एक वृद्ध व्यक्ति अपने बहु – बेटे के यहाँ शहर रहने गया . उम्र के इस पड़ाव पर वह अत्यंत कमजोर हो चुका था , उसके हाथ कांपते थे और दिखाई भी कम देता था . वो एक छोटे से घर में रहते थे , पूरा परिवार और उसका चार वर्षीया पोता एक साथ डिनर टेबल पर खाना खाते थे . लेकिन वृद्ध होने के …
Read More »Gyan Ki Baat
मनुष्य जीवन (Human life)
मनुष्य जीवन का लक्ष्य क्या है ?मनुष्य का वर्तमान जीवन बड़ा अनमोल है क्योंकि अब संगमयुग में ही वह सर्वोत्तम पुरुषार्थ करके जन्म-जन्मान्तर के लिए सर्वोत्तम प्रारब्ध बना सकता है और अतुल हीरो-तुल्य कमाई कर सकता है I वह इसी जन्म में सृष्टि का मालिक अथवा जगतजीत बनने का पुरुषार्थ कर सकता है I परन्तु आज मनुष्य को जीवन का लक्ष्य मालूम न होने के …
Read More »पुनर्जन्म (Reincarnation)
पिछले जन्म में आप क्या थे? क्या वाकई आप जानना चाहते हैं? क्या आप पुनर्जन्म के सिद्धांत को मानते हैं? पिछला या पुनर्जन्म होता है या नहीं? यह सवाल प्रत्येक व्यक्ति के मन में होगा। हो सकता है कि कुछ लोग मानकर ही बैठ गए हैं कि हां होता है और कुछ लोग यह मानते हैं कि नहीं होता है। …
Read More »रसगुल्ले की जड़
मध्य पूर्वी देश से एक ईरानी शेख व्यापारी महाराज कृष्णदेव राय का अतिथि बन कर आता है। महाराज अपने अतिथि का सत्कार बड़े भव्य तरीके से करते हैं और उसके अच्छे खाने और रहने का प्रबंध करते हैं, और साथ ही कई अन्य सुविधाएं भी प्रदान करते हैं। एक दिन भोजन पर महाराज का रसोइया शेख व्यापारी के लिए रसगुल्ले …
Read More »बन्दर और मगरमच्छ
एक नदी के किनारे एक जामुन के पेड़ पर एक बन्दर रहता था जिसकी मित्रता उस नदी में रहने वाले मगरमच्छ के साथ हो गयी।वह बन्दर उस मगरमच्छ को भी खाने के लिए जामुन देता रहता था।एकदिन उस मगरमच्छ ने कुछ जामुन अपनी पत्नी को भी खिलाये। स्वादिष्ट जामुन खाने के बाद उसने यह सोचकर कि रोज़ाना ऐसे मीठे फल …
Read More »बीता हुआ कल
बुद्ध भगवान एक गाँव में उपदेश दे रहे थे. उन्होंने कहा कि “हर किसी को धरती माता की तरह सहनशील तथा क्षमाशील होना चाहिए. क्रोध ऐसी आग है जिसमें क्रोध करनेवाला दूसरोँ को जलाएगा तथा खुद भी जल जाएगा.” सभा में सभी शान्ति से बुद्ध की वाणी सून रहे थे, लेकिन वहाँ स्वभाव से ही अतिक्रोधी एक ऐसा व्यक्ति भी …
Read More »सन्यासी की जड़ी-बूटी
बहुत समय पहले की बात है , एक वृद्ध सन्यासी हिमालय की पहाड़ियों में कहीं रहता था. वह बड़ा ज्ञानी था और उसकी बुद्धिमत्ता की ख्याति दूर -दूर तक फैली थी. एक दिन एक औरत उसके पास पहुंची और अपना दुखड़ा रोने लगी , ” बाबा, मेरा पति मुझसे बहुत प्रेम करता था , लेकिन वह जबसे युद्ध से लौटा …
Read More »लाल बहादुर शास्त्री
यह ऐसे प्रधानमंत्री हुए जिन्होंने 1965 में अपनी फीएट कार खरीदने के लिए पंजाब नेशनल बैंक से पांच हजार ऋण लिया था। मगर ऋण की एक किश्त भी नहीं चुका पाए। 1966 में देहांत हो जाने पर बैंक ने नोटिस भेजा तो उनकी पत्नी ने अपनी पेंशन के पैसे से कार के लिए लिया गया ऋण चुकाने का वायदा किया …
Read More »ताबूत
एक दिन एम्प्लाइज जब ऑफिस पहुंचे तो उन्हें गेट पर एक बड़ा सा नोटिस लगा दिखा :” इस कंपनी में जो व्यक्ति आपको आगे बढ़ने से रोक रहा था कल उसकी मृत्यु हो गयी . हम आपको उसे आखिरी बार देखने का मौका दे रहे हैं , कृपया बारी-बारी से मीटिंग हॉल में जाएं और उसे देखने का कष्ट करें .” जो भी …
Read More »सत् – असत् का ज्ञान
सत् – असत् का विवेक मनुष्य अगर अपने शरीर पर करता है तो वह साधक होता है और संसार पर करता है तो विद्वान होता है । अपने को अलग रखते हुए संसार में सत् – असत् का विवेक करने वाला मनुष्य वाचक (सीखा हुआ) ज्ञानी तो बन जाता है, पर उसको अनुभव नहीं हो सकता । परंतु अपनी देह …
Read More »