सुरेश जी ने दूसरी शादी की तो सुरेखा को लगा कि उसे माँ मिल जाएगी। सुरेखा ने अपनी माँ की तरह ही चाहा राधा माँ को।
Read More »Predication
बेटे का प्यार
मेरा बुद्धू बेटा मां ने प्यार से उसके बालों पर हाथ फेरते हुए उसका माथा चूम लिया। वो सोच रहा था कि मां का प्यार उसका साथ दुनिया की सबसे बड़ी दौलत है। हे ईश्वर इसे मेरे ऊपर हमेशा बनाए रखना।
Read More »कर्ज वाली लक्ष्मी
एक 15 साल का भाई अपने पापा से कहा पापा पापा दीदी के होने वाले ससुर और सास कल आ रहे है अभी जीजाजी ने फोन पर बताया। दीदी मतलब उसकी बड़ी बहन की सगाई कुछ दिन पहले एक अच्छे घर में तय हुई थी। दीनदयाल जी पहले से ही उदास बैठे थे धीरे से बोले..
Read More »एक आँख से देखना
बचपन से ही भाइयों की बजाय मुझे अपने माता पिता का अधिक प्यार ,अधिक मान और प्रशंसा प्राप्त होती थी। हालाँकि भाई भी मुझसे स्नेह करते किन्तु फिर भी मम्मी पापा का मेरे प्रति विशेष स्नेह उन्हें खटकता था
Read More »जॉनी वाकर
गुरु दत्त ने तुरंत कहा, ‘तो कहो ना’। जॉनी वाकर ने कहा कि एम सादिक एक फिल्म बनाना चाहता है, लेकिन उसकी हालत कुछ ठीक नहीं है। हम सबको मिलकर उसका साथ देना होगा। तुम भी इस फिल्म में काम कर लो, लेकिन सुनो थोड़ा कोआपरेट करना होगा।
Read More »चरित्र प्रमाण पत्र
एक हफ्ता गुजर गया, मैने बस इतना नोटिस किया कि वह लड़की शांत और चुपचाप बैठी रहती है। कभी कोई प्रश्न नहीं पूछती, कापियां भी चैक नहीं कराती, और ना ही कभी पढने में कोई रूचि दिखाती। मैने भी कभी पूछा नहीं
Read More »12th fail
इलाहाबाद में 10×10 का कमरा भी आज 3000 प्रति माह के हिसाब से मिलता है पढ़ने वाले इलाहाबाद में अपनी किताब ख़रीदने के लिए ऑटो से नही बल्कि पैदल चलते है ताकि 20 रुपया किराए का बच गया तो दो टाइम सब्जी खरीद लूंगा।
Read More »महाराणा प्रताप
उनके कद,उनके वजन ,उनके भाले,उनके घोड़े पर लिखते हुए! क्या इसी आधार पर कोई व्यक्ति सम्मानित हो जाता है ? व्यक्ति सम्मान का पात्र होता है अपने कर्म और चरित्र की वजह है ।
Read More »गाँवी खुशियों का चॉकलेट: एक परिवर्तन की कहानी
खाली पैसे बचाने के चक्कर में ढंग से खाता-पीता भी नहीं क्या!" "बारह घंटे की ड्यूटी है अम्मा, बैठकर थोड़े खाना है! ये लो, तुम्हारी मनपसंद मिठाई!"--कहकर उसने मिठाई का डिब्बा माँ को थमा दी!
Read More »स्वस्थ शरीर से बढ़कर कोई पूंजी नहीं
उसके पास पैसे की कोई कमी नहीं थी लेकिन वह बहुत ज़्यादा आलसी था। अपने सारे काम नौकरों से ही करता था और खुद सारे दिन सोता रहता या अययाशी करता था। वह धीरे धीरे बिल्कुल निकम्मा हो गया था| उसे ऐसा लगता जैसे मैं सबका स्वामी हूँ क्यूंकी मेरे पास बहुत धन है मैं तो कुछ भी खरीद सकता हूँ। यही सोचकर वह दिन रात सोता रहता था| लेकिन कहा जाता है की बुरी सोच का बुरा नतीज़ा होता है।
Read More »