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Story for Children]

मासूम बचपन

मासूम बचपनमेरी पोती अपने होने वाले भाई या बहन का बेसब्री से इंतजार कर रही थी, रोज़ मुझसे पूछती…. दादी, छोटू बेबी कब आएगा…. और मैं उससे कहती, जब हम हॉस्पिटल जाएंगे जब, तब वो पूछती…..”. क्या मिलेगा भैया या बहनियां.”….. तब मैं उससे कहती..” भगवान हॉस्पिटल में डॉक्टर आंटी को बेबी दे जाएंगे और वो हमें देंगी तब पता …

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सफल राष्ट्रपति लिंकन की विनम्रता

विनम्रता का परिचयलोकतंत्र के महान समर्थक अब्राहम लिंकन एक बार अपने गांव के नजदीक एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। भाषण के बीच एक महिला खड़ी होकर बोली – ‘अरे, यह राष्ट्रपति है? यह तो हमारे गांव के मोची का लड़का है।’अपने प्रति ये अपमानजनक शब्द सुनकर लिंकन ने बड़े ही विनम्र शब्दों में उस महिला से कहा, ‘मैडम! …

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हर समाज के लिए विचारणीय

(1) आज काफी लड़कियों के माँ- बाप अपनी बेटियों की शादी में बहुत विलंब कर रहे हैं उनको अपने बराबरी के रिश्ते पसंद नहीं आते और जो बड़े घर पसंद आते हैं उनको लड़की पसंद नहीं आती,शादी की सही उम्र 20 से 25 होती है। आज माँ-बाप ने और अच्छा करते-करते उम्र 30 से 36 कर दी है,जिससे उनकी बेटियों …

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ईमानदार ड्राईवर

रामू एक बहुत ईमानदार और मेहनती युवक था। वह बहुत हंसमुख और मधुर स्वाभाव का व्यक्ति था। एक दिन रामू एक किराने की दुकान पर गया।वहां सिक्का डालने वाला सार्वजनिक फ़ोन लगा था। रामू ने सिक्का डाला और एक नम्बर डायल किया।ट्रिंग-ट्रिंग..ट्रिंग-ट्रिंग…. किसी ने फ़ोन उठाया।रामू बोला, “ हेलो सर… नमस्ते, मैंने सुना था कि आपको एक ड्राईवर की आवश्यकता …

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एक प्राथमिक स्कूल मे अंजलि नाम की एक शिक्षिका

एक प्राथमिक स्कूल मे अंजलि नाम की एक शिक्षिका थीं वह कक्षा 5 की क्लास टीचर थी, उसकी एक आदत थी कि वह कक्षा मे आते ही हमेशा “LOVE YOU ALL” बोला करतीं थी।मगर वह जानती थीं कि वह सच नहीं बोल रही ।वह कक्षा के सभी बच्चों से एक जैसा प्यार नहीं करती थीं।कक्षा में एक ऐसा बच्चा था …

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धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का

एक बार कक्षा दस की हिंदी शिक्षिका अपने छात्र को मुहावरे सिखा रही थी। तभी कक्षा एक मुहावरे पर आ पहुँची “धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का ”, इसका अर्थ किसी भी छात्र को समझ नहीं आ रहा था। इसीलिए अपने छात्र को और अच्छी तरह से समझाने के लिए शिक्षिका ने अपने छात्र को एक कहानी …

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बसना हो तो ‘ह्रदय’ में बसो

एक दिन रुक्मणी ने भोजन के बाद, श्री कृष्ण को दूध पीने को दिया। दूध ज्यदा गरम होने के कारण श्री कृष्ण के हृदय में लगा और उनके श्रीमुख से निकला- ” हे राधे ! “ सुनते ही रुक्मणी बोली- प्रभु ! ऐसा क्या है राधा जी में, जो आपकी हर साँस पर उनका ही नाम होता है ? मैं …

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भला आदमी

एक बार एक धनी पुरुष ने एक मंदिर बनवाया | मंदिर में भगवान की पूजा करने के लिए एक पुजारी | मंदिर के खर्च के लिए बहुत सी भूमि, खेत और बगीचे मंदिर के नाम लगाएं | उन्होंने ऐसा प्रबंध किया था कि जो मंदिरों में भूखे, दीन दुखी या साधु-संतों आवे, वे वहां दो-चार दिन ठहर सके और उनको …

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कुंती का त्याग

पाण्डव अपनी मां कुंती के साथ इधर से उधर भ्रमण कर रहे थे| वे ब्राह्मणों का वेश धारण किए हुए थे| भिक्षा मांगकर खाते थे और रात में वृक्ष के नीचे सो जाया करते थे| भाग्य और समय की यह कैसी अद्भुत लीला है| जो पांडव हस्तिनापुर राज्य के भागीदार हैं और जो सारे जगत को अपनी मुट्ठी में करने …

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औरत को आईने में यूँ उलझा दिया गया,

औरत को आईने में यूँ उलझा दिया गया,बखान करके हुस्न का, बहला दिया गया.ना हक दिया ज़मीन का, न घर कहीं दिया,गृहस्वामिनी के नाम का, रुतबा दिया गया.छूती रही जब पाँव, परमेश्वर पति को कह,फिर कैसे इनको घर की, गृहलक्ष्मी बना दिया.चलती रहे चक्की और जलता रहे चूल्हा,बस इसलिए औरत को, अन्नपूर्णा बना दिया.न बराबर का हक मिले, न चूँ …

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