"प्यार की राहों में" एक दिलचस्प कहानी है जो एक लड़के और एक लड़की के बीच के रिश्ते को दर्शाती है। इस कहानी में संघर्ष, प्यार, और परिवर्तन का...
Read More »Marriage Matchmaking
द्रौपदी का संदेश
द्रौपदी और श्रीकृष्ण के बीच एक गहरी बातचीत, महाभारत के युद्ध के अनुभवों पर ध्यान देने वाली एक कहानी। शब्दों के प्रभाव को समझते हुए धर्म और...
Read More »एक गलत कदम
एक लड़की के पास Facebook पर, एक लड़के की Friend Request आई पहले तो लड़की सोचती है की रिक्वेस्ट को डिलीट कर दूं पर फिर सोचती है कि एक बार.....
Read More »शब्द का संबोधन
सागर द्वारा श्रीराम के लिए ' प्रभु ' तथा ' नाथ ' शब्द का संबोधनपिछले अंक में सागर ने श्रीराम के लिए ' प्रभु ' तथा ' नाथ ' शब्द का दो बार...
Read More »रिश्तों का सम्मान
ओहो रामू तीन दिनों से समझा रही हूं तुझे कि वो एसी वाला कमरा राजन बाबू के लिए तैयार करना है ये नई वाली चादरें भी उसी कमरे के लिए निकाली थी मैने... तूने यहां इस कमरे में क्यों बिछा दीं..सुमित्रा जी रामू पर बिगड़ रही थीं।
Read More »बेवफाई हमेशा सच नही होती
दीपक और सरिता की शादी होना लगभग तय ही था कि सरिता ने अचानक किसी और से शादी कर ली. 20 साल बाद जब दीपक की बहन रागिनी को इस के पीछे की सचाई का पता चला तो उस के पैरों तले जमीन खिसक गई. क्या पता चला था उसे?‘‘मेरी तबीयत ठीक नहीं है रितु, मैं घर जा रही हूं. …
Read More »सुकरात का पत्नी प्रेम
सुकरात जैसे महापुरुष की पत्नी भी सुकरात से नाखुश थी, बहुत नाखुश थी क्यों? क्योंकि वह दार्शनिक ऊहापोह में ऐसा लीन हो जाता था कि भूल ही जाता था कि पत्नी भी है।एक दिन तो दार्शनिक चर्चा में ऐसा लीन था कि चाय ही पीना भूल गया सुबह की। पत्नी को तो ऐसा क्रोध आया, चाय बनाकर बैठी है और …
Read More »जोल्दी से शादी कोर डालो
मेरी आज दूसरी मुलाकात थी … अनिता से !इंगेजमेंट होने में कुछ ही दिन बाक़ी थे सो इंफॉर्मली मिलने की इच्छा हो रही थी , पहली मुलाक़ात तो सब के सामने हुई थी .. चाय पोहे पर !आ गए चाइनीज़ रेस्ट्रॉ में ! जी भर कर देखा पाँच मिनट तक फिर जो हाथ में लिया हाथ , लगा हुआ जन्मों …
Read More »दिल का रिश्ता
दिल का रिश्ता” अरे…. सुनती हो “हां क्यों नहीं सुनूंगी.. बहरी थोड़े ही हो गई हूं माना.. बालों में सफेदी आ गई है, आंखों में चश्मा चढ़ गया पर सुनो जी ….. कान मेरे बराबर सुनते हैं, अच्छा बोलो क्याकह रहे थे “!!!” चलो थोड़ा बाजार की तरफ चलते हैं, तुम्हें कुछ सामान चाहिए था नलिस्ट बना ली कि बनानी …
Read More »हर माँ की कहानी
तुम माँ के पेट में थे नौ महीने तक, कोई दुकान तो चलाते नहीं थे, फिर भी जिए। हाथ—पैर भी न थे कि भोजन कर लो, फिर भी जिए। श्वास लेने का भी उपाय न था, फिर भी जिए। नौ महीने माँ के पेट में तुम थे, कैसे जिए? तुम्हारी मर्जी क्या थी? किसकी मर्जी से जिए? फिर माँ के …
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