१) गणेश जी को तुलसी न चढ़ाएं२) देवी पर दुर्वा न चढ़ाएं३) शिव लिंग पर केतकी फूल न चढ़ाएं४) विष्णु को तिलक में अक्षत न चढ़ाएं५) दो शंख एक समान पूजा घर में न रखें६) मंदिर में तीन गणेश मूर्ति न रखें७) तुलसी पत्र चबाकर न खाएं८) द्वार पर जूते चप्पल उल्टे न रखें९) दर्शन करके बापस लौटते समय घंटा …
Read More »Positive and Negative
मूंछो वाले
रेल का सफर जाने कितने किस्से कहानियों का जनक होता है। कुछ साल पहले तक मैं काफी रेल यात्राएं किया करता था। उस दौरान ऐसे कई अनुभव हुए, जो यादगार बन गए। वहीं कुछ विचित्र और असहज करने वाले वाक़्यात भी हुए।हिंदुस्तान में रेल केवल लोगों और सामान को यहां से वहां पहुंचाने का जरिया भर नहीं है, लाखों लोगों …
Read More »बाजीराव पेशवा
जिस व्यक्ति ने अपनी आयु के 20 वे वर्ष में पेशवाई के सूत्र संभाले हो …40 वर्ष तक के कार्यकाल में 42 युद्ध लड़े हो और सभी जीते हो यानि जो सदा “अपराजेय” रहा हो …जिसके एक युद्ध को अमेरिका जैसा राष्ट्र अपने सैनिकों को पाठ्यक्रम के रूप में पढ़ा रहा हो ..ऐसे ‘परमवीर’ को आप क्या कहेंगे …?आप उसे …
Read More »बेटे का माँ से हिसाब
बेटा पढ़-लिख कर बहुत बड़ा आदमी बन गया | पिता के स्वर्गवास के बाद माँ ने हर तरह का काम करके उसे इस काबिल बना दिया था | शादी के बाद पत्नी को माँ से शिकायत रहने लगी के वो उन के स्टेटस मे फिट नहीं है
Read More »वक्त है बदलाव का
मंदी क्यों है व्यापार में ???बर्तन का व्यापारी परिवार के लिये जूते ऑनलाइन खरीद रहा है…जूते का व्यापारी परिवार के लिये मोबाइल ऑनलाइन खरीद रहा है…मोबाइल का व्यापारी परिवार के लिए कपडे ऑनलाइन खरीद रहा है…कपड़े का व्यापारी परिवार के लिये घड़ी ऑनलाइन ख़रीद रहा है…घडी का व्यापारी बच्चों के लिए खिलोने ऑनलाइन ख़रीद रहा है…खिलोने का व्यापारी घर के …
Read More »अन्यों का विचार करने का महत्व !
बहुत समय पहले की बात है । एक विख्यात गुरुदेव का गुरुकुल हुआ करता था । उस गुरुकुल में बडे-बडे राजा-महाराजाओं के पुत्रों से लेकर साधारण परिवार के पुत्र भी शिक्षा लेते थे । अनेक वर्षोंसे शिक्षा प्राप्त कर रहे कुछ शिष्यों की शिक्षा पूर्ण हो चुकी थी । अब वे सभी बडे उत्साह के साथ अपने अपने घर लौटने …
Read More »नरकासुर वध
आज की यह कहानी दीपावली से संबधित है । भागवत पुराण में बताए अनुसार, भगवान श्रीविष्णु ने वराह अवतार धारण कर भूमि देवता को समुद्र से निकाला था । इसके बाद भूमि देवता ने एक पुत्र को जन्म दिया । उसका नाम भौम था । पिता एक परमदेव और माता पुण्यात्मा होने पर भी पर भौम क्रूर था, इसलिए उसका …
Read More »तपस्या का फल !
बहुत वर्ष पूर्व ऋषि-मुनी भगवान को पाने के लिए कठोर तपस्या करते थे । यह तपस्या कैसी रहती थी ? एक पांव पर खडे होकर नमस्कार की मुद्रा में भगवान का नामजप करना, पानी में नमस्कार की मुद्रा में खडे रहकर अखंड भगवान का नामजप करना, हिमालय जैसे पर्वत पर जाकर अत्यंत ठंड में एक ही जगह अनेक वर्षाें तक …
Read More »नामस्मरण का महत्त्व : भक्त प्रल्हाद
आज हम देवता के नामजप का महत्त्व और उसमें कितनी शक्ति होती है, यह, कथा के माध्यम से जानने का प्रयास करेंगे । जो देवता का नामजप करता है, वह देवता का भक्त हो जाता है । देवता अपनी भक्तों की सदा रक्षा करते हैं । भगवान ने भक्तों को वचन दिया है, ‘न मे भक्त: प्रणश्यती ।’ अर्थात ‘मेरे …
Read More »राजपूत राजाछत्रसाल
80 साल की उम्र के #राजपूत #राजाछत्रसाल जब मुगलो से घिर गए,और बाकी राजाओं से कोई उम्मीद ना थी तो उम्मीद का एक मात्र सूर्य था ” ब्राह्मण बाजीराव बलाड़ पेशवा” एक राजपुत ने एक ब्राह्मण को खत लिखा:- जो गति ग्राह गजेंद्र की सो गति भई है आज! बाजी जात बुन्देल की बाजी राखो लाज! ( जिस प्रकार गजेंद्र …
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