किंतु अम्मा ही बाबूजी को यह कह कर रोक देती थी कि 'कहाँ वहाँ बेटे बहू की ज़िंदगी में दखल देने चलेंगे। यहीं ठीक है। सारी जिंदगी यहीं गुजरी है और जो थोड़ी सी बची है उसे भी यहीं रह कर काट लेंगे। ठीक है न!'
Read More »Motivational Story
सौ रोगों की एक दवाई हवा धूप मेरे भाई
प्राकृतिक चिकित्सा का यह उद्घोष वाक्य संसार के पुस्तकालय की सबसे प्राचीनतम पुस्तकों में से एक अर्थववेद से निकला | साफ हवा ,सूर्य का प्रकाश सबसे बड़ा डिसइनफेक्टेंट है… संक्रमण , संक्रमण के लिए जिम्मेदार कारकों को नष्ट करने वाला| सनातन वैदिक संस्कृति में सूर्य को जड़ देवताओं में पिता की संज्ञा दी गई है पिता… का संस्कृत धातु में …
Read More »लड़कियों को वो लड़के चाहिए
सूरी बहुत सिंपल सा इंसान है, जिंदगी बहुत नाप तौल कर बिताई है उसने। मेहनत से पढ़ाई की, मेहनत से नौकरी कर रहा है। लोगो से नर्म लहजे में बात करता है, फॉर्मल पैंट के नीचे स्पोर्ट शूज पहनता है। कोई बुरी आदत नही है सूरी के अंदर, बस कभी कभार अपने बचपन के दोस्त के साथ लिटिल लिटिल ले …
Read More »आंसू सिर्फ तकलीफ में ही आंखों से नहीं बहते
आज हमारी शादी की आठवीं सालगिरह थी मेरे पति आकाश ने इस अवसर पर परिवार के लोगों को हमारी खुशी में शामिल होने के लिए घर पर आमंत्रित किया था । शाम ढलते ही मेहमान घर पर आने लगें,हम दोनों बहुत खुश थें, पर इस खुशी के अवसर पर मेरा मन उदास सा था,क्योंकि शादी के आठ साल बाद भी …
Read More »आचार्य सुश्रुत शल्य चिकित्सा (सर्जरी) के जनक
शल्य चिकित्सा (सर्जरी) के पितामह और सुश्रुतसंहिता के प्रणेता आचार्य सुश्रुत का जन्म छठी शताब्दी ईसा पूर्व काशी में हुआ था। सुश्रुत का जन्म विश्वामित्र के वंश में हुआ था। इन्होंने धन्वन्तरि से शिक्षा प्राप्त की थी। सुश्रुतसंहिता को भारतीय चिकित्सा पद्धति में विशेष स्थान प्राप्त है। इसमें शल्य चिकित्सा के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझाया गया है। शल्य …
Read More »ससुर ने बहु को सिखाया सबक
“अरे! बेटी जरा चाय तो बना दो . खाली बैठे चाय की तलब लग आती है .” बहु ने सुना और फिर व्यस्त हो गई मोबाइल पर . समय का पता ही नहीं रहा . ससुर ने देखा तो बाहर से दरवाजा बंद कर पास की दुकान पर चले गए . चाय पी और कुछ देर इधर उधर की बातें …
Read More »मम्मी पापा के संघर्ष की कहानी है,
अपने बचपन की कुछ भावुक यादें जो मम्मी पापा के संघर्ष की कहानी है, आपसे साझा कर रही हूं। उन दिनों पैसे कमाने के लिए बहुत कठोर परिश्रम लगता था। मेरे पापा फ़ौज में थे और मम्मी ने इंटर पास किया था पर नौकरी नहीं करती थीं क्योंकि तब औरतों का नौकरी करना ज़रूरी नहीं होता था। पापा अपनी पोस्टिंग …
Read More »इंसानियत अभी तक जिंदा है
एक सज्जन रेलवे स्टेशन पर बैठे गाड़ी की प्रतीक्षा कर रहे थे तभी जूते पॉलिश करने वाला एक लड़का आकर बोला~ ‘‘साहब! बूट पॉलिश कर दूँ ?’’ उसकी दयनीय सूरत देखकर उन्होंने अपने जूते आगे बढ़ा दिये, बोले- ‘‘लो, पर ठीक से चमकाना।’’ लड़के ने काम तो शुरू किया परंतु अन्य पॉलिशवालों की तरह उसमें स्फूर्ति नहीं थी। वे बोले~ …
Read More »बेटी में बहू के संस्कार डाले
एक वकील साहब ने अपने बेटे का रिश्ता तय किया..कुछ दिनों बाद वकील साहब होने वाले समधी के घर गए! तो देखा कि होने वाली समधन खाना बना रही थीं!सभी बच्चे और होने वाली बहू टी वी देख रहे थे!वकील साहब ने चाय पी कुशल जाना और चले आये! एक माह बाद वकील साहब समधी जी के घर फिर गए! …
Read More »ईश्वर बहुत दयालु है
एक राजा का एक विशाल फलों का बगीचा था। उसमें तरह-तरह के फल होते थे। उस बगीचे की सारी देखरेख एक किसान अपने परिवार के साथ करता था। वह किसान हर दिन बगीचे के ताज़े फल लेकर राजा के राजमहल में जाता था ! एक दिन किसान ने पेड़ों पे देखा नारियल अमरुद, बेर, और अंगूर पक कर तैयार हो …
Read More »