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चीन के संत च्वांगत्से को कपाल ने दिया ज्ञान

चीन के संत च्वांगत्से को कपाल ने दिया ज्ञान

चीन के प्रसिद्ध संत च्वांगत्से रात के समय घूम रहे थे। अचानक उनको ठोकर लगी। उन्होंने संभल कर देखा वहां एक मानव की खोपड़ी पड़ी हुई थी। दार्शनिक कुछ देर खड़े होकर सोचते रहे फिर उन्होंने खोपड़ी उठाई और अपने थैले में डाल दी। उस दिन के बाद जब भी वे कहीं जाते उसे अपने साथ ही रखते। एक दिन …

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बापू की असाधारण और अक्षम्य गलती

बापू की असाधारण और अक्षम्य गलती

एक दिन मोहनदास करमचंद गांधी (बापू) शाम की प्रार्थना सभा में बोलते-बोलते बहुत परेशान हो गए। उन्होंने कहा, जो गलती मुझसे हुई है, वह असाधारण और अक्षम्य है। कई बरस पहले मुझे इसका पता लगा, पर तभी मैंने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इस कारण से कई वर्ष नष्ट हो गए। मुझसे बहुत बड़ा पाप हो गया है। दरिद्रनारायण की …

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महात्मा गांधी जब साइकिल से पहुंचे सभास्थल

महात्मा गांधी जब साइकिल से पहुंचे सभास्थल

महात्मा गांधी समय के बड़े पाबंद थे। एक बार उन्हें एक सभा में भाषण देने का निमंत्रण मिला। निमंत्रण देने वाले सज्जन ने ठीक साढ़े तीन बजे गांधी जी को लेने के लिए आने का वादा किया। अगले दिन अपनी आदत के अनुसार गांधी जी ठीक साढ़े तीन बजे तैयार हो गए, पर कोई उन्हें लेने के लिए नहीं आया। …

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धर्म के आगे कुछ नहीं

धर्म के आगे कुछ नहीं

गांधीजी के पुत्र मणिलाल एक बार बचपन में बहुत बीमार हो गए। डॉक्टर को बुलाया गया। डॉक्टर ने जांच के बाद कहा, बच्चे को मीट का शोरबा देना पड़ेगा। बापू शाकाहारी थे। इसीलिए उन्होंने डॉक्टर से निवेदन किया कि वह बच्चे को शोरबे के बदले कोई और खाद्य बताएं। डॉक्टर ने इस पर झुंझलाती हुए कहा, बापू, आपके बच्चे की …

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रामनाम और महात्मा गांधी

राजस्थान के लक्ष्मणगढ़ निवासी बालूराम अढ़तिया रामनाम के आढ़ती के नाम से विख्यात थे। वे अपने साथ एक बही रखते और किसी भी प्रमुख व्यक्ति के पास पहुंचकर उनसे प्रार्थना करते कि आप इस बही में अपने हाथ से लिखें कि भगवान के इतने हजार नामों का जप प्रतिदिन किया करेंगे। एक बार गांधीजी मुंबई आए हुए थे। आढ़तिया भाई …

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जैसा आचरण वैसा व्यवहार

जैसा आचरण वैसा व्यवहार

एक बार एक स्त्री महाराष्ट्र के महान संत ज्ञानेश्वर महाराज के पास आई। वह अपने छोटे बच्चे को भी साथ लाई। उस स्त्री ने संत से कहा कि मेरे बेटे को अपच की बीमारी है। मैने इसका इलाज कई दवाईयों और औषधियों से किया पर यह ठीक नहीं हुआ। संत ज्ञानेश्वर ने कहा कि ‘इसे आप कल लेकर आना। दूसरे …

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खोटे सिक्के भी हो जाते हैं अमर

निजामुद्दीन औलिया के एक शिष्य थे, उन्हीं की तरह त्याग और सादगी भी उन्हें पसंद थी। वे सब्जी उबाल कर बेचते थे और अपनी जीविका चलाते थे। गांव वाले श्रद्धावश सस्ती सब्जियां दे जाते और उन्हें वे उबाल कर ग्राहकों को खिलाते और थोड़ा बहुत धन अर्जित करते। इसके साथ ही सुबह-शाम प्रवचन भी करते। लेकिन लोग उन्हें खोटे सिक्के …

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इसीलिए कहते हैं जियो दिल से

एक बार गुरु गोविंद साहब के कुछ शिष्य उनके पास उनके पास आए और उनसे उलाहना के स्वर में बोले, ‘गुरू जी! आपके कहने पर हम हर रोज जप करते हैं, लेकिन इससे हमें कोई लाभ नहीं होता है। इसका क्या कारण है?’ गुरु जी युवा शिष्यों की बात सुन कर कुछ कहा नहीं, ‘सिर्फ मुस्कुराए।’ कुछ देर बाद उन्होंने …

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बापू ने कहा था, हानिकारक लोगों को देनी चाहिए यह सीख!

बापू ने कहा था, हानिकारक लोगों को देनी चाहिए यह सीख!

गुजरात में महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम में लड़कियां भी रहती थीं। एक दिन की बात है कुछ लड़कियां कहीं से लौट रही थीं। रास्ते में कुछ लड़के उनको छेड़ने लगे। लड़कियां इस घटना से घबरा गईं और दौड़ते हुए आश्रम पहुंचीं। उन्होंने सारी घटना का जिक्र बापू से किया। बापू बोल, ‘तुम लोग भाग क्यों आईं?’ हिम्मत से वहीं …

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जिंदगी में कभी आपने कहीं भी सुनी है दर्द की भाषा

कोलकाता में मुस्लिम महिला सम्मेलन का वार्षिक अधिवेशन था। सरोजिनी नायडू इसकी मुख्य अतिथि थीं। भाषण देने वालों में कोई बांग्ला में तो कोई ऊर्दू में। उनके पास बैठी महिलाओं में भी किसी ने बांग्ला की वकालत की तो किसी ने ऊर्दू की। इसी बीच एक स्वयंसेविका ने आकर किसी महिला से कहा, आपके घर से फोन आया है कि …

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