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Gyan Ganga

“सच्ची पूजा का फल”

किसी नगर में एक बुढ़िया रहती थी। वह ग्वालिन थी उसके चार पुत्र और एक पुत्री थी। एक समय नगर में हैजा की बीमारी फैली। एक-एक करके बुढ़िया के पति और चारों पुत्र चल बसे। अब एक मात्र लड़की रह गयी। पति और पुत्रों के न रहने पर बुढ़िया की पीड़ा असह्य हो गयी।बुढ़िया के पास अधिक जगह-जमीन न थी। …

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मिठाई का डिब्बा

ऊंचे ओहदे के सरकारी अफसर के बंगले पर आज आने मिलने वालों की लाईन लगी थी सबके हाथ में मिठाई के डब्बों के साथ अलग से एक और डब्बा भी था । आज दीपावली का मिलन समारोह का अवसर जो था शहर के व्यापारी तोहफे के ज़रिए अपनी धौंस जमाने में लगे थे । तोहफे का डिपार्टमेंट सरकारी अफसर की …

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बिहारी जी किसी का उधार नही रखते

बिहारी जी किसी का उधार नही रखतेएक बार की बात है। वृन्दावन (Vrindawan Dham) में एक संत रहा करते थे। उनका नाम था कल्याण, वे बाँके बिहारी जी के परमभक्त थे। एक बार उनके पास एक सेठ आया, अब था तो सेठ…लेकिन कुछ समय से उसका व्यापार ठीक से नही चल रहा था।उसको व्यापार में बहुत नुकसान हो रहा था। …

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मैं निपट अज्ञानी हूं

मैं निपट अज्ञानी हूंमैंने सुना है, एक सूफी फकीर के आश्रम में प्रविष्ट होने के लिये चार स्त्रियां पहुंचीं। उनकी बड़ी जिद थी, बड़ा आग्रह था। ऐसे सूफी उन्हें टालता रहा, लेकिन एक सीमा आई कि टालना भी असंभव हो गया। सूफी को दया आने लगी, क्योंकि वे द्वार पर बैठी ही रहीं – भूखी और प्यासी; और उनकी प्रार्थना …

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बाहर की दुनिया

कवि गालिब को एक दफा बहादुरशाह ने भोजन का निमंत्रण दिया था। गालिब था गरीब आदमी। और अब तक ऐसी दुनिया नहीं बन सकी कि कवि के पास भी खाने-पीने को पैसा हो सके। अच्छे आदमी को रोजी जुटानी अभी भी बहुत मुश्किल है।गालिब तो गरीब आदमी थे। कविताएं लिखी थीं, ऊँची कविताएं लिखने से क्या होता है? कपड़े उसके …

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परमात्मा कहां है?

हसीद फकीर हुआ, बालसेन। उससे मिलने कुछ औरहसीद फकीर आए हुए थे। चर्चा चल पड़ी—— एक बड़ी दार्शनिक चर्चा ——परमात्मा कहां है?किसी ने कहा, पूरब में, क्योंकि पूरब से सूरज ऊगता है। और किसी ने कहा कि जेरूसलम में, क्योंकि यहूदी ही परमात्मा के चुने हुए लोग हैं, और परमात्मा ने ही मूसा के द्वारा यहूदियों को जेरूसलम तक पहुंचाया। …

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उड़े बिना जीवन में कोई गति नहीं है।

कुछ वर्ष पहले पहलगांव (कश्मीर) में एक घटना घटी, जो मुझे भूले नहीं भूलती। एक वृक्ष के नीचे बैठा था। ऊंचाई पर वृक्ष में छोटा—सा एक घोंसला था, और जो घटना उस घोंसले में घट रही थी उसे मैं देर तक देखता रहा, क्योंकि वही घटना शिष्य और गुरु के बीच घटती है। कुछ ही दिन पहले अंडा तोड़कर किसी …

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कोल्हू का बैल

मैंने सुना है, एक दार्शनिक, एक तार्किक, एक महापंडित सुबह-सुबह तेल खरीदने तेली की दुकान पर गया। विचारक था, दार्शनिक था, तार्किक था, जब तक तेली ने तेल तौला, उसके मन में यह सवाल उठा–उस तेली के पीछे ही कोल्हू का बैल चल रहा है, तेल पेरा जा रहा है–न तो उसे कोई चलाने वाला है, न कोई उसे हांक …

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माँ शीतला की पावन सत्य कथा

माँ शीतला की पावन सत्य कथायह कथा बहुत पुरानी हैएक बार शीतला माता ने सोचा कि चलो आज देखु कि धरती पर मेरी पूजा कोन करता है कोन मुझे मानता हे यही सोचकर शीतला माता धरती पर राजस्थान के डुंगरी गाँव में आई और देखा कि इस गाँव में मेरा मंदिर भी नही है। ना मेरी पुजा है।माता शीतला गाँव …

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किसकी प्रतीक्षा कर रहे हो

किसकी प्रतीक्षा कर रहे होएक बड़ी प्रसिद्ध सूफी कथा है। सम्राट सोलोमन सुबह—सुबह सोकर उठा ही था कि उसके एक वजीर ने घबड़ाए हुए भीतर प्रवेश किया। वह इतना घबड़ाया था, सुबह—सुबह की ठंडी हवा थी, शीतल मौसम था चारों तरफ, लेकिन वजीर पसीने से लथपथ था। सोलोमन ने पूछा, क्या हुआ?बिना पूछे एकदम भीतर चले आए और इतने घबड़ाए …

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