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Ramayan

किसी धोबी के कहने पर राम जी ने सीता जी को वनवास भेजा था?

क्या सच में किसी धोबी के कहने पर राम जी ने सीता जी को वनवास भेजा था ,,,,,,राम जी ने कभी सीता से नही कहा की तुम वनवास चली जाओ ,पति की व्याकुलता राजा का कर्तव्य प्रजा की कहा सुनी इन सब में राम जी कही अंदर ही अंदर पीस रहे थे ,उन्हे राजा का कर्तव्य भी निभाना था और …

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बहुत सुँदर कथा 🙏🙏

एक पंडित जी रामायण कथा सुना रहे थे। लोग आते और आनंद विभोर होकर जाते। पंडित जी का नियम था रोज कथा शुरू करने से पहले “आइए हनुमंत जी बिराजिए” कहकर हनुमान जी का आह्वान करते थे, फिर एक घण्टा प्रवचन करते थे।वकील साहब हर रोज कथा सुनने आते। वकील साहब के भक्तिभाव पर एक दिन तर्कशीलता हावी हो गई।उन्हें …

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यह है दक्षिण भारत का एक ग्रन्थ

अति दुर्लभ एक ग्रंथ ऐसा भी है हमारे सनातन धर्म मेंइसे तो सात आश्चर्यों में से पहला आश्चर्य माना जाना चाहिए —यह है दक्षिण भारत का एक ग्रन्थक्या ऐसा संभव है कि जब आप किताब को सीधा पढ़े तो राम कथा के रूप में पढ़ी जाती है और जब उसी किताब में लिखे शब्दों को उल्टा करके पढ़ेतो कृष्ण कथा …

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जय श्री राम

कई लोग ये पूछते हैं कि श्रीराम ने धनुष उठा कर स्वयंवर की शर्त तो पूरी कर ही दी थी, फिर उस धनुष को भंग करने की क्या आवश्यकता थी?यदि आप मेरा दृष्टिकोण पूछें तो मैं यही कहूंगा कि उस धनुष की आयु उतनी ही थी। अपना औचित्य (देवी सीता हेतु श्रीराम का चुनाव) पूर्ण करने के उपरांत उस धनुष …

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श्रीराम के अवतार के समय

माना जाता है कि श्रीराम अवतार के समय हनुमान जी को स्वयं भगवान श्रीराम नेअमर होने का आशीर्वाद दिया था।इसी कारण हनुमानजी का प्रताप चारों युगों में रहा हैऔर आगे भी रहेगा, क्योंकि वे अजर-अमर हैं।अंजनी सुत जब तक चाहें शरीर में रहकरइस धरती पर मौजूद रह सकते हैं।माना जाता है कि पूरे ब्रह्मांड में हनुमानजी ही एकमात्र ऐसे देवता …

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तीन प्रकार के प्रारब्ध होते हैं-

मन्द प्रारब्धतीव्र प्रारब्ध3.तरतीव्र प्रारब्ध।मंद प्रारब्ध…. को तो आप वैदिक पुरुषार्थ से बदल सकते हैं,तीव्र प्रारब्ध…..आपके पुरुषार्थ एवं संतों-महापुरुषों की कृपा से टल सकता है लेकिनतरतीव्र प्रारब्ध…. में जो होता है वह होकर ही रहता है।एक बार रावण कहीं जा रहा था। रास्ते में उसे विधाता मिले। रावण ने उन्हें ठीक से पहचान लिया। उसने पूछाः“हे विधाता ! आप कहाँ से …

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भगवान श्री राम और केवट संवाद

जब केवट प्रभु के चरण धो चुका, तो भगवान कहते हैं:- भाई, अब तो गंगा पार करा दे।इस पर केवट कहता है – प्रभु, नियम तो आपको पता ही है कि जो पहले आता है उसे पहले पार उतारा जाता है। इसलिए प्रभु अभी थोड़ा और रुकिये। तब भगवान् कहते हैं- भाई, यहाँ तो मेरे सिवा और कोई दिखायी नहीं …

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जय श्री राम और जय हनुमान

एक दिन सुबह सुबह दरवाजे की घंटी बजी । दरवाजा खोला तो देखा एक आकर्षक कद- काठी का व्यक्ति चेहरे पे प्यारी सी मुस्कान लिए खड़ा हैं ।मैंने कहा, “जी कहिए..”तो उसने कहा,अच्छा जी, आप तो रोज़ हमारी ही गुहार लगाते थे,मैंने कहा“माफ कीजिये, भाई साहब ! मैंने पहचाना नहीं, आपको…”तो वह कहने लगे,“भाई साहब, मैं वह हूँ, जिसने तुम्हें …

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लक्ष्मणजी की तपस्‍या प्रभु श्रीरामजी के साथ !

प्रभु श्रीरामजी के तीनों भाई अर्थात् लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्‍न उनकी सेवा करते थे । वे श्रीरामजी को पिता समान मानते थे और उनकी आज्ञा का पालन करते थे । प्रभु श्रीरामजी के साथ लक्ष्मणजी वनवास गए थे । प्रभु श्रीराम और लक्ष्मण इनमें अगाध प्रेम था । रावण के साथ जब महाभयंकर युद्ध हुआ था, तब लक्ष्मणजी ने रावण …

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माता शबरी बोली- यदि रावण का अंत नहीं करना होता तो राम तुम यहाँ कहाँ से आते?”

राम गंभीर हुए। कहा, “भ्रम में न पड़ो अम्मा! राम क्या रावण का वध करने आया है? छी… अरे रावण का वध तो लक्ष्मण अपने पैर से वाण चला कर भी कर सकता है। राम हजारों कोस चल कर इस गहन वन में आया है तो केवल तुमसे मिलने आया है अम्मा, ताकि हजारों वर्षों बाद जब कोई पाखण्डी भारत …

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