बात उस समय की है जब गुरु नानक देव लाहौर यात्रा पर थे। वह एक अजीब नियम था। वो यह कि जिस व्यक्ति के पास जितनी अधिक संपत्ति वह अपने घर के ऊपर उतने ही झंडे लगाता था। लाहौर में दुनीचंद्र के पास 20 करोड़ रुपए की संपत्ति थी। इसलिए उसके घर की छत पर 20 झंडे फहरा रहे थे। …
Read More »Gyan Shastra
धृतराष्ट्र का पुत्र मोह
हस्तिनापुर नरेश धृतराष्ट्र जन्म से अंध थे। इस कारण वह ज्येष्ठ पुत्र होते हुए भी राजा बनने योग्य नहीं थे। परंतु राजा पांडु एक गंभीर बीमारी का शिकार हो जाने की वजह से वन प्रस्थान कर गए थे और एक राज्य का सिंहासन रिक्त नहीं रखा जा सकता था, इसलिए धृतराष्ट्र को पांडु का प्रतिनिधि राजा बनाया गया था। एक बार राजसुख का …
Read More »एक क्षमा ऐसी
गोदावरी नदी का तट और उसके नजदीक एकाग्रता पूर्ण तरीके से संत एकनाथ बैठे हुए थे। उनके दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते थे। वह जिस गांव में रहते थे, वहां एक चबूतरा था। जहां दिनभर संत विरोधियों का जमघट रहता था। एक दिन वहां एक व्यक्ति आया और तब उन्होंने कहा, तुम संत एकनाथ को नाराज करके दिखाओ। …
Read More »यह है आत्मा का भोजन
बात उस समय की है जब महात्मा गांधी वकालत करते थे। वह नियमित प्रार्थना में हिस्सा लेते थे। एक बार एक वकील ने उनसे पूछा, आप प्रार्थना में जितना समय व्यतीत करते हैं, अगर उतना ही समय देश की सेवा में लगाया होता, तो आप अभी तक देश की कितनी सेवा कर चुके होते। गांधीजी ने गंभीर हो गए और …
Read More »ध्यान रखिए ताकि छलके नहीं दूध का मर्तबान
शुकदेव को उनके पिता ने परामर्श दिया कि वे महराज जनक की शरण में जाकर दीक्षा ग्रहण करें। पिता के परामर्श से शुकदेव महराज जनक के दरबार जा पहुंचे और राजा जनक से दीक्षा देने का अनुरोध किया। जनक ने शुकदेव की परीक्षा लेने से पहले उनकी परीक्षा लेने के उद्देश्य से उनके हाथ में दूध का कटोरा दिया और …
Read More »नवरात्रि 2017: 21 सितंबर से शुरू हो रहा है पर्व, नौ दिनों तक इन 9 चीजों से करें मां की पूजा
शारदीय नवरात्रि इस बार 21 सितंबर से शुरु हो रही है। नवरात्रि के नौ दिनों में प्रत्येक दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि के आते ही घर-घर में मां के आगमन की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। गुरुवार से शुरू होने वाली नवरात्रि के नौ दिनों में यदि नौ विशेष चीजों का इस्तेमाल …
Read More »क्यों कहलाते हैं पांचरुपी हनुमान
जब राम और रावण की सेना के मध्य भयंकर युद्ध चल रहा था और रावण अपने पराजय के समीप था तब इस समस्या से उबरने के लिए उसने अपने मायावी भाई अहिरावण को याद किया जो मां भवानी का परम भक्त होने के साथ- साथ तंत्र – मंत्र का बड़ा ज्ञाता था। उसने अपने माया के दम पर भगवान राम …
Read More »अहंकार
एक नगर में एक जुलाहा रहता था। वह स्वाभाव से अत्यंत शांत, नम्र तथा वफादार था।उसे क्रोध तो कभी आता ही नहीं था। एक बार कुछ लड़कों को शरारत सूझी। वे सब उस जुलाहे के पास यह सोचकर पहुँचे कि देखें इसे गुस्सा कैसे नहीं आता ? उन में एक लड़का धनवान माता-पिता का पुत्र था। वहाँ पहुँचकर वह बोला …
Read More »मरते वक्त बालि ने, अंगद से कही थी ये तीन बातें . .
मरते वक्त बालि ने, अंगद से कही थी ये तीन बातें रामायण में जब श्रीराम ने बालि को बाण मारा तो वह घायल होकर पृथ्वी पर गिर पड़ा था। इस अवस्था में जब पुत्र अंगद उसके पास आया तब बालि ने उसे ज्ञान की कुछ बातें बताई थीं। बालि ने कहा- देश काल और परिस्थितियों को समझो। किसके साथ कब, …
Read More »भगवान विष्णु के दस अवतार
राम अवतार श्रीहरि के जय–विजय नाम के दो द्वारपाल थे। वे सनकादि ब्रह्मर्षियों के शाप से घोर निशाचर कुल में पैदा हुए। उनके नाम रावण और कुम्भकर्ण थे। उनके अत्याचारों से पृथ्वी कांप उठी। वह पाप के भार को सह न सकी। अन्त में वह ब्रह्मादि देवताओं के साथ भगवान की शरण में गयी। देवताओं की प्रार्थना से परब्रह्म परमात्मा …
Read More »