‘चले मग जात सूखि गए गात’–(गोस्वामी तुलसीदास)उनका शरीर सूख गया अमर होने के कारण मर सकते नहीं। अतः रावण को गाली देते हुए और कष्ट के कारण अपनी अमरता को कोसते हुए अभी भी जा रहे हैं। इधर हनुमान जी ने आकर प्रभु के चरणों में शीश झुकाया।श्रीराम बोले–’क्या हुआ हनुमान ?’‘प्रभु ! उन्हें ऊपर भेजकर आ रहा हूँ।’राघव–’पर वे …
Read More »Positive and Negative
एक सकारात्मक दृष्टिकोण
एक बार राजा भोज की सभा में एक व्यापारी ने प्रवेश किया. राजा भोज की दृष्टि उस पर पड़ी तो उसे देखते ही अचानक उनके मन में विचार आया कि कुछ ऐसा किया जाए ताकि इस व्यापारी की सारी संपत्ति छीनकर राजकोष में जमा कर दी जाए.व्यापारी जब तक वहां रहा भोज का मन रह रहकर उसकी संपत्ति को हड़प …
Read More »एक गलत कदम
एक लड़की के पास Facebook पर, एक लड़के की Friend Request आई पहले तो लड़की सोचती है की रिक्वेस्ट को डिलीट कर दूं पर फिर सोचती है कि एक बार.....
Read More »श्रीराम ने श्री भरत जी को उलाहना दिया
जब श्रीराम जी का राज्याभिषेक हुआ, तब एक दिन श्रीराम ने श्री भरत जी को उलाहना दिया, "तुम इतने उदार और शीलवान् हो, फिर भी कैकेयी को माँ.......
Read More »रामायण का पाठ
रामचरितमानस का पाठ और उसके अनुसरण से उपयोगकर्ता के घर में सकारात्मक शक्तियों को उत्तेजित किया जा सकता है। यह घर को शांति, समृद्धि, और......
Read More »राधा और रुक्मिणी
इस कथा में सूरदास के स्वप्न का वर्णन है, जहां रुक्मिणी और राधिका के बीच कृष्ण के प्रेम का उल्लेख है। इसके साथ ही, इसमें प्रेम और त्याग के....
Read More »द्वादशाक्षर महामन्त्र
भगवान विष्णु को समर्पित शक्तिशाली 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें और आध्यात्मिक उन्नति का अनुभव करें। इस पवित्र बारह-अक्षरी......
Read More »भगवान विष्णु ने राम का अवतार लिया था
पौराणिक कथाओं के अनुसार रावण का अंत करने के लिए भगवान विष्णु ने राम का अवतार लिया था. उस समय सभी देवताओं ने अलग-अलग रूप में भगवान राम......
Read More »शब्द का संबोधन
सागर द्वारा श्रीराम के लिए ' प्रभु ' तथा ' नाथ ' शब्द का संबोधनपिछले अंक में सागर ने श्रीराम के लिए ' प्रभु ' तथा ' नाथ ' शब्द का दो बार...
Read More »मृत्यु के क्षण में लोग तड़फते क्यों हैं
तुमने किसी पक्षी को मरते देखा ? ऐसे सरल, ऐसे सहज, चुपचाप विदा हो जाता है! पंख भी नहीं फड़फड़ाता। शोरगुल भी नहीं मचाता। पक्षी तो इतने चुपचाप....
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