंगा जानना ननाना रूपा रंगा दिखतदृगा टला लंगा अगलिता रासा नये राधा मुखा शरधचंद्रा चाचता मुखा जलजनाडा श्री ब्ृिजा जाना लटका लटका करता माकूता छाए ताकटका तका जमुना नीरा मोहे क़ाबला समीरा सालसला जया सूरदासा हे सूखे कृपरे गोपिका जीवना स्मरनाम …
Read More »रामावतार
बहुत पुरानी कथा है। श्रीहरि के जय- विजय नाम के दो द्वारपाल थे। वे सनकादि ब्रह्मर्षियों के शाप से घोर निशाचर कुल में पैदा हुए। उनके नाम रावण और कुभ्करण थे। उनके अत्याचारों से पृथ्वी कांप उठी। वह पाप के भार को सह ना सकी। अंत में वह सभी देवताओं के साथ भगवान की शरण में गयी। देवताओं का प्रार्थना …
Read More »कोलाहला भक्ता कोलाहला
कोलाहला भक्ता कोलाहला राधा रमना कोलाहला कोलाहला व्यामोहा कोलाहला राधारमाना कोलाहला गोपी रमना कोलाहला * नंदा नंदना अरविनधहा मुखा ज्वलिता मंधा हसाना नीलोत पाला नयना * कोलाहला भक्ता कोलाहला राधा रमना कोलाहला * क्षीरा छोरा नवनीता छोरा ब्रजा गोपी वासना छोरा भक्ता चीता छोरा ब्रजा गोपी वचना छोरा भक्ता . छोरा * कोलहाला भक्ता कोलाहला भक्ता कोलाहला राधा रमना कोलाहला …
Read More »तेरा मान मे राम तन मे राम
रोम रोम मे, राम राय राम सुमीर ले, ध्यान लगले छोड़ जगत के, काम राय बोलो राम, बोलो राम, बोलो राम राम राम (2) माया मैं तू, उलजा उलजा, धार धार भूल उड़ाए अब क्यू करता, मान भारी जब, माया साथ छुड़ाए,(2) दिन तो बिता, दौड़ धूप मैं, ढाल जाए ना शाम रे, बोलो राम, बोलो राम, बोलो राम राम …
Read More »रमचंद्रा रघुवीरा रणाधेरा, रमचंद्रा रघुवीरा
रमचंद्रा रघुवीरा रणाधेरा, रमचंद्रा रघुवीरा रमचंद्रा रघुनता, रमचंद्रा जगानता..3 रमचंद्रा रघुनता जगानता, रमचंद्रा रघुनता रमचंद्रा ऱघुऱम, रमचंद्रा परन्धमा..3 रमचंद्रा ऱघुऱम परन्धमा, रमचंद्रा ऱघुऱम रमचंद्रा मामा बांधो, रमचंद्रा दया सिंधो..3 रमचंद्रा मामा बांधो दया सिंधो, रमचंद्रा मामा बांधो रघु रामा, पारण धमा… [To English Wish4me] Ramachandra Raghuveera Ranadhera, Ramachandra Raghuveera Ramachandra Raghunatha, Ramachandra Jaganatha..3 Ramachandra Raghunatha Jaganatha, Ramachandra Raghunatha Ramachandra …
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