एक दार्शनिक थे। वह चिंतन में लीन रहते थे। बोलते थे, तो बड़ी गहरी बात कहते थे। इससे लोग उनका बहुत मान-सम्मान किया करते थे। लेकिन कभी-कभी उनकी बातें अजीब-सी होती थीं, और वो स्वयं अपनी ही बातों पर हंसी नहीं रोक पाते थे। एक दिन लोगों ने देखा कि दार्शनिक महोदय हाथ में जलती लालटेन लए कहीं जा रहे …
Read More »Story Katha
एक तमाचा, वो जिंदगी भर नहीं भुला सका
एक बार दो दोस्त रेगिस्तान के रास्ते अपने घर जा रहे थे। रास्ते में दोनों में कुछ कहा-सुनी हो गई। बात इतनी बढ़ गई की उनमे से एक मित्र ने दूसरे के गाल पर जोर से तमाचा मार दिया। जिस मित्र को तमाचा पड़ा उसे दुःख तो बहुत हुआ किंतु उसने कुछ नहीं कहा। वह झुका और उसने वहां रेत …
Read More »आत्मा भी करती है भोजन
प्रार्थना सभा के बाद एक वकील ने महात्मा गांधी से पूछा, ‘आप प्रार्थना में जितना समय व्यतीत करते हैं, अगर उतना ही समय देश सेवा में लगाया होता, तो अभी तक कितनी सेवा हो जाती?’ गांधी जी गंभीर हो गए और बोले, वकील साहब, आप भोजन करने में जितना समय बर्बाद करते हैं, ‘अगर वही समय कामकाज में लगाया होता …
Read More »मैं अपना चित्र बनवाऊँगा
एक बार कन्हैया को जिद्द चढ़ गई कि मैं अपना चित्र बनवाऊँगा ये बात कान्हा ने मईया ते कही, मईया मै अपना चित्र बनवाऊँगो, मईया बोली चित्र बनवाय के का करेगो, कन्हैया बोले, मोय कछू ना पतो मैं तो बनवाऊँगो, मईया कन्हैया को एक औरत के पास ले गई जिसका नाम था चित्रा, वो ऐसा चित्र बनाती थी कि कोई …
Read More »उन्होंने ग्रंथ के टुकड़े किए और गंगा में बहा दिया
Chaitanya Mahaprabhu एक बार चैतन्य महाप्रभु बचपन के मित्र रघुनाथ शास्त्री के साथ नाव से यात्रा कर रहे थे। शास्त्री जी विद्वान एवं संस्कृत के प्रकांड विद्वान व्यक्ति थे। उन्हीं दिनों चैतन्य महाप्रभु ने न्यायशास्त्र पर बहुत ही उच्चकोटि का ग्रंथ लिखा। उन्होंने वह ग्रंथ शास्त्री जी को दिखाया। ग्रंथ को गौर से देखने …
Read More »मान सम्मान से परे एक मर्मस्पर्शी पत्र
सन् 1952 में इज़राइल के प्रथम राष्ट्रपति कैम वीजमान का निधन हो गया तो इज़राइल का राष्ट्रपति पद स्वीकारने के लिए महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन से प्रार्थना की गई। आइंस्टीन ने विनम्रता से उस प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया और इज़राइली राजदूत अब्बा एवान को एक पत्र लिखा। वो पत्र कुछ इस तरह था, ‘मुझे प्रकृति के बारे में थोड़ा …
Read More »कलियुग का लक्ष्मण
” भैया, परसों नये मकान पे हवन है। छुट्टी (इतवार) का दिन है। आप सभी को आना है, मैं गाड़ी भेज दूँगा।” छोटे भाई लक्ष्मण ने बड़े भाई भरत से मोबाईल पर बात करते हुए कहा। ” क्या छोटे, किराये के किसी दूसरे मकान में शिफ्ट हो रहे हो ?” ” नहीं भैया, ये अपना मकान है, किराये का नहीं …
Read More »जब युवा कबीर ने बताई गंगा जल की शुद्धता
वाराणसी की एक तंग गली में एक ब्राह्मण बीमारी की अवस्था में शय्या पर पड़ा था। युवा कबीर गंगा स्नान के लिए जा रहे थे। ब्राह्मण की दशा देखकर उसके पास पहुंचे। उन्होंने कहा, ‘मेरे लायक कोई सेवा हो तो जरूर बताइगा।’ तब ब्राह्मण ने कहा, ‘बेटा मेरा अंत समीप है। मैं अकेला हूं। जीवन के अंतिम समय में थोड़ा …
Read More »क्यों मनाई जाती है ईद, कैसे हुई थी इसकी शुरुआत?
624 ईस्वी में पहला ईद-उल-फ़ित्र मनाया गया था। पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र के युद्ध में विजय प्राप्त की थी। यह त्योहर उसी खुशी में मनाया गया था। इस्लामिक कैलेंडर में दो ईद मनाई जाती हैं। दूसरी ईद जो ईद-उल-जुहा या बकरीद के नाम से भी जानी जाती है। ईद-उल-फ़ित्र का यह त्योहार रमजान का चांद डूबने और ईद का चांद नज़र आने पर …
Read More »माहे-रमजान में छुपा संदेश
आत्मा को पाकीजगी का मौका देता है रमजान Hidden messages in Maha-Ramzan बंदे को हर बुराई से दूर रखकर अल्लाह के नजदीक लाने का मौका देने वाले पाक महीने रमजान की रूहानी चमक से दुनिया एक बार फिर रोशन हो चुकी है और फिजा में घुलती अजान और दुआओं में उठते लाखों हाथ खुदा से मुहब्बत के जज्बे को शिद्दत …
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