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Story Katha

विश्वासघात पर हिंदी कहानी

Lonely woman sitting with couple in park

मॉम .!!… “मैं सोच रही थी! कि आज रात को मैं शिखा के घर पर ही रुक जाऊंगी…थोडी़ कम्बाइन्ड स्टडी करनी है, वो परसों मैथ्स का टेस्ट है ना उसी की तैयारी करनी है”। किताबें समेंटते हुए चारू बोलती जा रही थी! “पर बेटा ..रात को ..किसी के घर रुकना मुझे तो ठीक नहीं लगता।” मॉम!!”, नाराज होती हुई चारू …

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शेख चिल्ली की कहानियां

: शेख चिल्ली की कहानियां

 कौन थे शेख चिल्ली? माना जाता है कि सूफी संत अब्द-उर-रहीम, जिन्हें अब्द-उई-करीम और अब्द-उर- रज़ाक के नाम से भी जाना जाता था उन्ही का प्रसिद्द नाम शेख चिल्ली पड़ा। उनकी मौजूदगी 1650 AD के आस-पास की मानी जाती है और हरयाणा में उनका एक मकबरा भी बना हुआ है। भारत में शेख चिल्ली को एक मजेदार कैरेक्टर के रूप में …

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सहिष्णुता से होता है ह्दय परिवर्तन

सहिष्णुता से होता है ह्दय परिवर्तन

दशकों पहले स्वामी दयानद गंगा नदी के किनारे रहते थे। वहां वह चिंतन करते थे। वहां अन्य साधु रहते थे। वह उनकी इस साधना से ईर्ष्या करते थे। उन्हें लगता था कि दयानंद उनके प्रभाव को कम न कर दें। इस बात से नाराज होकर सभी साधुओं ने दयानंद जी को भला-बुरा कहा। लेकिन उन्होंने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया। …

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नैतिक शिक्षा देती

comfort your friends

  शहर की तंग गलियों के बीच एक पुरानी ताले की दूकान थी। लोग वहां से ताला-चाबी खरीदते और कभी-कभी चाबी खोने पर डुप्लीकेट चाबी बनवाने भी आते। ताले वाले की दुकान में एक भारी-भरकम हथौड़ा भी था जो कभी-कभार ताले तोड़ने के काम आता था। हथौड़ा अक्सर सोचा करता कि आखिर इन छोटी-छोटी चाबियों में कौन सी खूबी है …

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*नारी गहने क्यों पहनती हैं…….?*

rama

*रामायण के अनुसार* भगवान राम ने धनुष तोड दिया था, सीताजी को सात फेरे लेने के लिए सजाया जा रहा था तो वह अपनी मां से प्रश्न पूछ बैठी, *‘‘माताश्री इतना श्रृंगार क्यों?’’* ‘‘बेटी विवाह के समय वधू का 16 श्रृंगार करना आवश्यक है, क्योंकि श्रृंगार वर या वधू के लिए नहीं किया जाता, यह तो आर्यवर्त की संस्कृति का …

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कृपा का अनुभव

कृपा का अनुभव

कृपा का अनुभव एक बार गायों को चराते हुए भगवान श्री कृष्ण और बलराम जी को भूख लगीं तो उन्होंने अपने सखाओं से कहा -हे मित्र ! यहाँ पास ही में कुछ ब्राह्मण यज्ञ कर रहे हैं तुम उनसे हम सबके लिए कुछ भोजन माँग लाओ। ग्वाल-बाल गए और बड़े विनम्र भाव से प्रार्थना कर भोजन सामग्री माँगी परंतु ब्राह्मण …

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पिता और व्यापारी

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पिता और व्यापारी कस्बा देहात के बाजार में जगत की पुश्तैनी परचून की दुकान है, पिता की मौत के बाद से लगभग 10 साल से वह इसे चला रहा है, मृदुभाषी होने के कारण उसके ग्राहकी अच्छी है और दुकान का काम भी अच्छा चल रहा है सबसे बड़ी बात यह है कि वह सुबह 6:00 बजे ही दुकान खोल …

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संत दादू की सहिष्णुता का अनोखा उदाहरण

संत दादू की सहिष्णुता का अनोखा उदाहरण

उस समय की ईश्वर भक्ति उस समय काफी प्रसिद्धि पा चुकी थी। उन्हें गुरु मानने की इच्छा से एक व्यक्ति संत दादू की खोज में निकला। रास्ते में उसे एक साधारण सा व्यक्ति दिखाई दिया। वह व्यक्ति उसके पास पहुंचा और कहा, ‘आप बता सकते हैं कि संत दादू का आश्रम कहां है?’ उस साधारण व्यक्ति ने उस संत की …

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जानिए क्यो मनाया जाता है बैसाखी का त्योहार – WHY BAISAKHI CELEBRATED

Happy Baisakhi

बैसाखी (baisakhi) उतर भारत विशेषकर पंजाब और हरियाणा मे मनाए जाने के वाला एक विशेष त्योहार है। इसे  “वैसाखी” भी कहा जाता है . केरल मे इस त्योहार को ‘विशु’ कहा जाता है। इसे खेती का त्योहार भी कहा जाता है। बैसाखी (baisakhi) हर साल 14 अप्रैल को धूमधाम से मनाई जाती है। वैसे तो इस त्योहार को मनाने की कोई एक वजह …

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जानिए ताड़का का वध क्यों किया था श्रीराम ने

tadka killed by rama

वाल्मीकि रामायण के ऐतिहासिक पात्रों में से एक हैं। उन्हीं में से एक थी ‘ताड़का’। ताड़का सुकेतु यक्ष की पुत्री थी, जो एक शाप के प्रभाव से राक्षसी बन गई थी। उसका विवाह सुंद नाम के दैत्य से हुआ था। ताड़का के दो पुत्र थे, उनके नाम थे सुबाहु और मारीच। ताड़का का परिवार अयोध्या के नजदीक एक जंगल में …

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